पिछले दो सप्ताह से चीन के रक्षा मंत्री नहीं देखे गए हैं। इस पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। इससे पहले चीनी विदेश मंत्री लापता हो गए थे। बाद में उन्हें पद से हटा दिया गया था।
भारत में आयोजित जी20 से निकलकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन वियतनाम पहुंचे। यहां उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि वे जल्द ही चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात करने वाले हैं।
इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी चीन के महत्वाकांक्षी BRI प्रोजेक्ट से बाहर निकलना चाहती हैं। जी20 की बैठक के दौरान भारत ने कई देशों के लिए बीआरआई के समान ही नए आर्थिक गलियारे को लॉन्च करने की घोषणा की।
चीन की तरफ से पिछले दिनों एक नया नक्शा जारी किया गया जिसे लेकर न सिर्फ भारत बल्कि रूस, जापान, फिलीपींस और ताइवान ने भी कड़ा एतराज जताया है।
चीन ने अचानक Iphone के इस्तेमाल पर बैन लगाकर पूरी दुनिया को चौंका दिया है। हालांकि चीन ने यह आदेश सिर्फ अपने सरकारी अधिकारियों के लिए दिया है। चीनी सरकार के निर्देश के मुताबिक सरकारी दफ्तर में कोई भी अधिकारी या कर्मचारी आइफोन और अन्य विदेशी फोन का इस्तेमाल नहीं करेगा।
आज़ाद भारत के इतिहास में पहली बार देश में इतना बड़ा इवेंट होने जा रहा है इसलिए जी-20 समिट को लेकर सबकी निगाहें भारत पर हैं। इस समिट से पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इंटरव्यू दिया है।
भारत सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, जबकि चीन की धीमी गति से,यह बात भी चीन जानता है। जून 2020 में गलवान संघर्ष के बाद से ही चीन और भारत के संबंध सामान्य नहीं हैं।
ताइवान में पिछले दिनों सुरक्षा संवाद समिति में भारतीय सेना के तीन पूर्व सैन्य अधिकारियों ने हिस्सा लिया था। यह बात चीन को बेहद नागवार गुजरी है। चीन ने भारतीय अधिकारियों की मौजूदगी को एक-चीन नीति का उल्लंघन माना है। चीन ने भारत को ताइवान से सीमित संबंध ही रखने की अपील की है।
शी जिनपिंग के नई दिल्ली में होनेवाले जी-20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने की संभावना नहीं है। सूत्रों के मुताबिक चीनी राष्ट्रपति 9 से 10 सितंबर तक चलने वाले इस शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने भारत नहीं आएंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति शी को पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर 'अनसुलझे' मुद्दों पर भारत की चिंताओं से अवगत कराया। भारतीय पक्ष की ओर से इस बात पर जोर देते हुए बात रखी गई कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति स्थापित रखना दोनों देशों के बीचसामान्य स्थिति बरकरार रखने के लिए जरूरी है।
ब्रिक्स देशों के 15वें शिखर सम्मेलन में संगठन में 6 नए देशों को एंट्री दी गई है। इस सम्मेलन में शी जिनपिंग के साथ एक ऐसा वाकया हुआ जो चर्चा का विषय है।
चीन में हाल के समय में आई विनाशकारी बाढ़ के भारी तबाही मची है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने हाल के समय में आई विनाशकारी बाढ़ के दुष्प्रभावों से शीघ्र निपटने और आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
भारत और चीन के बीच जून 2020 में गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद से ही रिश्ते बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं। भारत ने चीन सीमा पर पहले की अपेक्षा कई गुना सैनिकों की तैनाती कर दी है। चीन सीमा पर राफेल और तेजस जैसे लड़ाकू विमानों की भी तैनाती की गई है। विवादित क्षेत्रों में पैट्रोलिंग और सैनिकों की मौजूदगी को लेकर तनाव है।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग पर भड़क गए हैं। उन्होंने जिनपिंग को तानाशाह कहा है। अमेरिकी विदेश मंत्री की हालिया चीन यात्रा और पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा के बीच बाइडन ने यह बड़ा बयान दिया है।
इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन फरवरी 2023 में चीन की यात्रा करने वाले थे, लेकिन अमेरिकी आसमान में चीनी जासूसी गुब्बारे मिलने के बाद उनकी यह यात्रा रद्द हो गई थी।
चीन ने जापान से कहा है कि क्षेत्र की शांति को ध्यान में रखते हुए उसे लिथुआनिया में हो रही NATO समिट में हिस्सा नहीं लेना चाहिए।
चीन में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जहां एक कॉमेडी फर्म ने मजाक में पीपल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) की तुलना अवारा डॉग्स से कर दी। इसके बाद चीन की सरकार आग बबूला हो गई। चीनी सेना की तुलना अवारा डॉग्स से करने पर बीजिंग ने कॉमेडी स्टूडियो पर करीब 1650 करोड़ रुपये का जुर्माना लगा दिया। मामला बुधवार का है, जहां चीन की
CCTV ने बताया कि ऑस्ट्रेलिया और कई अन्य देशों से खोज एवं बचाव दल घटनास्थल पर पहुंचे हैं और चीन ने ऑपरेशन में मदद के लिए दो जहाजों की तैनाती की है।
पाकिस्तान में मचे बवाल और जनता के आक्रोश से पाकिस्तान की सेना अवाक है। पाकिस्तान की आर्मी को यह उम्मीद नहीं थी कि इमरान खान के जेल जाने पर इमरान की पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ ही देश की आवाम भी इस कदर आक्रोशित हो जाएगी।
यूक्रेन युद्ध के दौरान रूस को हथियारों की सप्लाई करने की अमेरिकी और यूरोपीय चिंताओं के बाद चीन का बड़ा बयान सामने आया है। चीन ने भरोसा दिलाया है कि वह रूस या यूक्रेन किसी भी पक्ष को हथियारों की सप्लाई नहीं करेगा। चीन का यह बयान विशेष रूप से अमेरिका और फ्रांस द्वारा दबाव बनाए जाने के बाद सामने आया है।
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