सर्दियो में सूरज की रोशनी और धूप कम होने से लोगों में थोड़ा डिप्रेशन नजर आता है. इसी को सीजनल इफेक्टिव डिसऑर्डर यानि SAD भी कहा जाता है. क्योंकि धूप का रिश्ता हॉर्मोंस से होता है जिनसे हमारा मूड कंट्रोल होता हैं.
पहाड़ों पर बर्फबारी की वजह से उत्तर भारत में शीतलहर की चेतावनी दी जा रही है...शिमला से ज़्यादा हरियाणा ठंडा हो गया है..राजस्थान के सीकर में तो पारा 1.5 डिग्री टच कर गया..
जब फेफड़ों को ऑक्सीजन नहीं मिलेगी तो सांस लेने में तकलीफ होना लाज़िमी है...इसके अलावा वायरल फीवर, कोल्ड,कफ, एलर्जी. गले में खराश, टॉन्सिल्स की परेशानी भी सर्दी के मौसम एंजॉय नहीं कर पाते..
सर्दी में चाय-कॉफी और खाने का ओवरडोज़ होता है और दूसरा फिज़िकल एक्टिविटी ना के बराबर रह जाती है....इससे बीपी..शुगर से लेकर यूरिक एसिड तक बढ़ जाता है..सर्दियों में हाई प्रोटीन डाइट और कम पानी पीना भी हाई यूरिक एसिड बढ़ाती है
नाखुनों में ऐसे व्हाइट स्पॉट वॉर्निंग देतें हैं कि आपको zinc की ज़रूरत है..वहीं घुटनों-कोहनियों में कट-कट की आवाज़ चेतावनी देती है कि विटामिन-D का लेवल घट रहा है
लोग मुगालते में बहुत रहते हैं...सेहत के लिहाज से भी देखें तो तमाम तरह की गलतफहमियां पाले हैं....डायबिटीज की बात ही करें तो मीठा खाने के तमाम तरीके ढूंढ़ रखे हैं...शुगर कंट्रोल के उपाय भी ऐसे कि स्वाद मिलता रहे.
हर सुबह एक नई उम्मीद लेकर आती है...हर सवेरा आपको अपने सपने साकार करने का मौका देता है...होगा वैसा ही, जैसा आप सोचेंगे..बस एक कोशिश करने की जरूरत है...सिर्फ एक पहल से आपकी सब ख्वाहिशें पूरी होंगी...खुद को आजमाकर तो देखिए,कामयाबी जरूर मिलेगी..जी हां.. '5AM CLUB'...पूरी दुनिया में ये वो elite club है..
हमारा शरीर भी एक इमारत की तरह ही है..जिसमें हार्ट, लंग, लिवर, किडनी, और बाकी ऑर्गन्स रहते हैं..और शरीर रूपी इस इमारत का ढांचा बना है हड्डियों से..वो जितनी मज़बूत..बॉडी स्ट्रक्चर उतना परफेक्ट..जितनी अच्छी उनकी ग्रोथ..उतनी अच्छी आपकी लंबाई..लेकिन अफसोस इतनी अहमियत होने के बावजूद लोग इनकी हेल्थ का ध्या
'Brain Rot'..जी हां 'Brain Rot'...कभी पाला पड़ा है इस लफ्ज़ से ?..कभी सुना है आपने ये Word ? वैसे मैं दावे से कह सकता हूं कि आप इसे जानते हैं...अच्छा चलिए--''दिमाग का दही होना'' तो पता हैं ना !...बस ये समझ लीजिए कि--Gen-Zee ने इसका नाम बदल दिया है...और ये तो हम सब जानते हैं कि--जेनरेशन Zee'' यानि 12
नॉनवेजज्यादा खाने से लोग मोटापे की गिरफ्त में आ रहे हैं...मीट में सेचुरेटेड फैट ज्यादा होता है..जिसकी वजह से कोलेस्ट्रॉल और फैट इम्बैलेंस होता है...और फिर दिल-लिवर-किडनी की परेशानी शुरु हो जाती है..
