Sitapur की Misrikh Assembly में 23 फरवरी को वोट डाले जाएंगे. 1993 से 2012 तक यहां SP का राज रहा, लेकिन 2017 में BJP यहां कमल खिलाने में सफल रही. पिछले चुनाव में BJP के Ramakrishna Bhargava चुनाव जीते थे. इस बार भी BJP ने रामकृष्ण भार्गव को यहां से टिकट दिया है. इस सीट पर दलित मतदाताओं की संख्या अधिक है. यह एक सुरक्षित सीट है इसके बावजूद भी यहां कभी बसपा का खाता नहीं खुल पाया है. इस बार भी BJP वापसी करेगी? BSP का खाता खुलेगा? या SP फिर से यहां राज करने लौट रही है? जानने के लिए इंडिया टीवी (India TV)’ का खास शो (Show) ‘ये पब्लिक है सब जानती है’ (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai) की टीम मिश्रिख विधानसभा पहुंची. बातचीत के दौरान यहां की कुछ जनता ने BJP के कार्यकाल को सही बताया, तो कुछ ने सपा शासन का गुणगान किया. वहीं कुछ जनता बसपा पर भी भरोसा जताती दिखी.
Azamgarh District का Atraulia Assembly Constituency SP का अभेद्य किला माना जाता है. यहां Balram Yadav के परिवार का दबदबा रहता है. बलराम यादव 5 बार यहां से विधायक रहे. अब उनके बेटे Sangram Yadav यहां से विधायक हैं. 2012 से ही इस सीट पर संग्राम यादव काबिज हैं. यहां करीब साढ़े तीन लाख वोटरों की संख्या है. मुस्लिम और OBC वोटर बहुल क्षेत्र में BJP इस बार सपा के मजबूत किले को जीत पाएगी? समझने के लिए 'इंडिया टीवी’ का खास शो ‘ये पब्लिक है सब जानती है’ की टीम अतरौलिया विधानसभा पहुंचकर यहां की जनता से बात की.
प्रयागराज में पांचवें चरण में 27 फरवरी को मतदान होगा. हर पार्टी जनता को अपने पक्ष में करने की कोशिश में जुटी है. वहीं जनता भी बीते पांच साल का हिसाब लेने के मूड में है. ऐसे में साधु-संतों की सरकार से क्या अपेक्षाएं हैं? संतों के लिए सरकार ने क्या किया? साधु-संत किस पार्टी को जीताने के मूड में हैं? जानने के लिए इंडिया टीवी (India TV)’ का खास शो (Show) ‘ये पब्लिक है सब जानती है’ (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai) की टीम प्रयागराज में साधु-संतों के पास पहुंची. बातचीत के दौरान संतों ने कहा कि ‘’सरकार का शासन 70 से 75 प्रतिशत ठीक रहा है. राम मंदिर निर्माण कार्य से संत खुश नज़र आए, वहीं निर्माण कार्य धीरे चल रहा है इसकी शिकायत भी की. कोविड काल में संतों को सही देख-भाल नहीं मिली इसको लेकर भी साधु-संत समाज नाराज़ नजर आया. वहीं इस सरकार में अफसशाही को संतों ने गलत बताया.’’
मनकापुर विधानसभा में 2017 के विधानसभा चुनाव में BJP से रमापति शास्त्री जीते थे। एक बार फिर बीजेपी ने रमापति शास्त्री पार दांव खेला है। क्या मनकापुर की जनता भी रमापति शास्त्री के साथ है?
