अमेरिका और चीन के बीच चल रहा टैरिफ वार अब खत्म होने को है। ऐसा संकेत अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दिया है। ट्रंप ने चीन के साथ बहुत अच्छे व्यापार सौदे पर पहुंचने का विश्वास जताया है।
अमेरिका और चीन के बीच छिड़े ट्रेड वार से दोनों देशों के बीच तनाव अपने चरम की ओर है। यह अमेरिका और चीन के कूटनीतिक और राजनैतिक रिश्तों को भी प्रभावित करने लगा है।
चीन ने अमेरिका पर उसी लहजे में जवाब देते हुए 34 फीसदी का टैक्स लगाया है। इससे अमेरिका में खलबली मच गई है।
चीन इस बार अपना रक्षा बजट फिर बड़े पैमाने पर बढ़ाने जा रहा है। इसका संकेत अभी से दे दिया है। चीन अपनी सामरिक ताकत बढ़ाकर भारत और अमेरिका जैसे देशों को लगातार चुनौती दे रहा है।
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने एक आदेश से एशिया से लेकर अमेरिका तक हड़कंप मचा दिया है। दरअसल शी ने अपनी सेना को दुनिया की टॉप सशस्त्र सेना बनाने के साथ अमेरिका, ताइवान और अन्य पड़ोसियों के खिलाफ युद्ध की तैयारी वाला आदेश पारित किया है।
अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने चीन को बेहद कड़ा संदेश दिया है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अमेरिका और चीन के बीच 21वीं सदी में जो कुछ होगा वह इतिहास बनेगा। इससे अमेरिका-चीन के बीच बड़ी टकराहट का अंदाजा लगाया जा रहा है।
डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका के राष्ट्रपति बनते ही चीन चिंता में पड़ गया है। बता दें कि ट्रंप ने राष्ट्रपति बनते ही चीन के कब्जे से पनामा नहर वापस लेने का ऐलान किया था। वहीं ट्रंप ने जिन मार्को रुबियो को अमेरिका का विदेश मंत्री उनके रिश्ते चीन से बेहद खराब हैं।
ताइवान की मदद करने पर चीन अमेरिका पर भड़क गया है। अमेरिका के इस कदम पर बीजिंग ने बाइडेन को कड़े शब्दों में ताइवान को सैन्य मदद बंद करने को कहा है। चीन का कहना है कि ताइवान की सैन्य मदद करके अमेरिका आग से खेल रहा है।
ट्रंप ने कुछ दिन पहले ही चीन से आयात होने वाले सामान में टैरिफ बढ़ाने की बात कही थी और अब चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को निमंत्रण भेजा है। हालांकि, अब तक पीएम मोदी को न्योता मिलने की जानकरी सामने नहीं आई है।
अमेरिका ने चीन से तनावों के बीच उसके कड़े प्रतिद्वंदी ताइवान को 2 अरब डॉलर का हथियार देना का ऐलान करके बीजिंग में हलचल पैदा कर दी है। बता दें कि चीन ताइवान को अपना हिस्सा बताता है और वह उस पर कब्जा करना चाहता है।
कजान में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पीएम मोदी की द्विपक्षीय बैठक ने दोनों देशों के बीच संबंधों पर जमी बर्फ को पिघलने का संकेत दिया है। ब्रिक्स से इतर यह बैठक करीब 50 मिनट तक चली। इस दौरान भारत-चीन ने खास तौर पर एलएसी विवाद समेत अन्य मुद्दों पर व्यापक चर्चा की।
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से द्विपक्षीय वार्ता के बाद पीएम मोदी ने कहा कि सीमा पर स्थिरता बनाए रखना हमारी प्राथमिकता है। विश्व शांति और स्थिरता के लिए हमारे संबंध जरूरी हैं।
हमास चीफ इस्माइल हानिया की हत्या के बाद सिर्फ ईरान ही नहीं, बल्कि चीन भी भड़क उठा है। बीजिंग ने इस्माइल हनियेह उर्फ इस्माइल हानिया की हत्या का कड़ा विरोध करते हुए इजरायल को सख्त चेतावनी भी दी है।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यूक्रेन युद्ध में रूस की मदद करने वाले चीन को खुली धमकी दी है। उन्होंने कहा कि रूस से संबंध रखने और यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में मॉस्को की मदद करने के परिणाम चीन को भुगतने होंगे। बाइडेन पहली बार इस तेवर में चीन के खिलाफ नजर आए।
चीन ने ताइवान के खिलाफ एक नई जंग छेड़ दी है। इससे ताइवान परेशान हो गया है। चीन के इस छद्म युद्ध से ताइवान का बच पाना बेहद मुश्किल हो गया है। बताया जा रहा है कि ताइवान को बर्बाद करने के लिए चीन उस पर साइबर हमले कर रहा है।
कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से पाकिस्तान कितना अधिक परेशान है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पाक प्रधानमंत्री ने अपनी बीजिंग यात्रा के दौरान चीन के सामने इस मुद्दे को उठाकर उनसे मदद मांगी है। चीन और पाकिस्तान ने एक संयुक्त बयान जारी कर कश्मीर में एकतरफा कार्रवाई का विरोध किया है।
पाक-चीन ने चिर-प्रतिष्ठित 'सर्व-मौसम रणनीतिक सहयोग साझेदारी' को दोहराया और राजनीतिक एवं सुरक्षा से लेकर आर्थिक, व्यापार, लोगों के बीच आदान-प्रदान तक के विविध क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करने का संकल्प व्यक्त किया। उन्होंने अफगानिस्तान, फिलिस्तीन और कश्मीर सहित दक्षिण एशिया सहित क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाक पर विचार किया।
चीन ने ताइवान में सत्ता बदलते ही उस पर शिकंजा शुरू कर दिया है। पहले चीन ने ताइवान पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने के लिए नए राष्ट्रपति के शपथग्रहण से पहले उसके क्षेत्र में अपने लड़ाकू विमान और जंगी जहाज भेजने शुरू कर दिए और अब उसे हथियार सप्लाई करने वाली अमेरिकी रक्षा कंपनियों पर बैन लगा दिया।
ताइवान को अब नया राष्ट्रपति मिल गया है। अब तक उपराष्ट्रपति रहे लाई चिंग ते ने ताइवान के नए राष्ट्रपति का पदभार संभाला है। लाई चिंग ते को चीन का प्रखर विरोधी माना जाता है। उन्होंने अपने पद और गोपनीयता की शपथ लेते ही चीन को कड़ा संदेश दिया है। ताइवान ने कहा है कि चीन उसे धमकियां देना बंद करे।
रूस के राष्ट्रपति पुतिन इन दिनों चीन की दो दिवसीय यात्रा पर हैं। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने बीजिंग में अपने दोस्त पुतिन का जोरदार स्वागत किया, फिर यूक्रेन युद्ध खत्म करने का प्रस्ताव रखा। इस पर पुतिन ने शी को शुक्रिया कहा।
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