7 दिसंबर 2021 के दिन Gorakhpur को सबसे बड़ा उपहार प्रधानमंत्री ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS Gorakhpur) के रूप में दिया । AIIMS का उद्घाटन होते ही Uttar Pradesh के साथ ही बिहार, झारखंड और नेपाल तक के लोगों में जीवन जीने का उत्साह भर गया. क्योंकि जिस अच्छे उपचार के लिए यहां के लोगों को दिल्ली जाना पड़ता था, वो अब गोरखपुर में ही उपलब्ध है. करीब 100 एकड़ में फैले इस संस्थान में रैन बसेरे भी बनाए गये हैं. यहां मरीज के साथ आये लोग भी आराम से रह सकते हैं. जब से यह संस्थान जनता के लिए खोला गया है, तब से यहां काफी संख्या में लोग अपना इलाज़ करा चुके हैं. इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान प्रदेश के सभी इलाके में पहुंच रही है. पांच साल में कितना बदला है प्रदेश? इस सवाल पर जनता से चर्चा कर रही है. इसी सिलसिले में टीम गोरखपुर एम्स पहुंची थी. यहां की सुविधाओं को करीब से देखा-समझा. इस संस्थान के बारे में विस्तृत बातचीत हुई. आप भी सुनिए.
Jaunpur की Malhani Assembly Seat से चुनाव लड़ने के लिए जब से JDU ने बाहुबली Dhananjay Singh को टिकट दिया है, यह सीट काफी चर्चा में आ गई है. इस सीट के पिछले दो दशक के इतिहास पर नज़र डालें तो पता चलता है कि यहां BJP, SP और BSP जैसी बड़ी पार्टियों के प्रत्याशियों को जमानत बचाने के लिए मशक्कत करनी पड़ती है. इस सीट पर बाहुबली धनंजय सिंह की अच्छी खासी पकड़ है. कहा जाता है कि मल्हनी के बड़े वोट बैंक पर धनंजय सिंह का इतना प्रभाव है कि वह जिस पार्टी या उम्मीदवार को वोट देने का इशारा कर देते हैं, उसी की जीत तय हो जाती है. 2002 में पहली बार धनंजय सिंह रारी सीट (अब मल्हानी) से निर्दलीय चुनाव जीते थे. 2007 में बीजेपी-JDU के साझा उम्मीदवार के तौर पर जीते. 2009 में हाथी के टिकट पर लोकसभा पहुंचे. सांसद बनने के बाद धनंजय सिंह के पिता BSP के टिकट पर चुनाव लड़कर विधायक बने. 2012 में BSP ने सीटिंग विधायक धनंजय सिंह के पिता का टिकट काटकर Panini Singh को मैदान में उतारा. लेकिन 2012 में यहां सपा के पारसनाथ यादव चुनाव जीते. 2017 के चुनाव में फिर से पारसनाथ विजयी रहे, लेकिन 2019 में उनेक निधन के बाद उनके बेटे लकी यादव उपचुनाव जीतकर विधायक बने. एक बार फिर धनंजय सिंह चुनावी मैदान में उतर आये हैं. मल्हनी की जनता किसको जीताना चाहती है? जानने के लिए इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम मल्हनी विधानसभा पहुंचकर लोगों से चर्चा की. जनता को कौन पसंद है? आप भी सुनिए.
Uttar Pradesh का Kushinagar District अपनी सांस्कृतिक विरासत के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है. यह भूमि बौद्ध धर्म के लिए एक पवित्र स्थान है. यहीं पर भगवान बुद्ध को निर्वाण प्राप्त हुआ था. यहां पर कई प्राचीन स्तूप हैं जिनका निर्माण सम्राट अशोक ने करवाया था. इस जगह की बढ़ती लोकप्रीयता को देखते हुए यहां 260 करोड़ रुपए की लागत से एयरपोर्ट बनाया गया है. यह ज़िला Gorakhpur से 51 कीलोमीटर दूर स्थित है. इस जगह की महिमा को करीब से समझने के लिए इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम कुशीनगर पहुंची थी. यहां के संरक्षक ने जो कुछ बताया आप भी सुनिए.