Shrinagar Assembly Seat Uttar Pradesh के Lakhimpur Kheri District के अंतर्गत आती है. यह सीट अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित है. इस बार श्रीनगर विधानसभा सीट पर मतदान चौथे चरण में 23 फरवरी को होगा. वैसे तो इस श्रीनगर विधानसभा क्षेत्र में सभी जाति-वर्ग के लोग रहते हैं. लेकिन यहां सबसे अधिक संख्या दलित वर्ग के मतदाताओं की है. साथ भी चुनाव में ब्राह्मण, राजपूत और वैश्य मतदाता भी अहम भूमिका निभाते हैं. 2017 के Assembly election में BJP की Manju Tyagi ने SP की Mira Banu को 54 हजार से भी अधिक वोटों से हराकर विधायक बनी. 2022 में श्रीनगर सीट पर कौन बाजी मारेगा, इसका पता तो 10 मार्च को चलेगा. इसी चुनावी समर के बीच इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम श्रीनगर विधानसभा क्षेत्र की जनता के बीच पहुंचा. जहां क्षेत्र की जनता ने आगामी विधानसभा चुनाव और इलाके की समस्याओं को लेकर अपने विचार हमारे साथ साझा किए.
गोला गोकर्णनाथ विधानसभा में चौथे चरण में 23 फरवरी को वोट डाले जाएंगे। 2017 के विधानसभा चुनाव में यहां की जनता ने BJP उम्मीदवार अरविंद गिरि को जीताकर विधानसभा भेजा था। इस बार यहां की जनता किसको भेजना चाहती है विधानसभा?
Gonda district के Mankapur Assembly में, 2017 के Assembly election में BJP से Ramapati Shastri जीते थे. 1996 से 2012 तक यहां SP का शासन रहा. लेकिन पिछले चुनाव में मोदी लहर में यह सीट BJP के खाते में आ गई. इस सीट पर सबसे ज्यादा Congress ने जीत दर्ज की है. आजादी के बाद से लेकर अब तक यहां कांग्रेस 11 बार चुनाव जीत चुकी है. मनकापुर विधानसभा सुरक्षित सीट है. यहां कुल वोटरों की संख्या साढ़े तीन लाख के करीब है. इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा ब्राह्मण वोटर हैं. मनकापुर क्षेत्र में कितना हुआ है विकास? स्कूल, कॉलेज, सड़कों का क्या है हाल? जानने के लिए इंडिया टीवी (India TV)’ का खास शो (Show) ‘ये पब्लिक है सब जानती है’ (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai) की टीम मनकापुर विधानसभा पहुंचकर यहां को लोगों से बात की.
Lakhimpur Kheri के अंतर्गत आने वाली Gola Gokarnath Assembly में चौथे चरण में 23 फरवरी को वोट डाले जाएंगे. 2017 के Assembly Election में यहां की जनता ने BJP उम्मीदवार Arvind Giri को जीताकर विधानसभा भेजा था. इस विधानसभा क्षेत्र में करीब चार लाख मतदाता हैं. कुर्मी और ब्राह्मण वोटरों का यहां दबदबा है. मुस्लिम वोटर भी निर्णायक भूमिका में रहते हैं. इस चुनाव में यहां कि जनता किसको जीताना चाहती है? गोला की जनता के मन में क्या है? क्या इस बार भी BJP कब्जा बरकरार रख पाएगी? जानने के लिए 'इंडिया टीवी’ का खास शो ‘ये पब्लिक है सब जानती है’ की टीम गोला गोकर्णनाथ विधानसभा पहुंची थी. बातचीत के दौरान अपने विधायक से यहां की जनता कितना खुश दिखी और कितना नाराज़? आप भी देखिए.
Uttar Pradesh में Assembly Election हो रहे हैं. नेता-जनता के बीच की दूरी काफी कम हो गई है. दावे और वादे जमकर हो रहे हैं. ऐसे में छात्रों के मन में क्या चल रहा है? क्या छात्रों को नेताओं की भाषा समझ में आ रही है? छात्रों को नेताओं के वादों पर कितना भरोसा है? जानने के लिए 'इंडिया टीवी’ का खास शो ‘ये पब्लिक है सब जानती है’ की टीम Allahabad University के छात्रों के बीच पहुंची. बातचीत के दौरान ज्यादातर छात्र सरकार से नाराज़ नज़र आए. छात्रों ने कहा कि ‘’जब देखो तब पेपर लीक हो जाते हैं. नौकरी मांगने पर छात्रों पर लाठियां बरसाई जाती हैं. सरकार जितनी नौकरियां देने का दावा कर रही है, वह सही नहीं है. छात्र मानसिक रूप से बीमार हो चुका है.’’
