अरुणाचल प्रदेश को लेकर भारत के स्पष्ट रुख के बाद भी चीन अपनी चालाकियों पर कायम है। चीन ने अब अरुणाचल प्रदेश में 30 जगहों के नाम बदले हैं। चीन अरुणाचल प्रदेश को जांगनान कहता है।
पीएम मोदी के हालिया अरुणाचल दौरे पर चीन ने ऐतराज जताया है। चीन अरुणाचल प्रदेश पर अक्सर गलत बयानी करता रहा है। इसका भारत ने हमेशा कठोरता से विरोध दर्ज कराया है।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रों और पीएम मोदी की दोस्ती को हाल ही में दुनिया ने देखा। इस दोस्ती से चीन को मिर्ची लगी है। चीन अब फ्रांस और चीन के संबंधों की दुहाई देने लगा है। जानिए चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग ने क्या कहा?
ताइवान में लाई-चिंग-ते के राष्ट्रपति बनने के बाद ही चीन ने इस देश से अपने संबंधों को तोड़ लिया था। अब चीन एक अन्य द्वीप देश पर बुरी नजर डालने लगा है। ताइवान की तरह यह भी एक द्वीप देश है और क्षेत्रफल में ताइवान से भी छोटा है। इस छोटे से देश का नाम नाउरू है, जिससे चीन ने अब अपने राजनयिक संबंधों को बहाल कर लिया है।
मालदीव के राष्ट्रपति की चीन में आधिकारिक यात्रा के दौरान मोहम्मद मोइज्जू और शी जिनपिंग ने मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद चीन की ओर से बयान आया है। चीन ने गीदड़भभकी देते हुए कहा कि यदि किसी देश ने मालदीव में हस्तक्षेप किया तो...'।
भारत विरोधी रुख रखने वाले मालदीव के राष्ट्रपति ने चीन में अपने समकक्ष शी जिनपिंग से मुलाकात की। इस दौरान 20 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। इस दौरान जिनपिंग ने मोइज्जू को 'ब्लू इकोनॉमी' के सपने दिखाए। इस मुलाकात और यात्रा पर भारत की बारीक नजर है।
इस यात्रा के दौरान मुइज्जू चीन के राष्ट्रपति शी जीनपिंग से भी मुलाकात करेंगे। मुइज्जू को चीन का काफी करीबी माना जाता है। हाल ही में हुए राष्ट्रपति चुनाव में उन्हें चीन का समर्थन हासिल था।
अमेरिका और चीन में एक बार फिर ठन गई है। दोनों देशों के संबंध दोबारा तनावपूर्ण हो गए हैं। चीन ने 5 अमेरिकी कंपनियों पर प्रतिबंध लगाकर जो बाइडेन को बड़ा झटका दिया है। हालांकि नवंबर 2023 में अमेरिकी राष्ट्रपति ने बीजिंग का दौरा कर दोनों देशों के संबंधों में घुली कड़वाहट दूर करने का प्रयास किया था।
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के पास एक ऐसी अनोखी कार है, जो दुनिया में किसी नेता के पास नहीं है। उनकी कार के कायल तो खुद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन हैं, जिन्होंने जिनपिंग की कार की तारीफ भी की। जानिए इस कार में ऐसा क्या है खास?
सैन फ्रांसिस्को में अमेरिका-चीन सम्मेलन के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की जरूरत से ज्यादा आवभगत किए जाने पर एक अमेरिकी सांसद भड़क उठे हैं। सांसद क्रिस स्मिथ ने कहा कि चीन उइगर मुसलमानों समेत अन्य के मानवाधिकार हनन का दोषी है और दूसरे देशों की जमीन हड़पता है। दमनकारी को ऐसी आवभगत क्यों दी गई?