माइग्रेन पेशेंट्स पर प्रदूषण और सर्दी का डबल अटैक होगा क्योंकि इन दोनों ही दुश्मनों से साइनस, कोल्ड-कफ, हाई बीपी, आंखों में सूखापन, डिहाइड्रेशन बढ़ता है..जो हेडेक देता है.. माइग्रेन ट्रिगर होता है..अगर बच्चे-बड़े सबको जोड़ दें तो दुनिया में हर 7वें शख्स को हेडेक होता है तो अकेले भारत में 21 करोड़ से
धीरे-धीरे ही सही ठंड महसूस होने लगी है..कुछ दिन में सर्द हवा भी आंखों को परेशान करेगी...स्मॉग और पॉल्यूशन तो है ही...ऊपर से बीच-बीच में ऑनलाइन क्लासेज भी शुरु हो जाते हैं
क्या आपको भी बढ़ती उम्र के साथ कमजोर हो रहे शरीर की चिंता सताने लगी है...बीतते वक्त के साथ हो रहे 'मेमोरी लॉस' को महसूस करने लगे हैं...मसलन--'कमरे में गए और भूल गए कि कौन सा काम करने गए थे' ?
पॉल्यूशन कंट्रोल करने को लेकर सरकार से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक स्ट्रिक्ट एक्शन ले रही है..हालात देखते हुए तो लगता है कि ग्रीन लॉकडाउन लगाने की ज़रूरत है लेकिन ये इतना आसान भी नहीं है..जो हमारे हाथ में है..वो तो कम कर ही सकते हैं..प्राणायाम से फेफड़ों की कपैसिटी बढ़ा सकते हैं और योग से इम्यूनिटी मज़बूत
सड़क से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक हाहाकार मचा हुआ है...AQI 500 के पार पहुंच चुका है...स्कूल बंद करने पड़े हैं...दिल्ली तो दिल्ली..अब गुरुग्राम और नोएडा में भी प्रदूषण से लोगों का दम घुटने लगा है
Yoga : जहरीली हवा से ज्वाइंट पेन..हड्डियों में अकड़न-सूजन Swami Ramdev
YOGA TIPS: दुनिया में इस समय ब्रेन स्ट्रोक के मामले 1.5 करोड़ के करीब हैं.. जिनमें से 50 लाख लोगों की मौत हो जाती है और 50 लाख लोग विकलांगता का शिकार हो जाते हैं.. अकेले भारत में हर साल 18 लाख से ज्यादा लोग इससे पीड़ित होते हैं आघात। ..और जो लोग ठीक हो रहे हैं अगर उन्होंने इसे गंभीरता से नहीं लिया त
506, 473, 472, 471...ये है दिल्ली की हवा में घुले प्रदूषण के ज़हर का हाल..आखिर इतनी ज़हरीली हवा में लोग कैसे ले पा रहे हैं सांस...राजधानी के 14 इलाकों में AQI साढ़े चार सौ के पार है...जहांगीरपुरी का तो AQI कल सुबह 500 क्रॉस कर गया था..कोई इसके लिए पराली के धुएं को जिम्मेदार बताता है.
जिन लोगों को बात बात पर एंटीबायोटिक लेने की आदत है...जो ज़रा ज़रा सी तकलीफ पर गोली खाते हैं...वो आज से..बल्कि अभी से अपनी ये आदत छोड़ दें... वरना एक वक्त आएगा जब लोग बीमार तो होंगे..लेकिन एंटीबायोटिक दवाएं काम नहीं आएंगी..उनका असर खत्म हो जाएगा..
Yoga LIVE : मोबाइल एडिक्शन से ब्रेन डिस ऑर्डर..बच्चों में बढ़ी ऑटिज्म की बीमारी | Mobile Addiction
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