ओवर की पहली गेंद पर यशस्वी कदमों का इस्तेमाल करके बड़ा हिट लगाना चाहते थे, लेकिन वह अपने बैट को बॉल से कनेक्ट नहीं कर पाए।
IPL के 13वें सीजन से पहले राजस्थान रॉयल्स के युवा सलामी बल्लेबाज़ यशस्वी जायसवाल को लेकर क्रिकेट जगत में काफी चर्चा हो रही थी लेकिन मौजूदा टूर्नामेंट में वह अभी तक अपने खेल से प्रभावित नहीं कर सके हैं।
काबला शुरू होने से पहले यशस्वी जायसवाल महेंद्र सिंह धोनी से मिले थे। धोनी ने पहले इस युवा खिलाड़ी से हाथ मिला और उसके बाद यशस्वी ने उन्हें हाथ जोड़कर प्रणाम किया।
राजस्थान ने अपनी टीम में एक ऐसे युवा सलामी बल्लेबाज को जगह दी है। जो कभी मुंबई में खेल के मैदान के टेंट में रहा करता था और रोजी रोटी के लिए गोल गप्प्पे बेचा करता था।
IPL 2020 में फैंस की नजरें युवा खिलाड़ियों पर गड़ी होंगी जो इस बार अपना पहला आईपीएल खेलने जा रहे हैं। ऐसे ही एक युवा क्रिकेटर हैं यशस्वी जायसवाल जो अंडर-19 वर्ल्ड कप में अपनी काबिलियत दिखा चुके हैं।
यशस्वी के कोच ज्वाला सिंह ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि उनके ट्रेनी ने बुधवार रात उनसे बातचीत की है और उन्हें शून्य से शुरूआत करने की सलाह दी है।
19 सितंबर से यूएई में शुरू होने वाले आईपीएल को लेकर यशस्वी न सिर्फ उत्साहित हैं बल्कि वो टीम के दो धाकड़ खिलाड़ी स्टीव स्मिथ और जोफ्रा आर्चर से काफी कुछ सीखना भी चाहते हैं।
स्मिथ ने कहा, " युवा 17 वर्षीय पराग अपने टेडी बियर को साथ लेकर चलता है। उन्होंने थोड़ा सा मुकाबला किया, लेकिन जब वह खेलने के लिए मैदान पर गए तो पूरी आजादी के साथ क्रिकेट खेली।"
यशस्वी के लिए साल 2020 की शुरुआत काफी शानदार रही। साउथ अफ्रीका की धरती पर खेले गए अंडर-19 वर्ल्ड कप में यशस्वी के बल्ले से सबसे ज्यादा रन निकले और भारत को फाइनल मुकाबले तक पहुंचाने में अहम भूमिका अदा की।
जायसवाल ने अंडर-19 विश्व कप में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 88, नाबाद 105, 62, नाबाद 57, नाबाद 29 और 59 रनों की पारियां खेलीं।
यशस्वी जायसवाल ने कहा कि एस्ट्रो टर्फ पिचों में अभ्यास करने से उन्हें दक्षिण अफ्रीका की उछाल भरी पिचों पर अच्छा खेलने में मदद मिली।
आईसीसी जिन तीन भारतीय खिलाड़ियों को अपनी अंडर-19 टीम में जगह दी है, उनमें सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल, लेग स्पिनर रवि बिश्नोई और तेज गेंदबाज कार्तिक त्यागी शामिल है।
कोच ने कहा‘‘भारत में क्रिकेटरों को रातोंरात स्टार बनाकर दूसरा तेंदुलकर, दूसरा कोहली बताने लगते हैं। लेकिन अगर वैसा बनना है तो लगातार बीस साल तक अच्छा खेलना होगा। अभी यशस्वी ने शुरूआत ही की है।’’
पूरे टूर्नामेंट में भारतीय खिलाड़ियों का दबदबा बना रहा। क्योंकि विश्वकप में सबसे ज्यादा रन और विकेट भारतीय खिलाड़ियों ने ही हासिल किए हैं।
इस टूर्नामेंट में यशस्वी ने 133.33 की लाजवाब औसत से 400 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने 4 अर्धशतक और शतकीय पारी भी खेली।
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