सैन फ्रांसिस्को में 15 नवंबर को हुए अमेरिका-चीन सम्मेलन के बाद अचानक तिब्बत का मुद्दा भी उछल गया है। अमेरिका से इस मुद्दे पर एक अंतरराष्ट्रीय संगठन ने चीन पर दबाव बनाने की मांग की है। साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को इस मुद्दे को समाधान कराने का उनका पुराना वादा भी याद दिलाया है।
अमेरिका-चीन सम्मेलन भले ही दोनों देशों के बीच कड़वाहट भरे रिश्तों में मिठास पैदा करने के प्रयास के तहत किया गया हो। बावजूद दोनों देशों के पूर्व रुख में खास बदलाव देखने को नहीं मिल रहा है। सम्मेलन के अगले ही दिन बाइडेन ने चीनी राष्ट्रपति को तानाशाह कहा और अब एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि जो चीन को पसंद न हो वही बात कहेंगे।
अमेरिका और चीन के राष्ट्रपतियों के बीच हुई रणनीतिक द्विपक्षीय वार्ता से क्या दोनों देशों के संबंध अब वाकई में बहाल हो जाएंगे। बाइडेन और जिनपिंग के बीच बातचीत में अमेरिका और चीन के संबंधों को भविष्य में बिगड़ने नहीं देने पर प्रतिबद्धता जताई गई है। इसके लिए इस खास तरीके पर चर्चा हुई।
अमेरिका-चीन के बीच हुई द्विपक्षीय रणनीतिक वार्ता के महज कुछ घंटे बाद ही दोनों देशों के रिश्तों में फिर से कड़वाहट के संकेत मिलने लगे हैं। हालांकि शी जिनपिंग के साथ बैठक के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इसे बहुत ही सकारात्मक कहा था। मगर अब बाइडेन ने जिनपिंग को तानाशाह करार दिया है।
चीन में आबादी बूढ़ी होती जा रही है, जो कि संकट का विषय है। यही नहीं, बच्चे पैदा करने की दर में गिरावट आ गई है, जिससे चीनी राष्ट्रपति टेंशन में आ गए हैं। उन्होंने महिलाओं से बच्चे पैदा करने के लिए शादी करने की अपील की है।
चीन ने इजरायल हमास के बीच शांति बहाली करने का प्रयास शुरू कर दिया है। इस बाबत चीन ने अपने एक दूत को पश्चिम एशिया भेजा है। वार्ता के जरिये चीन युद्ध में शांति बहाली चाहता है। हालांकि अभी तक चीन ने इजरायल पर हमास के हमले की निंदा नहीं की है।
रूस-यूक्रेन युद्ध के साथ अब इजरायल और हमास युद्ध दुनिया के लिए नया चैलेंज है। तीसरे विश्वयुद्ध के खतरों के बीच दुनिया दो ध्रुवों में बंट रही है। इसके परिणाम कितने घातक होंगे, यह आने वाला वक्त बताएगा। मगर आधुनिक बमों, मिसाइलों और शक्तिशाली परमाणु बमों से मानवता का नामों-निशां मिट जाने का खतरा है।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन चीन की यात्रा पर पहुंच चुके हैं। वे मंगलवार को बीजिंग हवाई अड्डे पर उतरे, जहां उनका पारंपरिक स्वागत किया गया। वे बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव फोरम के कार्यक्रम में हिस्सा लेने गए हैं। अंतरराष्ट्रीय कोर्ट द्वारा उनके खिलाफ जारी वारंट के बीच पहली बड़ी विदेश यात्रा है।
भारत चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव परियोजना के सम्मेलन में शामिल होने से इनकार कर दिया है। यह भारत के चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा के विरोध को भी दर्शाता है, जो पीओके से गुजर रहा है। भारत ने चीन की इस परियोजना को संप्रभुता के खिलाफ बताया है। चीन के अनुसार भारत के अलावा 140 देश सम्मेलन में शामिल होंगे।
इजरायल पर हमास के हमले ने साल की शुरुआत से वैश्विक शांति का मसीहा बनने की कोशिशें कर रहे चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के सारे किए धरे पर पानी फेर दिया।
संपादक की पसंद