Nighasan Assembly Seat Uttar Pradesh के Lakhimpur Kheri District के अंतर्गत आती है. कभी इस सीट पर कांग्रेस की सत्ता काबिज रहती थी. लेकिन बदलते सियासी समीकरणों के चलते आज यहां BJP का कब्जा है. निघासन विधानसभा सीट इन दिनों चर्चा का केंद्र भी बनी हुई है. इसका मुख्य कारण Union Minister of State Ajay Mishra Teni हैं. जो हाल ही में अपने बेटे Ashish Mishra द्वारा किसानों पर गाड़ी दौड़ाने को लेकर खूब सुर्खियां बटौर चुके हैं. टेने ने भी 2012 में भाजपा की टिकट पर निघासन से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की थी. निघासन विधानसभा क्षेत्र में ब्राह्मण मतदाताओं की बहुलता है. लेकिन चुनाव में पिछड़ा वर्ग के मतदाता भी निर्णायक भूमिका निभाते हैं. 2017 में भाजपा के Ramukar Verma Patel ने यहां जीत हासिल की थी. लेकिन उनकी मृत्यु के बाद इस सीट पर उपचुनाव हुए जिसमें उनके पुत्र Shashank Verma ने भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. इस बार निघासन सीट पर 23 फरवरी को वोटिंग होगी. सियासी दलों ने इस सीट पर जीत के लिए कमर कस ली है. इसी चुनाव समर के बीच इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम निघासन विधानसभा क्षेत्र की जनता के बीच पहुंचा. जहां क्षेत्र की जनता ने आगामी विधानसभा चुनाव और इलाके की समस्याओं को लेकर अपने विचार हमारे साथ साझा किए.
प्रयागराज के करछना विधानसभा में BJP आज तक जीत का स्वाद नहीं चख सकी है। इस बार सपा के गढ़ में BJP करेगी सेंधमारी? क्या चाहता है करछना क्षेत्र का वोटर?
उत्तर प्रदेश विधानसभा (Uttar Pradesh Assembly election 2022) के 9 Districts की 55 सीटों पर आज 14 फरवरी को Second Phase का Voting हो रहा है। दूसरे चरण में उत्तर प्रदेश की 55 सीटों पर कुल 586 उम्मीदवार मैदान में हैं। पिछले चुनाव में इन सीटों में से 38 सीटें BJP, दो Congress और 15 SP के पास थीं। दूसरे चरण के चुनाव के प्रमुख चेहरों में Chandauli से Gulab Devi, Nakur से Dharam Singh Saini, Suar से Abdullah Azam, Rampur से Aajam Khan, Shahjahanpur से Suresh Khanna और Amroha से Mehboob Ali शामिल हैं।
Mehnaun Assembly Seat Uttar Pradesh के Gonda district के अंतर्गत आती है. यहां इस बार पांचवे चरण में 27 फरवरी को मतदान होगा. इस विधानसभा क्षेत्र में साढ़े तीन लाख से अधिक मतदाता है. जिनमें सबसे अधिक सवर्ण मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है. लेकिन चुनाव में क्षेत्र की अनुसूचित जाति के मतदाता भी अहम भूमिका निभाते हैं. 2017 के Assembly Election में BJP के Vinay Kumar ने BSP के Arshad Ali Khan को 36 हजार से भी अधिक वोटों से यहां मात दी थी. इस मेहनौन विधानसभा क्षेत्र की जनता के मन में क्या है? इलाके के मतदाता मौजूदा विधायक के कार्यों से कितने संतुष्ट हैं? सियासत से जुड़े इन तमाम सवालों के जवाबों की तलाश में 'इंडिया टीवी' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है' की टीम मेहनौन विधानसभा क्षेत्र की जनता के बीच पहुंचा. जहां क्षेत्र की जनता ने आगामी विधानसभा चुनाव और इलाके की समस्याओं को लेकर अपने विचार हमारे साथ साझा किए.