Ghazipur District की Jahurabad Assembly में कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है. इस विधानसभा में आखिरी चरण में 7 मार्च को वोट डाले जाएंगे. यह सीट काफी चर्चा में है क्योंकि यहां से सुभासपा प्रमुख Omprakash Rajbhar, BSP उम्मीदवार Shadab Fatima और BJP उम्मीदवार Kalicharan Rajbhar के बीच कड़ा मुकाबला है. शादाब फातिमा 2007 में गाजीपुर सदर से सपा के टिकट पर चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंची थीं. 2012 में सपा ने शादाब फातिमा को जहूराबाद सीट से चुनाव मैदान में उतारा था. तब फातिमा ने सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर को हराया दिया था. 2017 में सुभासपा और बीजेपी ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. तब यहां की जनता ने ओमप्रकाश राजभर को विधायक चुना. 2022 में सपा और सुभासपा मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं. पांच साल में जहूराबाद विधानसभा में कितना विकास हुआ है? यहां कि जनता ओपी राजभर के विकास कार्य से कितना प्रभावित है? कहीं जनता ओपी राजभर को दलबलू तो नहीं समझती? जानने के लिए इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम जहूराबाद विधानसभा पहुंची थी. यहां कि जनता ने क्या कहा? आप भी सुनिए.
कभी कांग्रेस का गढ़ कहे जाने वाले इस इलाके को अब समाजवादी पार्टी का गढ़ कहा जाता है। सपा के कद्दावर नेता दुर्गा प्रसाद की इस इलाके में अच्छी पैठ है। क्या सपा के गढ़ में इस बार खिल जाएगा 'कमल'?
Azamgarh Sadar Assembly Seat SP का मजबूत गढ़ मानी जाती है. इस सीट से Durga Prasad Yadav आठ बार से विधायक हैं. नौवीं जीत अपने नाम करने के लिए दुर्गा प्रसाद एक बार फिर चुनावी मैदान में उतर आए हैं. यह सीट यादव बाहुल्य सीट मानी जाती है. इस विधानसभा में सवर्ण मतदाताओं की भी बड़ी तादाद है. अन्य पिछड़ा वर्ग और दलित मतदाता भी इस विधानसभा में चुनाव परिणा निर्धारित करने में निर्णयाक भूमिका निभाते हैं. विधायक दुर्गा प्रसाद का दावा है कि उनके कार्यकाल में इस क्षेत्र का बहुत विकास हुआ है, यही वजह है कि यहां कि जनता उनको हर बार अपना प्रतिनिधित्व करने के लिए विधानसभा भेजती है. हालांकि विपक्ष का कहना है कि विधायक के दावे में कोई दम नहीं है. वैसे सच्चाई जानने के लिए इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम आजमगढ़ की सदर विधानसभा पहुंची थी. टीम ने जनता से पूछा- आखिर क्यों हर बर दुर्गा प्रसाद ही यहां से चुनाव जीतते हैं? जनता ने क्या कहा आप भी सुनिए.
जौनपुर के लोगों ने कहा- 'माफिया नहीं शिक्षा रही है जौनपुर की पहचान। नेता ईमानदार हो तो जनता के सामने नहीं टिक सकता कोई भी माफिया।'
Jaunpur District के Malhni Assembly Constituency में एक गांव Madhopatti है. यह गांव अफसरों के गांव के नाम से जाना जाता है. इस गांव के लगभग हर घर में एक व्यक्ति IAS या IPS है. यहीं नहीं गांव के कई प्रतिभाशाली लोग इसरो, मनीला और इंटरनेशनल बैंक में भी अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इस गांव के पहले IAS अधिकारी Mustafa Hussain, मशहुर कवि Wamiq Jaunpuri के पिता थे. 1914 में मुस्तफा हुसैन यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन की परीक्षा पास किए और अफसर बने. हुसैन के बाद IAS Indu Prakash थे, जिन्होंने 1951 में सिविल सेवा परीक्षा में दूसरी रैंक हासिल की और IFS ऑफिस बने. वह करीब 16 देशों में भारत के राजदूत भी रहे. कहा जाता है हर साल इस गांव से कोई अधिकार जरूर बनता है. इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम चुनावी माहौल में इस गांव में जनता का मूड समझने पहुंची थी. बातचीत के दौरान यहां के लोगों ने कहा कि अफसरों के गांव में नेताओं की ज़रूरत नहीं हैं. बिना सरकार के भी यहां की कानून व्यवस्था अच्छी रहती है.
