उत्तर प्रदेश की बरौली विधानसभा सीट चुनाव के लिहाज से BJP के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. क्योंकि भाजपा ने 2017 में 24 साल बाद यहां जीत हासिल की थी. भाजपा के ठाकुर दलवीर सिंह इस सीट पर जीत कर विधायक बने थे. 2017 में भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ने से पहले वह राष्ट्रीय लोक दल (RLD) का हिस्सा थे. लेकिन चुनाव से ठीक पहले उन्हें भाजपा का दामन थाम लिया था. इस विधानसभा सीट पर ठाकुर मतदाता की मजबूत पकड़ मानी जाती है. ठाकुर के अलावा यहां लोध, ब्राह्मण और मुस्लिम मतदाता भी निर्णायक भूमिका में है. बरौली विधानसभा में चुनाव 10 फरवरी को कराए जाएंगे. इस सीट पर सभी दल अपने-अपने जिताऊ उम्मीदवार की तलाश में लग गए हैं. इसी चुनावी समर के बीच 'इंडिया टीवी' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है' की टीम अलीगढ़ जिले की बरौली विधानसभा क्षेत्र की जनता के बीच पहुंचा. जहां लोगों ने आगामी चुनाव को लेकर अपने विचार हमारे साथ साझा किए.
यूपी के चुनावी समर के बीच 'इंडिया टीवी' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है' की टीम बुलंदशहर जिले की सिकंदराबाद विधानसभा क्षेत्र की जनता के बीच पहुंचा. जहां लोगों ने आगामी चुनाव को लेकर अपने विचार हमारे साथ साझा किए.
चुनावी समर के बीच 'इंडिया टीवी' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है की टीम मेरठ जिले की किठौर विधानसभा क्षेत्र की जनता के बीच पहुंचा. जहां लोगों ने आगामी चुनाव को लेकर अपने विचार हमारे साथ साझा किए.
बीते चाढ़े चार सालों में काशी पहले से कितनी बदली इसी का जायजा लेने के लिए 'इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम Kashi की जनता के बीच पहुंचा. जहां काशी के लोगों से मिलकर यह जानने की कोशिश की गई बीते 4-5 सालों में काशी में कितना विकास हुआ. यहां कि जनता काशी के विकास से कितनी खुश है. काशी के लोगों ने हमारे इस विशेष कार्यक्रम के दौरान बताया कि पहले की काशी और अब की काशी में कितना बदलाव आया है.
काशी में 7 मार्च को आखिरी चरण में मतदान होना है। ऐसे में जनता ने इस बार किस दल के खाते में जीत का आशीर्वाद देने की योजना बनाई है। देखें जनता का चुनावी मूड
India TV का खास प्रोग्राम ‘ये पब्लिक है सब जानती है की टीम लगातार हर विधानसभा क्षेत्र में वैक्सीन सेंटर पर जाकर वहां के मौजूदा हाल को समझ रही है. इसी सिलसिले में टीम Muzaffarnagar, Uttar Pradesh पहुंची जहां मुजफ्फरनगर के CMO महावीर फौजदार निरीक्षण करने पहुंचे थे. CMO ने बताया कि मुजफ्फरनगर में बूस्टर डोज लगनी शुरू हो गई है. 15 से 18 साल के बच्चों को बड़ी संख्या में वैक्सीन लगाई जा रही है.
चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश की सभी 403 विधानसभा सीटों के लिए तारीखों का एलान कर दिया है. उत्तर प्रदेश में इस बार 7 चरणों में चुनाव होगा. वहीं वोटों की गिनती 10 मार्च को की जाएगी. लेकिन इस चुनावी समर के बीच 'इंडिया टीवी ' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है' की टीम आगरा के जूता कारोबारियों के बीच पहुंचा. दरअसल, आगरा के जूता कारोबारी सरकार द्वारा जूते पर जीएसटी दर (GST %) 5% से बढ़ाकर 12% किए जाने से नाराज चल रहे थे. शहर में करीब 5 लाख लोग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर से जूता उद्योग से जुड़े हुए हैं. देश में जूता कारोबार में आगरा की भागीदारी करीब 65% है. इसका सालाना टर्नओवर करीब 250 हजार करोड़ रुपये था. जो अब सिमट कर महज 20 करोड़ रह गया है. आगरा की लगभग 45 में से 35 फैक्ट्रियों पर ताले लटक गए हैं. इसके लिए जूता व्यापारी सरकार की नीतियों को दोषी मानते हैं. रही सही कसर बीते दो सालों में कोरोना संक्रमण ने पूरी कर दी. जिसके चलते छोटे जूता कारोबारी लगभग खत्म होने की कगार पर जा पहुंचे हैं.
