थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति आगामी महीनों में और नीचे आएगी। 2018 में यह औसतन 2.8 प्रतिशत पर रहेगी। नोमूरा ने यह अनुमान जताया गया है।
सितंबर में थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर (WPI) घट कर 2.60 फीसदी के स्तर पर आ गई जो अगस्त में चार महीने के शीर्ष स्तर 3.24 फीसदी पर पहुंच गई थी।
खुदरा एवं थोक महंगाई दर में जुलाई माह में वृद्धि हुई और आने वाले महीनों में इसमें और वृद्धि आ सकती है। मोर्गन स्टैनली ने एक रिपोर्ट में यह आशंका जताई है।
थोक मूल्य आधारित महंगाई दर में पांच महीने के बाद पहली बार इजाफा देखने को मिला है। इसकी प्रमुख वजह खाने-पीने की चीजों की कीमतों का बढ़ना है।
ASSOCHAM के मुताबिक देश में रिकॉर्ड खाद्यान्न उत्पादन की संभावना और बाजार में कम प्राइस वार की वजह से महंगाई दर में बढ़ोतरी की आशंका नहीं है
थोक मूल्य सूचकांक (WPI) पर आधारित महंगाई दर जून में घटकर 0.9 प्रतिशत रही। शुक्रवार को सरकार द्वारा जारी आंकड़ों में यह खुलासा हुआ है।
मई में महंगाई दर के पांच माह के निचले स्तर 2.17 फीसदी के स्तर पर आ जाने के चलते भारतीय उद्योग जगत ने RBI से ब्याज दरों में कटौती की मांग की है।
थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई दर मई में घटकर 5 महीने के निचले स्तर 2.17% पर आ गई। मुख्यतौर पर सब्जियों के दाम घटने से मुद्रास्फीति में यह गिरावट आई है।
देश की आर्थिक वृद्धि दर 2015-16 और 2016-17 के लिए नई IIP और GDP श्रृंखला के कारण संशोधित कर क्रमश: 8.3 फीसदी और 7.6 फीसदी किए जाने की संभावना है।
सरकार ने थोक मूल्य सूचकांक (WPI) और औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) का आधार वर्ष बदलकर 2011-12 कर दिया है। इनके लिए पहले आधार वर्ष 2004-05 था।
मार्च महीने में थोक महंगाई दर में गिरावट देखने को मिली है। यह फरवरी महीने के मुकाबले 6.55 फीसदी से गिरकर 5.70 फीसदी पर आ गई है।
विश्लेषकों का मानना है कि मुद्रास्फीति के तय लक्ष्य के मुकाबले काफी नीचे होने के बावजूद RBI अप्रैल की मौद्रिक नीति समीक्षा में यथास्थिति बनाए रख सकता है।
सेंसेक्स 63 की बढ़त के साथ 29,649 के स्तर पर बंद हुआ है। वहीं, निफ्टी 6 अंक की तेजी के साथ 9160 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी पहली बार 9150 के ऊपर बंद हुआ है।
New Highs: शुक्रवार को घरेलू शेयर बाजार की शुरुआत तेजी के साथ हुई है। बाजार की इस तेजी में निफ्टी ने पहली बार 9200 के महत्वपूर्ण स्तर को छुआ है।
मेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों पर फैसला आने से पहले घरेलू शेयर बाजार की शुरुआत हल्की गिरावट के साथ हुई है। सेंसेक्स 8, निफ्टी 4 अंक नीचे है।
देश में खुदरा मुद्रास्फीति दर फरवरी के दौरान बढ़कर 3.65 प्रतिशत पर पहुंच गई। ऐसा खाद्य और ईंधन की कीमतों में तेज वृद्धि की वजह से हुआ है।
महंगाई की मार झेल रहे आम आदमी को बड़ा झटका लगा है। फरवरी में थोक महंगाई दर (WPI) 6.55 फीसदी पहुंच गई, जो लगभग 39 महीनें का उच्चतम स्तर है।
चुनाव के नतीजों के बाद, बाजार विश्लेषकों ने मंगलवार को शेयर बाजारों की सकारात्मक शुरुआत की भविष्यवाणी की है। वहीं, निवेशकों की नजर वैश्विक संकेतों पर भी है।
सरकार नए आधार वर्ष 2011-12 के साथ दो वृहत आर्थिक संकेतक औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) और थोक मूल्य सूचकांक (WPI) को अप्रैल अंत तक जारी कर सकती है।
नोमूरा का कहना है कि भारत में थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति अगले तीन माह तक और बढ़ेगी। वर्ष 2017 में थोक महंगाई की औसत दर 4.4 प्रतिशत रहेगी।
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