China Xi Jinping Elections: चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के हाथों में एक बार फिर देश की सत्ता सौंपी जाएगी। इस देश में राष्ट्रीय कांग्रेस की बैठक होने जा रही है।
China Taiwan: हांगकांग से प्रकाशित ‘साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट’ की खबर के अनुसार शी ने कहा, “हमारी पार्टी के लोगों को बड़ी चुनौतियों का प्रभावी ढंग से सामना करने, बड़े जोखिमों से बचने, बड़ी बाधाओं को दूर करने और प्रमुख अंतर्विरोधों को हल करने के लिए एकजुट होना चाहिए।
Chinese President Xi Jinping: कई मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि तख्तापलट की योजना 1 अक्टूबर को चीन के राष्ट्रीय दिवस से पहले किए जाने की थी। इसके पीछे का कारण शी जिनपिंग के कार्यकाल की लगातार तीसरी बार होती शुरुआत को बताया जा रहा है।
China CPC Congress: ये खबर ऐसे वक्त पर सामने आई है, जब चीन में तख्तापलट होने की अफवाह फैली हुई है। जिसमें कहा जा रहा है कि चीन में सेना ने तख्तापलट कर शी जिनपिंग को नजरबंद कर दिया है और उनके स्थान पर जनरल ली क्याओमिंग को राष्ट्रपति बनाया जा सकता है।
China Coup Xi Jinping: चीन से जुडे़ लगभग हर मामले में दुनिया को आड़े हाथ लेने वाले उसके 'वॉल्फ वॉरियर्स' यानी अधिकारी भी चुप हैं। लेकिन अब एक अमेरिकी अखबार की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि आखिर कैसे चीन में तख्तापलट की अफवाह पूरी दुनिया में फैल गई।
China News : बीजिंग अब पूरी दुनिया से कट गया है। राजधानी पूरी तरह से सेना के नियंत्रण में है। वहां बड़ी तादाद में सेना पहुंच गई है साथ ही घरेलू और अंतराराष्ट्रीय उड़ानों पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।
China Taiwan: ताइवान दक्षिण-पूर्वी चीन के तट से लगभग 160 किमी दूर एक द्वीप है, जो फूजौ, क्वानझोउ और जियामेन के चीनी शहरों के सामने है। यहां शाही किंग राजवंश का शासन चलता था, लेकिन इसका नियंत्रण 1895 में जापानियों के पास चला गया।
China Taiwan US: समाचार चैनल ‘सीबीएस न्यूज’ पर प्रसारित ‘60 मिनट्स’ कार्यक्रम के दौरान एक साक्षात्कार में बाइडेन से रविवार को पूछा गया कि ‘यदि चीन ताइवान पर हमला करता है, तो क्या अमेरिकी सुरक्षा बल, अमेरिकी पुरुष और महिलाएं उसकी रक्षा करेंगे।’
China Taiwan: कोहेन का बयान सीएनएन की पत्रकार कैटी बो लिलिस ने दर्ज किया है। लिलिस ने कोहेन के हवाले से बताया है, 'जिनपिंग ताइवान पर हमले के लिए तैयार नहीं हैं लेकिन 'ताइवान को बल प्रयोग से कब्जाने की क्षमता चाहते' हैं।'
SCO Summit: भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समरकंद में विभिन्न देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे। उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शौकत मिर्जियोजेव के साथ उनकी अलग से बैठक होनी है।
China Nepal: विदेश मंत्रालय की एक विज्ञप्ति में कहा गया कि बैठक के दौरान, दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय व्यापार, निवेश, कनेक्टिविटी, नेपाली छात्रों की चीन वापसी, यात्री उड़ानों को फिर से शुरू करने और सीमा बंदरगाहों को फिर से खोलने सहित आपसी हित के व्यापक मामलों पर चर्चा की।
China Xi Jinping: विश्लेषकों के अनुसार, सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा इस सप्ताह पार्टी के आगामी राष्ट्रीय अधिवेशन में अपने संविधान में संशोधन करने की घोषणा के बाद शी की शक्तियां और बढ़ेंगी। कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) की प्रमुख नीति निर्माण समिति, 25 सदस्यीय पोलित ब्यूरो की बैठक पिछले शुक्रवार को हुई थी।
Sri Lanka China: रिपोर्ट में कहा गया है कि श्रीलंकाई और चीनी सरकारों के बीच उच्च-स्तरीय संबंधों ने राजनेताओं और उद्योगपतियों को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़े पैमाने पर चीनी प्रोपेगैंडा का प्रसार करने के लिए प्रेरित किया है।
लद्दाख में सैनिकों के पीछे हटने के बाद प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच मुलाकात को लेकर अटकलें तेज हो गईं।
Democratic Recession China: लोकतांत्रिक मूल्यों और स्वतंत्रता का क्रमिक क्षरण, जैसे ब्रिटेन में विरोध के अधिकार पर हालिया प्रतिबंध और सत्तावाद की ओर यह गिरावट, चीन के लिए अपने मूल्यों के साथ वैश्विक एजेंडा पर हावी होने के लिए और अधिक जगह बना रही है।
चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के इस अधिवेशन में शी के अलावा देशभर से 2,000 से अधिक प्रतिनिधि शामिल होंगे।
India China:पीएम मोदी ने जहां इस साल कई बहुपक्षीय और द्विपक्षीय बैठकों के लिए विदेश यात्रा की है, इसके उलट शी ने जनवरी 2020 से चीन से बाहर कदम नहीं रखा है। हालांकि, शुक्रवार को वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के अनुसार, शी जिनपिंग एसईओ की बैठक के लिए समरकंद की यात्रा कर सकते हैं।
ये देखना दिलचस्प होगा कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आपस मिलेंगे, तो कैसा नजारा होगा। क्योंकि हाल ही में जिनपिंग और बाइडेन में काफी गहमागहमी रही, जब अमेरिकी सांसद नैंसी पैलोसी ने ताइवान का दौरा किया था।
नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा से पता चलता है कि अमेरिका इस देश को चीन के खिलाफ समर्थन देने के लिए तैयार है। यानी वो ताइवान की आजादी का समर्थन कर रहा है। चीन के विदेश मंत्रालय ने एक कड़ा बयान जारी कर कहा कि उनकी यात्रा 'एक-चीन सिद्धांत और चीन-अमेरिका के तीन संयुक्त सहमति पत्रों के प्रावधानों का गंभीर उल्लंघन है।
मिसाइल को सबसे पहले राजधानी बीजिंग में 1 अक्टूबर, 2019 को सैन्य परेड में दिखाया गया था। ऐसा पहली बार है, जब चीन ने DF-17 मिसाइल के लाइव फायर ड्रिल का वीडियो जारी किया है।
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