मोदीनगर विधानसभा सीट गाजियाबाद जिले का हिस्सा है. 2017 के चुनाव में भाजपा की डॉ. मंजू सिवाच ने यहां से चुनाव जीता था. उन्होंने बसपा के कद्दावर नेता वहाब चौधरी को हराया था. चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश की सभी 403 विधानसभा सीटों के लिए तारीखों का एलान कर दिया है. उत्तर प्रदेश में इस बार 7 चरणों में चुनाव होगा. वहीं वोटों की गिनती 10 मार्च को की जाएगी. मोदीनगर सीट पर 10 फरवरी को मतदान होगा. मोदीनगर सीट पर कौन जीतेगा यह तो आने वाला भविष्य ही बताऐगा. लेकिन सभी सियासी दलों के संभावित उम्मीदवार टिकट पाने की कवायद में जुट गए हैं. इसी चुनावी समर के बीच 'इंडिया टीवी ' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है' की टीम गाजियाबाद जिले की मोदीनगर विधानसभा क्षेत्र की जनता के बीच पहुंचा. जहां लोगों ने आगामी चुनाव को लेकर अपने विचार हमारे साथ साझा किए.
बछरावां विधानसभा सीट रायबरेली जिले (Bachhrawan Assembly Seat , Raebareli District) का हिस्सा है. सबसे पहले इस सीट पर चुनाव 1957 में हुआ था. एक समय था जब इस सीट पर कांग्रेस (Congress) का सिक्का चलता था. लेकिन धीरे-धीरे इस सीट पर कांग्रेस का जनाधार कम होता चला गया. 2017 के चुनाव में बछरावां सीट पर भाजपा (BJP) के रामनरेश रावत (Ram Naresh Rawat) ने जीत हासिल की. उन्होंने चुनाव में कांग्रेस (Congress) के साहब सरन (Shahab Sharan) को 22,309 वोटों से चुनाव हराया. भाजपा (BJP) 2022 के चुनाव में अपनी जीत के सिलसिले को जारी रखने का प्रयास करेगी. वहीं इस सीट पर इस साल SP, BSP और Congress सत्तारूढ़ दल के उम्मीदवार को हराने का प्रयास करेगी. उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) की तारीखों (Poll Dates) के एलान के साथ ही सियासी गरमाहट महसूस की जाने लगी है. सभी दलों के नेता विपक्ष के किलों में सेंध लगाने का प्रयास कर रहे हैं. बछरावां सीट पर चौथे चरण के तहत 23 फरवरी (23rd February 2022) को वोट डाले जाएंगे. इसी चुनावी समर के बीच बीच 'इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम रायबरेली जिले की बछरावां विधानसभा क्षेत्र (Bachhrawan Assemby Area , Raebareli District) की जनता के बीच पहुंचा. जहां लोगों ने आगामी चुनाव को लेकर अपने विचार हमारे साथ साझा किए.
दारुल उलूम के शहर देवबंद (Darul Uloom Deoband) की स्थापना 30 जनवरी 1866 (30th Januray1866) को की गई थी. इसका उद्देश्य मुसलमानों में शिक्षा (Muslims Education) के स्तर को बेहतर करने समेत अन्य सकारात्मक सुधार लाने के लिए किया गया था. लेकिन बीते कुछ सालों में Deoband किसी ना किसी वजह से सुर्खियों में रहा है. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में मुसलमान वोटर्स (Muslim Voters) एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) की तारीखों (Poll Dates) का एलान कर दिया गया है. इसी चुनावी समर के बीच 'इंडिया टीवी (India TV)' का खास शो 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम देवबंद के दारुल उलूम में वहां पढ़ने वाले छात्रों के बीच पहुंची. छात्रों ने दारुल उलूम समेत कई मुद्दों पर अपने विचार हमारे साथ साझा किए.
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) का बिगुल बज चुका है. इसी के साथ चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियों में सरगर्मी भी बढ़ गई है. प्रदेश की राजधानी होने के साथ-साथ Lucknow उत्तर प्रदेश की सत्ता का केंद्र माना जाता है. लखनऊ में कुल 9 विधानसभा सीटें (9 Assembly seat) आती हैं. 2017 के चुनाव में Bhartiya Janta Party (BJP) ने 9 में से 8 सीटों पर जीत हासिल की थी. जबकि एक सीट पर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) को जीत मिली थी. Lucknow में चुनाव चौथे चरण के तहत 23 फरवरी (Voting Day 23 February 2022) को होंगे. इसी चुनावी समर के बीच 'इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम लखनऊ में जनता के बीच पहुंचा. जहां लोगों ने आगामी चुनाव को लेकर अपने विचार हमारे साथ साझा किए.