Jaunpur District Varanasi के पड़ोस में स्थित है. ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर नज़र डालें तो इस शहर की स्थापना फिरोज शाह तुगलक ने अपने चचेरे भाई मोहम्मद बिन तुगलक की याद में की थी. जौनपुर में गोमती नदी के किनारे स्थित शाही किला ऐतिहासिक विरासत को संजोए हुए है. अटाला मस्जिद, 1458 से 1478 में बनी जामा मस्जिद, 1450 के करीब निर्मित लाल दरवाजा मस्जिद भी हैं. लाल दरवाजा मस्जिद में पुराना मदरसा भी जिसे लेकर कहा जाता है कि सासारम के शासक शेर शाह सूरी ने यहीं से शिक्षा ग्रहण की थी. जौनपुर में शिक्षा का बोबाला शुरू से ही रहा है. यहां की धरती ने देश को कई अधिकारी दिए. लेकिन बीते कुछ सालों में यहां माफिया राज होने के चलते शिक्षा को काफी नुकसान पहुंचा. पर अभी उत्तर प्रदेश में चुनाव हो रहे हैं. हर विधानसभा इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम पहुंच रही है. वहां का विकास समझ रही है. समस्या समझ रही है. जनता का मूड समझ रही है. इसी सिलसिले में टीम जौनपुर पहुंची थी. चर्चा के दौरान शिक्षा पर बोलते हुए लोगों ने कहा कि अब यहां माफिया राज खत्म हो चुका है. युवा शिक्षा की तरफ बढ़ चुके हैं.
Sitapur में गोमती नदी के तट पर स्थित प्राचीन शिव स्थान को Rudravart तीर्थ के नाम से जाना जाता है. आदि गंगा गोमती नदी के किनारे पर नदी के अंदर एक शिवलिंग स्थापित है. शिवलिंग पर ओम नम: शिवाय के उच्चारण के साथ बेल पत्र, दूध, फल और जल अर्पित करने पर वह सीधा जल में समा जाता है. इस अद्भुत दृश्य को देखने के लिए देश के कोने-कोने से लोग यहां आते हैं. इस स्थान की महिमा को समझने के लिए इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम रुद्रावर्त तीर्थ पहुंची थी. चर्चा के दौरान मंदिर के पुजारी का कहना है कि इस स्थान का उल्लेख पुराणों में भी मिलता है.
Jaunpur की Malhani Assembly Seat से चुनाव लड़ने के लिए जब से JDU ने बाहुबली Dhananjay Singh को टिकट दिया है, यह सीट काफी चर्चा में आ गई है. इस सीट के पिछले दो दशक के इतिहास पर नज़र डालें तो पता चलता है कि यहां BJP, SP और BSP जैसी बड़ी पार्टियों के प्रत्याशियों को जमानत बचाने के लिए मशक्कत करनी पड़ती है. इस सीट पर बाहुबली धनंजय सिंह की अच्छी खासी पकड़ है. कहा जाता है कि मल्हनी के बड़े वोट बैंक पर धनंजय सिंह का इतना प्रभाव है कि वह जिस पार्टी या उम्मीदवार को वोट देने का इशारा कर देते हैं, उसी की जीत तय हो जाती है. 2002 में पहली बार धनंजय सिंह रारी सीट (अब मल्हानी) से निर्दलीय चुनाव जीते थे. 2007 में बीजेपी-JDU के साझा उम्मीदवार के तौर पर जीते. 2009 में हाथी के टिकट पर लोकसभा पहुंचे. सांसद बनने के बाद धनंजय सिंह के पिता BSP के टिकट पर चुनाव लड़कर विधायक बने. 2012 में BSP ने सीटिंग विधायक धनंजय सिंह के पिता का टिकट काटकर Panini Singh को मैदान में उतारा. लेकिन 2012 में यहां सपा के Parasnath Yadav चुनाव जीते. 2017 के चुनाव में फिर से पारसनाथ विजयी रहे, लेकिन 2019 में उनेक निधन के बाद उनके बेटे Lucky Yadav उपचुनाव जीतकर विधायक बने. एक बार फिर धनंजय सिंह चुनावी मैदान में उतर आये हैं. मल्हनी की जनता किसको जीताना चाहती है? जानने के लिए इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम मल्हनी विधानसभा पहुंचकर लोगों से चर्चा की. जनता को कौन पसंद है? आप भी सुनिए.
