आज इंटरनेशनल यूथ डे है। जिस देश की करीब 65 फीसदी जनसंख्या 35 साल से कम हो, उसके लिए ये दिन बहुत खास है। सही मायनों में ये दिन हिंदुस्तान का है।
लिपोमा की गांठें छोटी या बड़ी दोनों साइज की होती हैं। ये महिलाओं से ज्यादा पुरुषों में दिखाई देती है। अच्छी बात ये है कि योगाभ्यास और आयुर्वेदिक उपचार से लिपोमा की गांठों को ठीक किया जा सकता है।
बीमारियों की फैमिली चेन को तोड़ा भी जा सकता है। इसलिए अगर माता-पिता योग करेंगे तो ना तो बच्चों में जेनेटिक बीमारियां जाएंगी, बल्कि रोजाना योग के संकल्प से वो ताउम्र निरोगी भी बने रहेंगे।
गुरु पूर्णिमा के खास मौके पर स्वामी रामदेव ने स्वस्थ शरीर के लिए कई योगासनों के बारे में बताया है।
चार में से एक युवा डिप्रेशन के शिकार है। लेकिन जब सेहत अच्छी होती तो हमारा पूरा शरीर ठीक ढंग से काम करेगा ऐसे में आज के युवा खुद को फिट रखने के लिए योग और प्राणायाम की मदद ले सकते हैं।
अनुपम खेर, सारा अली खान, हेमा मालिनी, आलिया भट्ट और टिस्का चोपड़ा सहित कई बॉलीवुड सेलेब्स ने योग दिवस पर ना सिर्फ योग किया, बल्कि फैंस को फिट रहने का फॉर्मूला भी बताया।
वात, पित्त और कफ हमारे शरीर को स्पीड देने का काम करते है। इसलिए इसका संतुलन रहना बहुत ही जरूरी है।
कोरोना के दौर में बच्चों का खेलना-कूदना कम हो गया है। इसका असर उनके शारीरिक और मानिसक स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। ऐसे में योग और आयुर्वेद के जरिए बच्चों को स्वस्थ रखा जा सकता है।
कोरोना से रिकवरी के बाद भी लोगों को कई हफ्तों तक रोज सिर में दर्द हो रहा है। डॉक्टर्स इसे पोस्ट कोविड सिंड्रोम कहते हैं। सिरदर्द के साथ-साथ करीब 34 फीसदी मरीजों में अलग-अलग तरह के न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर भी हो रहे हैं।
ब्लैक फंगस एक ऐसा फंगल इंफेक्शन है, जो शरीर में बहुत तेजी से फैलता है। इससे नाक, आंख, दिमाग, फेफड़े या फिर त्वचा पर असर भी हो सकता है।आयुर्वेदिक उपचार और योगासन के जरिए इसे काफी हद तक ठीक किया जा सकता है।
पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम यानी PCOD महिलाओं में होने वाली एक हार्मोनल समस्या है। इस बीमारी में मोटापा, कमरदर्द और कई तरह की सेहत संबंधी परेशानियां होती हैं।
अक्सर लोगों को तनाव या चिंता हो जाता है। इसके पीछे कई अलग-अलग कारण हो सकता हैं।
केन्द्रीय आयुष मंत्री श्रीपद नाइक ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा योग को लेकर विश्वस्तर पर उत्पन्न की गई जागरूकता ने कई देशों को वैश्विक महामारी कोविड-19 से निपटने में मदद की।
महंत नरेंद्र गिरि ने कहा, "आनंद गिरी ने अपने पूरे परिवार को नासिक, उज्जैन, प्रयागराज और हरिद्वार कुंभ में बुलाया, जबकि हमारे अखाड़े की परंपरा के मुताबिक पारिवारिक संबंध नहीं बनाए जा सकते।"
एंजायटी डिसऑर्डर में पैनिक अटैक आते हैं। दिल की धड़कन बढ़ जाती है। पसीना आता है। सांस लेने में तकलीफ होती है। चक्कर तक आते हैं और सीने में दर्द जैसे लक्षण भी महसूस होते हैं।
कोरोना से रिकवर होने के बाद सिर में बहुत ज्यादा दर्द, आंखों में रेडनेस, आंखों से पानी आना, आंखों के मूवमेंट का बंद हो जाना.. जैसी परेशानियां देखी जा रही हैं।
साइंटिस्ट की मानें तो भारत में सितंबर तक कोरोना की तीसरी लहर शुरू हो सकती है, जो बच्चों को टारगेट बना सकती है। रिसर्च के मुताबिक, वायरस का ये वैरिएंट 1 हजार गुना ज्यादा खतरनाक और तेजी से फैलने वाला होगा।
स्वामी रामदेव के मुताबिक, भस्त्रिका, कपालभाति, अनुलोम विलोम, भ्रामरी, उद्गीथ .. इन्हें रोजाना करना चाहिए।
आंखों का लाल होना, पानी आना, तेज दर्द या जलन या यूं कहें कंजेक्टिवाइटिस.. कोरोना के लक्षण हो सकते हैं।
इस बार 60 से 65 फीसदी मरीजों को सांस लेने में काफी दिक्कत आ रही है। उनका ऑक्सीजन लेवल तेजी से घटता है। 2 से 3 दिन के अंदर ये 80 से नीचे पहुंच जाता है और ऐसे में तुरंत ऑक्सीजन की जरूरत होती है।
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