हापुड़ विधानसभा सीट हापुड़ जिले का ही हिस्सा है. साल 2012 में हापुड़ एक नए जिले के रूप में अस्तित्व में आया. इस सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है. 2017 में भाजपा के विजय पाल इस सीट से विधायक चुने गए थे. उन्होंने चुनाव में कांग्रेस के गजराज सिंह को हराया था. समाजवादी पार्टी आजतक इस सीट पर जीत हासिल नहीं कर पाई है. चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया है. जिसके बाद से ही सभी राजनीतिक दल इस सीट पर अपनी जीत सुनिश्चित करने की होड़ में लग गए हैं. सभी पार्टियां अपने-अपने तरीके से क्षेत्र की जनता को आगामी चुनाव में उनके पक्ष में वोटिंग करने के लिए रिझाने में लग गई है. इसी चुनावी समर के बीच 'इंडिया टीवी' का खास शो 'ये पब्लिक है सब जानती है' की टीम हापुड़ विधानसभा की जनता के बीच पहुंची. जहां उनसे यहां के प्रमुख मुद्दों को लेकर बातचीत की. स्थानीय लोगों ने आगामी चुनाव को लेकर बताया कि इस बार के चुनाव में उनके लिए क्या अहम मुद्दे होने वाले हैं. जनता वोटिंग करते समय किन मुद्दों को ध्यान में रखकर मताधिकार का उपयोग करेगी.
उत्तर प्रदेश में विधान सभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद से ही राजनीतिक उठापटक जारी है और इस बीच सबसे ज्यादा चर्चा इस बात की हो रही है कि सीएम योगी आदित्यनाथ किस सीट से चुनाव लड़ने वाले हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बीजेपी की कोर कमेटी की बैठक में सीएम योगी आदित्यनाथ को अयोध्या से चुनाव लड़ाने पर सहमति बन गई है. योगी आदित्यनाथ के अयोध्या से चुनाव लड़ने पर अवध क्षेत्र की तमाम विधान सभा सीटों पर भी बड़ा प्रभाव पड़ेगा और यह BJP के लिए फायदेमंद होगा. अवध क्षेत्र में Gonda, Balrampur, Bahraich, Barabanki, Ayodhya, Sant Kabir Nagar, Kushinagar शामिल हैं. अगर सीएम योगी अयोध्या से चुनाव लड़ते हैं तो इसका प्रभाव इन सभी जिलों में भी होगा.
खैर विधानसभा सीट अलीगढ़ जिले में पड़ती है. 2007 से 2017 तक इस सीट पर रालोद का कब्जा रहा. लेकिन 2017 के विधानसभा चुनाव में मोदी लहर के सामने रालोद को यह सीट गवानी पड़ी. भाजपा के अनूप वाल्मीकि ने यहां जीत दर्ज की. खैर विधानसभा में कुल 3 लाख 32 हजार 706 मतदाता हैं. जिनमें सबसे अधिक जाट मतदाता की संख्या 1 लाख 10 हजार हैं. वहीं दूसरे नंबर पर ब्राह्मण मतदात आते हैं जिनकी संख्या 51 हजार के करीब है. क्षेत्र में 45 हजार जाटव मतदाता भी चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाते हैं. जिसका साफ मतलब है इस विधानसभा क्षेत्र में जाट, ब्राह्मण और जाटव वोटर जिसका साथ देंगे उसकी यहां जीत लगभग पक्की है. इसी चुनावी समर के बीच 'इंडिया टीवी ' का खास शो 'ये पब्लिक है सब जानती है' की टीम खैर विधानसभा की जनता के बीच पहुंची. जहां उनसे यहां के प्रमुख मुद्दों को लेकर बातचीत की. स्थानीय लोगों ने आगामी चुनाव को लेकर बताया कि इस बार के चुनाव में उनके लिए क्या अहम मुद्दे होने वाले हैं.