Mau District की Ghosi Assembly Seat पर 2017 में BJP ने जीत दर्ज की थी. यहां की जनता ने फागु सिंह को विधायक बनाकर विधानसभा भेजा था. Fagu Singh Chauhan के राज्यपाल बनने के बाद 2019 में यहां उपचुनाव हुए. इस बार बार बीजेपी ने ही यहा जीत दर्ज की. इस क्षेत्र के जानकारों की मानें तो इस सीट पर स्थानीय मुद्दों के अलावा हिंदू-बनाम-मुस्लिम का समीकरण चुनाव में जीत-हार दिलाता है. दल कोई भी हो लेकिन परिणाम में ध्रुवीकरण स्पष्ट दिखता है. यह सीट उस वक्त काफी चर्चा में आ गई, जब Yogi सरकार के मंत्री रहे Dara Singh SP का दामन थाम लिए. सपा ने इस सीट से दारा सिंह को टिकट भी दिया है. अब 10 मार्च को पता चलेगा दारा सिंह के सपा में जाने से बीजेपी को कितना नुकसान पहुंचता है और सपा को कितना फायदा? वैसे जनता के मन में क्या चल रहा है? जानने के लिए इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम घोसी विधानसभा पहुंची थी. चर्चा के दौरान यहां के लोगों ने क्या कहा? आप भी सुनिए.
Azamgarh की Mubarakpur Assembly Seat SP, BJP और BSP के लिए हॉट सीट बनती जा रही है. Shah Alam alias Guddu Jamali 2012 से 2017 तक लगातार इस सीट से बसपा की टिकट पर चुनाव जीत चुके हैं. हालांकि अब जमाली बसपा का दामन छोड़ सपा के घर पहुंच गए हैं. 1996 से ही यह सीट बसपा के कब्जे में है. सपा, बसपा के इस मजबूत किले में सेंधमारी करने के लिए जमाली को अपनी पार्टी में शामिल कर चूकी है. वहीं भाजपा अब तक इस सीट पर जीत हासिल कर पाने में कामयाब नहीं हो पाई है. देखना होगा 2022 के चुनाव में यहां किस करवट ऊंट बैठता है? यहां की जनता के मन में क्या कुछ चल रहा है? जानने के लिए इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम मुबारकपुर विधानसभा पहुंची. यहां कि जनता क्या चाहती है? आप भी सुनिए.
Bahraich District की Balha Assembly कृषि प्रधान क्षेत्र है. धान, गेहूं, आलू के साथ-साथ गन्ने की यहां अच्छी पैदवार होती है. यहां का गुड़ काफी स्वादिष्ट होता है. इस वक्त प्रदेश में Assembly Election चल रहे हैं. ऐसे में नेता जहां विकास का दावा कर रहे हैं, तो वहीं जनता दावों की पोल खोल रही है. इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम हर क्षेत्र में पहुंचकर जनता के मन की बात सबके समाने रख रही है. इसी सिलसिले में टीम बलहा में गन्ना किसानों के पास पहुंची थी. गन्ना किसानों ने क्या अपनी समस्याएं बताई? आप भी सुनिए.