हरगांव Assembly Seat Uttar Pradesh के Sitapur district के अंतर्गत आती है. हरगांव विधानसभा क्षेत्र में कुल पौने पांच लाख मतदाता हैं. इलाके की अधिकांश आबादी ग्रामीण इलाकों में रहती है. यहां दलित समाज के वोटरों की संख्या सबसे अधिक है. वहीं इलाके में ब्राह्मण और क्षत्रित मतदाता भी अच्छी तादा में हैं. इस बार हरगांव विधानसभा सीट पर 23 फरवरी को मतदान होगा. 2017 में हरगांव विधानसभा सीट पर BJP के Suresh Rahi ने जीत हासिल की थी. बीते पांच सालों में भाजपा विधायक ने क्षेत्र का कितना विकास किया? इलाके की जनता भाजपा विधायक के काम से कितनी संतुष्ट है? ऐसे कई सवालों को लेकर इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम हरगांव विधानसभा क्षेत्र की जनता के बीच पहुंचा. जहां क्षेत्र की जनता ने आगामी विधानसभा चुनाव और इलाके की समस्याओं को लेकर अपने विचार हमारे साथ साझा किए.
2017 में BJP से नीलम करवरिया विधायक बनीं। नीलम ने SP के राम सेवक पटेल को हराया था। यह क्षेत्र ब्राह्मण बहुल माना जाता है। यादव, मुस्लिम, दलित वोटर भी यहां निर्णायक भूमिका में हैं। इस बार भी नीलम करवरिया को BJP ने टिकट दिया है। मेजा की जनता इस बार किसको जीताना चाहती है?
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Elections 2022) को लेकर प्रदेश में सरगर्मियां तेज हो चुकी हैं. Khalilabad Assembly Seat पर इस बार 3 मार्च को वोटिंग होगी. लेकिन वोटिंग से पहले पूरा क्षेत्र चुनावी माहौल में रंग चुका है. इस सीट पर हर जाति के लोग निवास करते हैं. लेकिन क्षेत्र में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है. इस सीट पर लगातार किसी एक दल का कब्जा नहीं रह पाया है. 2017 में खलीलाबाद विधानसभा सीट पर BJP ने कब्जा किया था. भाजपा के Digvijay Narayan alias Jay Choubey यहां कमल खिलाने में सफल रहे थे. 2022 में भाजपा के सामने इस सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखने की चुनौती है. क्या भाजपा बदल पाएगी इतिहास? 2022 में यहां फिर से कमल खिल पाएगा? इन तमाम सवालों के जवाब की तलाश में 'इंडिया टीवी' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है' की टीम खलीलाबाद विधानसभा क्षेत्र की जनता के बीच पहुंचा. जहां क्षेत्र की जनता ने आगामी विधानसभा चुनाव और इलाके की समस्याओं को लेकर अपने विचार हमारे साथ साझा किए.
