सीएम योगी आदित्यनाथ दिल्ली के दो दिन के दौरे पर है इस दौरान सीएम ने आलाकमान से लेकर सभी बड़े मंत्रियो से भेंट की योगी आदित्यनाथ के दिल्ली के दो दिन के दौरे में उनकी सरकार के शपथ की तारीख तय करने के साथ ही उसके मंत्रिमंडल के सदस्यों के नामों पर भी चर्चा हो रही है। इस बार मंत्रिमंडल में तीन डिप्टी सीएम हो सकते हैं।
पांच राज्यों के चुनाव परिणाम में बीजेपी की जोरदार वापसी का असर देश की राजनीतिक फलक पर भी दिखाई देगा। चुनाव ने साबित कर दिया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश के सबसे लोकप्रिय राजनेता बने हुए हैं।
आहार नियंत्रण, मालिश, भाप स्नान, जल चिकित्सा, उपवास, मिट्टी पट्टी, गीली पट्टी, कसरत, योगासन, सुबह-शाम टहलना आदि के माध्यम से यहां मरीजों का इलाज होता है।
कभी कांग्रेस का गढ़ कहे जाने वाले इस इलाके को अब समाजवादी पार्टी का गढ़ कहा जाता है। सपा के कद्दावर नेता दुर्गा प्रसाद की इस इलाके में अच्छी पैठ है। क्या सपा के गढ़ में इस बार खिल जाएगा 'कमल'?
पर्यटन के दृष्टिकोण से श्रावस्ती बेहद महत्वपूर्ण है, लेकिन आवागमन के संसाधनों की भारी कमी के चलते यहां लोगों की आमद कम ही हो पाती है।
जखनियाँ सीट से विधायक त्रिवेणी राम का दावा है कि उनके कार्यकाल में इस क्षेत्र में बहुत विकास हुआ है। अब विधायक के दावे में कितनी सच्चाई है? यहां की जनता से आप भी सुनिए।
कस्ता विधानसभा क्षेत्र में कुल करीब तीन लाख मतदाता हैं । जिनमें अनुसूचित जाति के मतदाताओं की बहुलता है । 2017 के विधानसभा चुनाव में सौरभ सिंह ने भाजपा की टिकट पर यहां से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की थी ।
अब्बास अंसारी ने कहा- ‘’BJP जब हारने लगी तो उसने मुझपर मुकदमें करवाए।‘’ मऊ सीट से मुख्तार चुनाव क्यों नहीं लड़ रहे हैं? इस सवाल के जवाब में अब्बास न कहा कि ‘’जो सत्ता में बैठे लोग हैं वो चाहते हैं कि मेरे पिता की हत्या हो जाए। मुझमें और मेरे पिता में कोई फर्क नहीं है।''
फूलपुर विधायक प्रवीण कुमार सिंह एरन का दावा उनके कार्यकाल में तेजी से हुआ विकास। विपक्ष बोला- झूठ बोलते हैं विधयाक। अब जनता क्या कहती है? आप भी सुनिए
बस्ती में चुनावी चर्चा तो खूब हो रही है, लेकिन आधी आबादी की बात यहां कोई नहीं कर रहा। साल 1985 के बाद से, यहां से किसी भी महिला को विधानसभा पहुंचने का मौका नहीं मिला है।
चुनाव प्रचार करने करहल पहुंचे BJP कैंडिडेट एसपी सिंह बघेल पर हमले के बाद BJP के नेता कहा रहे हैं- 'यह हमला बता रहा है करहल में सपा हार रही है।’
खलीलाबाद विधानसभा सीट उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर जिले के अंतर्गत आती है । खलीलाबाद का चुनावी इतिहास बताता है कि हर बार यहां के मतदाताओं ने अपना विधायक बदल दिया है ।
निघासन विधानसभा सीट उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के अंतर्गत आती है । इस बार निघासन सीट पर 23 फरवरी को वोटिंग होगी । सियासी दलों ने इस सीट पर जीत के लिए कमर कस ली है ।
मिश्रिख सीट पर कांटे की टक्कर। इस विधानसभा में क्या फिर कमल खिला पाएंगे रामकृष्ण भार्गव?
देश हो या प्रदेश सरकार बनाने में साधु-संतों का भी बड़ा योगदान रहता है। संतो ने एक बार फिर से उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनाने को लेकर हुंकार भरी।
इस बार उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Elections 2022) BJP बनाम SP हो गया है । 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के Ajay Singh यहां से जीतकर विधानसभा पहुंचे थे ।
मेहनौन विधानसभा सीट (Mehnaun Assembly Seat) उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गोंडा (Gonda) जिले के अंतर्गत आती है । यहां इस बार पांचवे चरण में 27 फरवरी को मतदान होगा ।
मनकापुर विधानसभा में 2017 के विधानसभा चुनाव में BJP से रमापति शास्त्री जीते थे। एक बार फिर बीजेपी ने रमापति शास्त्री पार दांव खेला है। क्या मनकापुर की जनता भी रमापति शास्त्री के साथ है?
गोला गोकर्णनाथ विधानसभा में चौथे चरण में 23 फरवरी को वोट डाले जाएंगे। 2017 के विधानसभा चुनाव में यहां की जनता ने BJP उम्मीदवार अरविंद गिरि को जीताकर विधानसभा भेजा था। इस बार यहां की जनता किसको भेजना चाहती है विधानसभा?
इस चुनाव में सरकार से नाराज़ इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के छात्रों ने कहा कि ‘’जब देखो तब पेपर लीक हो जाते हैं। नौकरी मांगने पर छात्रों पर लाठियां बरसाई जाती हैं। छात्र मानसिक रूप से बीमार हो चुका है।’’
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