शाहगंज के विधायक का दावा है कि वो क्षेत्र में विकास करते हैं यही वजह है कि जनता उनको चुनती है। ललई अखिलेश यादव के नेतृत्व में मंत्री भी रहे । अब सात मार्च को वोटिंग के बाद, 10 मार्च को जब नतीजे आएंगे तब साफ हो जाएगा कि क्षेत्र में विधायक का दावा कितना सच्चा है?
जौनपुर की जनता ने कहा- ' जौनपुर में शांति है। पुल बन रहा है। बिजली समय से मिल रही है, पर रोजगार नहीं मिल पाने से नाराज़गी है।' एक महिला ने कहा- 'सरकार गरीबों को राशन दे रही है, पर कुछ लोग धांधली कर रहे हैं।'
Bahraich District की Balha Assembly कृषि प्रधान क्षेत्र है. धान, गेहूं, आलू के साथ-साथ गन्ने की यहां अच्छी पैदवार होती है. यहां का गुड़ काफी स्वादिष्ट होता है. इस वक्त प्रदेश में Assembly Election चल रहे हैं. ऐसे में नेता जहां विकास का दावा कर रहे हैं, तो वहीं जनता दावों की पोल खोल रही है. इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम हर क्षेत्र में पहुंचकर जनता के मन की बात सबके समाने रख रही है. इसी सिलसिले में टीम बलहा में गन्ना किसानों के पास पहुंची थी. गन्ना किसानों ने क्या अपनी समस्याएं बताई? आप भी सुनिए.
Jaunpur District की Mariahu Assembly Seat ग्रामीण इलाके की सीट है. यहां के अधिकतर आबादी के लिए आजीविका का मुख्य साधन कृषि है. यह सीट Bharatiya Janata Party का गढ़ रही है. पिछले सात में से चार दफे BJP के उम्मीदवार यहां से चुनाव जीते हैं. 2017 में बीजेपी के गठबंधन सहयोगी Apna Dal की Leena Tiwari चुनाव जीती थीं. इस क्षेत्र में कुल साढ़े तीन लाख के करीब वोटर हैं. यहां पटेल वोटरों की बहुलता है. यादव, ब्राह्मण, क्षत्रिय मतदाता भी निर्णायक भूमिका में हैं. इस Assembly Election में यहां कि जनता किसको जीताना चाहती है? जानने के लिए इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम मड़ियाहूं विधानसभा पहुंची थी. यहां की जनता के मन में क्या है? आप भी सुनिए.
Jaunpur के Shahganj Assembly Seat पर 2002 से SP का कब्जा है. 2012 और 2017 से लगातार Shailendra Yadav Lalai इस सीट से विधायक हैं. इस बार भी SP ने ललई को टिकट दिय है. इस क्षेत्र में ढाई लाख के करीब कुल वोटर हैं. यह क्षेत्र यादव बाहुल्य माना जाता है. राजभर, और राजपूत मतदाता भी निर्णायक भूमिका में हैं. विधायक शैलेंद्र यावद ललई Akhilesh Yadav के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री भी रहे हैं. विधायक का दावा है कि उनके क्षेत्र में सभी लोगों का विकास हुआ है. इस दावे की हककीत समझने इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम शाहगंज विधानसभा पहुंची थी. चर्चा के दौरान यहां कि जनता ने क्या कहा? आप भी सुनिए.
Jaunpur Sadar Seat के लिए 7 मार्च को मतदान होना है. इस विधानसभा सीट के इतिहास के मुताबिक इस क्षेत्र के मतदाता कभी अपने विधायक पर दोबारा भरोसा नहीं करते हैं. ऐसे में 2022 में BJP के सामने दोबारा वापसी की चुनौती होगी. 2017 में बीजेपी के Girish Chandra Yadav चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. इस बार जनता किस पार्टी के उम्मीदवार को विधानसभा भेजने की तैयारी में है? जानने के लिए इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम जौनपुर सदर पहुंची थी. बातचीत के दौरान कुछ जनता बीजेपी उम्मीदवार को जीताने के मूड में दिखी, तो कुछ अन्य पार्टी के समर्थन दिखी.
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