चीन के राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू चीन की राजकीय यात्रा पर जा रहे हैं। ऐसा करके वे उस परंपरा को तोड़ रहे हैं, जो मालदीव और भारत के बीच बनी हुई थी। दरअसल, जो भी मालदीव का राष्ट्रपति बनता है वो पहली राजकीय यात्रा भारत की करता है। लेकिन चीन परस्त मोइज्जू ने इस परंपरा को तोड़ दिया है।
चीन ने बिना किसी स्पष्टीकरण के जनरल ली शांगफू को बर्खास्त करने के दो महीने बाद शुक्रवार को नौसेना कमांडर जनरल दोंग जून को अपना नया रक्षा मंत्री नामित किया। चीन की शीर्ष विधायिका नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) ने अक्टूबर में ली के निष्कासन की पुष्टि की थी। इसके बाद अब पीएलए को 9 जनरलों को बर्खास्त कर दिया है।
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग वियतनाम के दौरे पर हैं। इस यात्रा के दौरान शी जिनपिंग कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव गुयेन फु ट्रोंग, राष्ट्रपति वो वान थुओंग और प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन्ह से मुलाकात करेंगे।
अमेरिका और चीन के बीच लंबे समय से चल रहे भारी तनावों के बीच चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग अमेरिका की यात्रा पर पहुंचे हैं। हालांकि, उन्होंने चीन की वैश्विक छवि से उलट एक अजीब बयान दिया है।
चरम पर चल रहे वैश्विक तनावों के बीच अमेरिका और चीन ने अपने रिश्तों की कड़वाहट दूर करने के प्रयास के साथ ही वैश्विक समस्याओं के निदान पर भी फोकस किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीनी राष्ट्रपति सी जिनपिंग की वैश्विक क्षेत्रीय मुद्दों पर अहम वार्ता हुई है।
जो बाईडेन और शी जिनपिंग के बीच अहम द्विपक्षीय बैठक होने जा रही है। दोनों देशों में तनाव के बीच यह बैठक कई मायनों में काफी अहम है। जानिए इस बैठक का क्या है मकसद और इससे क्या समीकरण बनेंगे?
भारत और अमेरिका की स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप के बीच चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और अमेरिकी प्रेसिडेंट जो बाइडेन के बीच आज सैन फ्रांसिस्को में अहम बैठक होने जा रही है। इस पर भारत की पैनी नजर है। हालांकि उम्मीद की जा रही है कि अमेरिका भारत के साथ अपने रणनीतिक साझेदार होने की बात को ध्यान में रखकर ही चीन से कोई डील करेगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग लंबे समय बाद एक बार फिर मुलाकात करने जा रहे हैं। बाइडेन और जिनपिंग बुधवार एपीईसी की बैठक से इतर सैन फ्रांसिस्को में द्विपक्षीय बैठक करेंगे।
अमेरिका और चीन अपने संबंधों को सामान्य करने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ा चुके हैं। आगामी 14 नवंबर को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन शी जिनपिंग से मुलाकात के साथ ही द्विपक्षीय वार्ता भी करने वाले हैं। इससे क्या दोनों देशों के बीच जमी लंबे समय की बर्फ पिघल जाएगी, फिलहाल तो ऐसा संभव नहीं लगता।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और शी जिनपिंग की मुलाकात के दौरान बातचीत की राह बेहद कठिन होने की आशंका है। अमेरिका और चीन के रिश्ते ताइवान के विवाद के चलते तल्ख हैं। बाइडेन और जिनपिंग की संभावित मुलाकात से पहले चीनी विदेश मंत्रालय ने खुद ही इस बैठक को चुनौतीपूर्ण बता दिया है।
अलग-अलग रिपोर्ट्स के मुताबिक, रक्षा मंत्री ली शांगफू पर भ्रष्टाचार के मामले की जांच बैठी है। वॉल स्ट्रीट जर्नल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि चीनी रक्षा मंत्री को एक हफ्ते पहले ही अधिकारियों द्वारा पूछताछ के लिए ले जाया गया था।
चीन के दौरे पर गए नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड चीनी राष्ट्राध्यक्षों यानी राष्ट्रपति जिनपिंग और चीनी पीएम के समक्ष अडिग रहे। चीन अपनी चाल में उन्हें नहीं फंसा पाया। बीआरआई और सैन्य गठबंधन 'जीएसआई' पर चीन की मंशा के बावजूद नेपाली पीएमने साइन नहीं किए। बीआरआई पर भी बात नहीं बनी।
भारत की राजधानी नई दिल्ली में हो रहे जी20 शिखर सम्मेलन को लेकर तैयारियां पूरी हो गई हैं। जो बाइडेन से लेकर इमैनुएल मैक्रों और ऋषि सुनक तक इस सम्मेलन का हिस्सा होंगे।
भारत को कभी कमतर आंकने वाला चीन अब भारत से घबराने लगा है। हालत यह है कि चीन भारत को अमेरिका से भी बड़ा और खतरनाक दुश्मन मानता है। एशिया में चीन का सबसे बड़ा और प्रखर प्रतिद्वंदी भारत ही है। भारत अब टेक्नोलॉजी से लेकर आर्मी और अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में दुनिया को चुनौती दे रहा है। मगर रूस भारत-चीन में दोस्ती चाहता है।
दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान चीन भारत के साथ द्विपक्षीय बैठक और वार्ता करने को बेताब था। मगर चीन के अनुरोध को पीएम मोदी ने अस्वीकार कर दिया। भारतीय सूत्रों ने कहा कि पीएम मोदी चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ सिर्फ अनौपचारिक रूप से बातचीत पर सहमत हुए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स सम्मेलन के साथ मुलाकात और बैठक हुई। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने अरुणाचल प्रदेश और पूर्वी लद्दाख क्षेत्र से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) का मुद्दा उठाया। पीएम मोदी और जिनपिंग ने तनाव कम करने को लेकर बातचीत की।
दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में हो रहा ब्रिक्स शिखर सम्मेलन काफी मायनों में खास है। दुनियाभर के 20 से अधिक देशों ने इस संगठन का भाग बनने की इच्छा जाहिर की है।
दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी चीन की अर्थव्यवस्था अब गहरे संकट में है और उसका 40 साल का सफल वृद्धि मॉडल चरमरा गया है।
शी जिनफिंग ने अपने भाषण में कहा, हमें धैर्य बनाए रखना चाहिए और स्थिर व चरणबद्ध प्रगति पर जोर देना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दक्षिण अफ्रीका के ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए जोहान्सबर्ग जाएंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से इसकी पुष्टि कर दी गई है। जोहान्सबर्ग में 22 से 24 अगस्त तक ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का आयोजन होना है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी इसमें हिस्सा लेंगे।
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