बीते 8 सालों में चीन के साथ भारत के संबंध कभी मधुर और कभी आक्रामक दिखाई दिए हैं। एक तरफ पीएम मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को अहमदाबाद में झूला झुलाया, वहीं दूसरी तरफ भारतीय सैनिकों ने गलवान में चीनी सैनिकों को अपने पराक्रम से परिचित करवाया।
सोरोस ने कहा कि दुनिया को इस लड़ाई को जल्द खत्म करने के लिए अपने सभी संसाधन लगा देने चाहिए।
2020 में पहली कोविड 19 की लहर के दौरान शेनझेन में एक जनसभा को संबोधित करते हुए शी जिनपिंग भाषण के दौरान खांसने लगे थे। उनकी खांसी और चेहरे को देख अंदाजा लगाया जा रहा था, कि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है।
सोशल मीडिया पर फैली इन अफवाहों में दावा किया है-कोरोना मिस-मैनेजमेंट और बढ़ती आर्थिक मंदी के चलते चीनी राष्ट्रपति अपना पद छोड़ सकते हैं।
बायडेन ने कहा, यह शुरुआत से ही उनके उद्देश्य का एक हिस्सा था और मैं जानता हूं कि मैं यह आठ साल से कह रहा हूं।
चीन डॉलर डिप्लोमेसी से एशिया के गरीब देशों को अपने मकड़जाल में फंसा रहा है। इसका ताजा उदाहरण श्रीलंका और पाकिस्तान हैं। वह एशियाई व गरीब अफ्रीकी देशों को के साथ ‘यूज एंड थ्रो’ की नीति अपनाता है। इस नीति की अमेरिका कई बार आलोचना कर चुका है।
यूक्रेन पर रूस के हमले के बीच अमेरिकी राष्टपति जो बाइडन और चीन के राष्टपति शी जिनपिंग के बीच बातचीत हुई। इस बातचीत में जिनपिंग ने बाइडन को इस मुद्दे पर अपना रूख स्पष्ट किया है।
चीन ने रूस-यूक्रेन जंग के बीच एक बार फिर वार्ता करने और मानवीय सहायता के लिए अनुदान को लेकर अपनी अपील दोहराई।
बायडेन ने इस साल 65,000 मील से अधिक राजमार्ग को ठीक करने, जर्जर अवस्था में पहुंच चुके 1500 सेतु की मरम्मत की योजना की घोषणा की।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने भी शुक्रवार को युद्ध को रोकने के लिये रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ बातचीत की बात दोहराई है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर आठ दिसंबर को पोस्ट किए गए एक बयान में कहा गया, ‘‘हम 9-10 दिसंबर 2021 को डिजिटल तरीके से आयोजित होने वाले लोकतंत्र पर शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए पाकिस्तान को आमंत्रित करने पर अमेरिका के आभारी हैं।’’
शी जिनपिंग ने कहा कि चीन का उदय ‘इतिहास की अपरिहार्य प्रवृत्ति’ है और इसे रोका नहीं जा सकता।
इस पहल का मकसद ‘‘मूल्य-संचालित, उच्च-मानक वाली और पारदर्शी बुनियादी ढांचा साझेदारी’’ कायम करने के लक्ष्य के साथ विकासशील देशों में वित्त परियोजनाओं को मदद देना भी है।
अमेरिका-चीन के बीच प्रतिस्पर्धा को जिम्मेदारी से प्रबंधित करने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन 15 नवंबर को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से वर्चुअल बातचीत करेंगे।
CPC की इस बैठक को शी के लिए अहम माना जा रहा था जो अपने नौ साल के कार्यकाल के बाद पार्टी संस्थापक माओ त्से तुंग के बाद सबसे शक्तिशाली नेता के रूप में उभरे हैं।
दलाई लामा ने अपने बयान में कहा था कि कड़े सामाजिक नियंत्रण के प्रति सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी का झुकाव नुकसानदेह हो सकता है।
महामारी की उत्पत्ति के बारे में अधिक जानकारी देने को लेकर चीन पर भारी दबाव रहा है और उस पर महामारी के कुप्रबंधन तथा अपनी गलतियों को छिपाने की कोशिश करने का आरोप लगाया जाता रहा है।
चीन की अर्थव्यवस्था पर अब कोरोना वायरस का असर दिखने लगा है। उसकी आर्थिक वृद्धि की रफ्तार धीमी हो गई है। इसका कारण उसके बाजार में गिरावट, बिजली संकट और अन्य कारण बताया जा रहे है।
शी ने एक आधिकारिक उत्सव के मौके पर बीजिंग के ग्रेट हॉल में कहा कि चीन के पुन:एकीकरण के रास्ते में ‘ताइवन स्वतंत्रता’ बल मुख्य बाधक है।
शी ने अपने भाषण में कहा, ‘‘एक देश की सफलता का मतलब दूसरे देश की विफलता नहीं है। दुनिया सभी देशों के साझा विकास और प्रगति को समायोजित करने के लिए काफी बड़ी है।’’
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