Blinkit की खरीदारी के बाद जोमैटो के शेयर बीते दो दिन में 15% टूट गए हैं, जिससे कंपनी के बाजार पूंजीकरण में लगभग 76.78 बिलियन रुपये की गिरावट आई है।
जोमैटो ने शुक्रवार को शेयर बाजार को भेजी गई सूचना में कहा कि यह सौदा शेयरों की अदला-बदली व्यवस्था के तहत किया किया जाएगा।
UP: शिकायत के अनुसार शनिवार रात उसे आशियाना में ही अजय सिंह नाम के कस्टमर के यहां डिलीवरी का आर्डर आया। उसने रेस्टोरेंट से आर्डर रिसीव करके दिए गए पते पर आर्डर लेकर पहुंचा। विनीत ने पुलिस को दी तहरीर में आरोप लगाया कि जैसे ही उसने अजय सिंह को अपना नाम विनीत रावत बताया, इस पर वह भड़क गए।
जोमैटो, पेटीएम, कारट्रेड, पीबी फिनटेक, एफएसएन ई-कॉमर्स और फिनो पेमेंट ऐप के बाजार पूंजीकरण में पिछले साल जुलाई से अभी तक 1.8 लाख करोड़ रुपये की करीब गिरावट आ गई है।
शुक्रवार को भी जोमैटो के लिए ब्लैक फ्राइडे रहा। शुक्रवार को कंपनी का शेयर 52-सप्ताह के निचले स्तर 57.65 रुपये पर आ गया।
Mother's Day 2022: फूड डिलीवरी ऐप Zomato की एक कर्मचारी बिना किसी कैंसिलेशन या देर से डिलीवरी की शिकायत के अपनी बेहतरीन कार्य के लिए लाखों लोगों की दिल जीत रही है।
सीसीआई ने हालांकि अपने आदेश में कहा था कि वह रेस्तरां भागीदारों को तरजीही देने और सभी मंचों पर मूल्य को तय करने जैसे समान पहलुओं की जांच करेगा।
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) खाने-पीने के सामान की ऑनलाइन डिलिवरी करने वाले प्लेटफॉर्म स्विगी और जोमैटो के खिलाफ कथित अनुचित व्यापार व्यवहार की विस्तृत जांच करेगा। यह आदेश भारतीय राष्ट्रीय रेस्तरां संघ (एनआरएआई) की शिकायत के बाद जारी किया गया है।
सिर्फ पेटीएम, जोमैटो, पीबी फिनटेक, कारट्रेड टेक और एफएसएन ई-कॉमर्स को देंखे तो इन पांच कंपनियों ने निवेशकों को अभी तक करीब 2.50 लाख करोड़ रुपये डूब चुके हैं।
पेटीएम का शेयर आपने इश्यू प्राइस 2150 रुपये से टूटकर 849 रुपये रह गया है। पेटीएम में निवेश करने वाले निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।
बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि स्टार्टअप कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट की वजह है इन कंपनियों का कारोबार घाटे में होना है।
मृतक की पहचान सलील त्रिपाठी के रूप में हुई थी। सलील परिवार में कमाने वाले अकेले शख्स थे। जब इसकी जानकारी अन्य लोगों को मिली तो वह उनकी मदद के लिए आगे आए। सलील की पत्नी के बैंक अकाउंट में लोग लगातार पैसे डाल रहे हैं।
जोमैटो और सॉफ्टबैंक द्वारा वित्तपोषित इस कंपनी ने कुछ महीने पहले 10 मिनट की डिलीवरी के वादे के साथ अपनी फास्ट डिलिवरी सर्विस शुरू की थी।
सोशल मीडिया पर कब और क्या चर्चा का विषय बन जाए इस बात अंदाजा लगाना बेहद मुश्किल होता है। बीते दिनों दो बड़ी कंपनियां विवाद में रहीं। इस पूरे मसले में भाषा केंद्र बिंदु रही।
सोशल मीडिया पर जोमैटो और हिंदी का मुद्दा गर्माया हुआ है। जानिए क्या है ये पूरा मामला और इसमें नया अपडेट क्या है।
जोमैटो ने कहा कि गुप्ता 2015 में कंपनी से जुड़े थे। 2019 में उन्हें कंपनी का सह-संस्थापक घोषित किया गया। वह 2021 में आपूर्ति प्रमुख बने। जोमैटो ने कहा, ‘‘वह न तो कंपनी के प्रवर्तक थे और न ही उनके पास कंपनी के कोई इक्विटी शेयर हैं।
अनुमान के मुताबिक फूड डिलीवरी एग्रीग्रेटर द्वारा पिछले दो सालों में तथाकथित अंडर-रिपोर्टिंग के कारण सरकार को 2000 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है।
गुप्ता ने एक आंतरिक मेल में कहा है कि वह जोमैटो में 6 साल तक रहने के बाद अब एक नए अध्याय की शुरुआत कर रहे हैं।
कंपनी ने पहली बार, कोविड-19 को देखते हुए पिछले साल लॉकडाउन के दौरान इस वर्ग में प्रवेश किया था लेकिन अपने फूड डिलिवरी व्यापार के सुधरने के बाद उसने यह वर्ग छोड़ दिया था।
जोमैटो का गठन 2008 में हुआ था। इस समय कंपनी देश के 525 शहरों में रेस्त्रां में तैयार व्यंजनों के पार्सल का वितरण कर रही है।
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