संगम नगरी प्रयागराज की South Assembly Seat पर कभी BJP की तूती बोला करती थी. भाजपा के वरिष्ठ नेता Kesarinath Tripathi 6 बार इस सीट से विधायक बने. भाजपा ने इस सीट पर 1989 में अपनी जीत की शुरुआत की जो 2007 तक कायम रही. लेकिन 2007 में BSP प्रत्याशी Nand Gopal Gupta ने केसरीनाथ त्रिपाठी को हराकर इस सीट पर कब्जा कर लिया. 2012 में SP ने बसपा से यह सीट छीन ली थी. 2017 में भाजपा ने फिर से यहां वापसी करते हुए जीत हासिल की. इस बार नंद गोपाल नंदी ने भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. भाजपा ने एक बार फिर से नंद गोपाल नंदी पर भरोसा जताया है. प्रयागराज दक्षिण विधानसभा सीट पर 27 फरवरी को वोटिंग होगी. क्षेत्र में करोबारी वर्ग की अधिकता है. इसके साथ मुस्लिम और ब्राह्मण मतदाता भी चुनाव में अहम भूमिका निभाते हैं. इस बार प्रयागराज दक्षिण सीट से किस दल का उम्मीदवार जीतेगा इसका फैसला 10 मार्च को हो जाएगा. इसी चुनावी समर के बीच 'इंडिया टीवी' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है' की टीम प्रयागराज दक्षिण विधानसभा क्षेत्र की जनता के बीच पहुंचा. जहां क्षेत्र की जनता ने आगामी विधानसभा चुनाव और इलाके की समस्याओं को लेकर अपने विचार हमारे साथ साझा किए.
Prayagraj Meja Assembly में कभी Revathi Raman Singh का सिक्का चलता था. लेकिन परिसीमन के बाद रमण सिंह का प्रभाव खत्म हो गया. मेजा विधानसभा पहले Karchana Assembly Constituency में ही शामिल था. पुनर्गठन के बाद हुए Assembly Elections में सबसे पहले मेजा क्षेत्र से SP के Gamma Pandey जीते. 2017 में BJP से Neelam Karwaria विधायक बनीं. नीलम ने SP के Ram Sevak Patel को हराया था. यह क्षेत्र ब्राह्मण बहुल माना जाता है. यादव, मुस्लिम, दलित वोटर भी यहां निर्णायक भूमिका में हैं. इस बार भी नीलम को BJP ने दिया टिकट है. अब मेजा की जनता इस बार किसको जीताना चाहती है? उनका मन टटोलने के लिए इंडिया टीवी (India TV)’ का खास शो (Show) ‘ये पब्लिक है सब जानती है’ (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai) की टीम मेजा पहुंचकर लोगों से चर्चा की.
Lakhimpur District की Dhaurahra Assembly को गांजर क्षेत्र भी कहा जाता है. शारदा नदी की बाढ़ से प्रभावित रहता है यह क्षेत्र. 2017 में BJP से Bala Prasad ने यहां से जीत दर्ज की थी. यहां चौथे चरण मे 23 फरवरी को वोटिंग होगी. BJP ने Vinod Shankar Awasthi को टिकट दिया है. वहीं SP ने यहां से Varun Chowdhary को चुनावी मैदान में उतारा है. BSP Anand Mohan Trivedi को इनके खिलाफ खड़ा की है. वहीं Congress ने Jitendri Devi को यहां से टिकट दिय है. क्या BJP फिर कर पाएगी वापसी? धौरहरा की जनता क्या चाहती है? यहां के मुद्दे क्या है? जानने के लिए इंडिया टीवी (India TV)’ का खास शो (Show) ‘ये पब्लिक है सब जानती है’ (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai) की टीम धौरहरा विधानसभा पहुंचकर लोगों से बात की.
Prayagraj के Karachhana Assembly में BJP आज तक जीत का स्वाद नहीं चख सकी है. यहां SP नेता Revathi Raman Singh का लंबे समय से वर्चस्व रहा है. 2017 में सपा से Ujjwal Raman Singh विधायक चुने गए . रेवती रमण के बेटे हैं उज्जवल रमण सिंह. करछना में कमल खिलाना BJP के लिए बड़ी चुनौती है. यहां करीब साढ़े 3 लाख मतदाता हैं. इस बार सपा के गढ़ में BJP करेगी सेंधमारी? क्या चाहता है करछना क्षेत्र का वोटर? जानने के लिए इंडिया टीवी (India TV)’ का खास शो (Show) ‘ये पब्लिक है सब जानती है’ (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai) की टीम करछना विधानसभा पहुंची और वहां के लोगों से बात की.
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