इस विधानसभा सीट पर 10 फरवरी को मतदान होने हैं। इस विधानसभा में करीब 4 लाख वोटर हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के अनिल पाराशर को जीत मिली थी।
Unchahar का इलाका पहले डलमऊ विधानसभा सीट (Dalmau Assembly seat, Raebareli District) के अंतर्गत आता था. 2008 में परिसीमन के बाद डलमऊ का नाम खत्म हो गया. Dalmau का कुछ हिस्सा सरेनी विधानसभा सीट में चला गया और बाकी हिस्से को मिलाकार इस सीट को ऊंचाहार विधानसभा (Unchahar Assembly Seat) का नाम दिया गया. रायबरेली की ऊंचाहार विधानसभा सीट (Unchahar Assembly Seat , Raebareli District) गांधी परिवार (Gandhi Family) का गढ़ मानी जाती है. जिस समय यह डलमऊ विधानसभा सीट के नाम से वजूद में थी. उस समय साल 1991 तक इस पर कांग्रेस का कब्जा रहा. इस सीट पर मोदी लहर से लेकर Ram Mandir किसी का सियासी असर देखने को नहीं मिला. ऊंचाहार उत्तर प्रदेश की उन सीटों में से एक जहां भाजपा (BJP) आजतक जीत नहीं पाई. ऊंचाहार सीट पर अभी तक दो बार 2012 और 2017 में विधानसभा चुनाव हुए. दोनों ही बार इस सीट पर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के प्रत्याशी मनोज पांडेय (Manoj Pandey) ने जीत दर्ज की. उत्तर प्रदेश 2022 विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) की तारीखों (Poll Dates) की घोषणा हो चुकी है. सभी राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए सियासी दांव-पेच चलना शुरू कर दिया है. चुनाव में ऊंचाहार की जनता किसे विजयी बनाएगी यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा. इसी सियासी समर के बीच 'इंडिया टीवी (India TV)' का खास शो 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम ऊंचाहार की जनता के बीच पहुंची. जहां उनसे यहां के प्रमुख मुद्दों को लेकर बातचीत की. स्थानीय लोगों ने आगामी चुनाव को लेकर बताया कि इस बार के चुनाव में उनके लिए क्या अहम मुद्दे होने वाले हैं.
देवबंद एक मुस्लिम बहुल इलाका है। यहां करीब एक लाख से अधिक वोटर हैं। लोगों ने इंडिया टीवी के साथ बातचीत में ये भी कहा कि देवबंद मोहब्बत का पैगाम है।
इस्लामी मरकज की शीर्ष संस्था दारुल उलूम के शहर देवबंद (Darul Uloom Deoband) पर हिंदू और मुस्लिम दोनों समानता से अपना अधिकार जताते हैं. जनसंख्या के लिहाज से देवबंद वैसे तो काफी छोटे शहरों में गिना जाता है. लेकिन यह हमेशा से ही चर्चा का केंद्र बना रहता है. दारुल उलूम की स्थापना 30 जनवरी 1866 (30th January 1866) को हाजी आबिद हुसैन और मौलाना कासिम नानौवती ((Muhammad Qasim Nanautavi) द्वारा की गई थी. Darul Uloom की स्थापना मुसलमानों ( खासतौर पर सुन्नी मुस्लिम ) में सुधार लाना था. लेकिन समय के साथ-साथ इसकी विचारधारा कुरान और शरीयत के सख्ती से पालन किए जाने के ईद-गिर्द घूमने लगी. उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों (UP Assembly Election 2022) की तारीखों (Poll Dates) का एलान कर दिया गया है. ऐसे में Deoband का बुद्धिजीवी वर्ग प्रदेश की योगी और केंद्र की मोदी सरकार को लेकर क्या सोचता है?. चुनाव में देवबंद के मुसलमान किस पार्टी के पक्ष में वोटिंग करेंगे. इन्हीं सवालों का जवाब जानने के लिए 'इंडिया टीवी (India TV)' का खास शो 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम देवबंद के बुद्धिजीवी मुसलमानों के बीच पहुंची. जहां उनसे यहां के प्रमुख मुद्दों को लेकर बातचीत की. स्थानीय लोगों ने आगामी चुनाव को लेकर बताया कि इस बार के चुनाव में उनके लिए क्या अहम मुद्दे होने वाले हैं.
उत्तर प्रदेश में कोरोना के बढ़ते रफ्तार को देखते हुए राज्य सरकार ने ‘मेरा गांव, मेरा मोहल्ला शत-प्रतिशत वैक्सीनेटेड है’ मुहीम चलाई हुई है. इसके तहत हेल्थ वर्कर्स घर-घर जाकर जांच कर रहे हैं कि कोई सदस्य वैक्सीनेशन (Covid-19 Vaccine) से छूट तो नहीं गया है. इस मुहीम में ग्राम प्रधान , NGO और कोटेदार भी अपना योगदान दे रहे हैं. INDIA TV का खास शो ‘ ये पब्लिक है सब जानती है’ की टीम आगरा पहुंची और इस मुहीम को लेकर डॉक्टर्स, CMO, हेल्थ वर्कर्स के साथ-साथ लोगों से भी बातचीत की.
मंगलवार का दिन यूपी की सियासत में भूचाल लेकर आया। योगी सरकार में बडा ओबीसी चेहरा माने जानेवाले स्वामी प्रसाद मौर्य ने अचानक सरकार से इस्तीफा देकर समाजवादी पार्टी में जाने का ऐलान कर दिया। उनके साथ कई और पिछडे वर्ग के विधायकों के इस्तीफे की ख़बर ने पार्टी में और उलझन पैदा कर दी.
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