थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति दिसंबर में आठ महीने के निचले स्तर पर जाकर 3.80 प्रतिशत रही।
थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति दिसंबर में आठ महीने के निचले स्तर पर जाकर 3.80 प्रतिशत रही।
थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति तीन महीने के निचले स्तर पर जाकर नवंबर में 4.64 प्रतिशत पर रही।
थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति अक्टूबर में बढ़कर 5.28 प्रतिशत रही, जो पिछले 4 महीने का सबसे ऊंचा स्तर है।
आम लोगों पर पड़ रही महंगाई का असर अब आंकड़ों में भी दिखाई देने लगा है। सितंबर में थोक मल्य सूचकांक 5.13% (अनुमानित) पर पहुंच गया।
सेंसेक्स 372.68 प्वाइंट की मजबूती के साथ 38090.64 पर बंद हुआ है, दिन के कारोबार में सेंसेक्स ने 38125.62 का ऊपरी स्तर छुआ है
अगस्त के दौरान देश में थोक महंगाई दर (WPI) 4.53 प्रतिशत दर्ज की गई है, इससे पहले जुलाई के दौरान यह दर 5.09 प्रतिशत थी
शेयर बाजारों के विशेषज्ञों ने कहा कि औद्योगिक उत्पादन और महंगाई दर समेत आगामी वृहत आर्थिक आंकड़ों से इस सप्ताह बाजार की चाल तय होगी।
जून में चार साल के उच्च स्तर को छूने के बाद जुलाई में थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित महंगाई दर में गिरावट आई है और यह 5.09 फीसदी रही।
देश के थोक महंगाई दर (WPI) में जून महीने में आश्चर्यजनक बढ़ोतरी हुई है। जून में यह चार साल के उच्चतम स्तर 5.77 फीसदी पर रही जबकि मई में यह 4.43 फीसदी थी। अगर हम पिछले वर्ष के समान महीने की बात करें तो यह 0.90 फीसदी थी।
पेट्रोल-डीजल तथा सब्जियों के दाम बढ़ने से मई महीने में थोक मूल्य आधारित महंगाई दर (WPI) बढ़कर 14 महीने के उच्चतम स्तर 4.43 प्रतिशत पर पहुंच गयी। थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित महंगाई दर इस साल अप्रैल महीने में 3.18 प्रतिशत तथा पिछले साल मई महीने में 2.26 प्रतिशत थी।
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी की वजह से देशभर में महंगाई बढ़ने लगी है। वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए ताजा आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल के दौरान थोक महंगाई दर (WPI) 4 महीने के ऊपरी स्तर पर दर्ज की गई है।
हालांकि पेट्रोलियम उत्पादों के दाम बढ़ने की वजह से फ्यूल एंड पावर बास्केट की महंगाई दर फरवरी के 3.81 प्रतिशत से बढ़कर 4.70 प्रतिशत हो गई है।
आर्थिक गतिविधियों के मोर्चे पर सुधार का संकेत देते हुए औद्योगिक उत्पादन फरवरी महीने में 7.1 प्रतिशत बढ़ा जबकि थोक मुद्रास्फीति मार्च महीने में 4.28 प्रतिशत पर पांच माह के निचले स्तर पर आ गई। सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है।
ईंधन और खाद्य पदार्थों की कीमतों में नरमी से फरवरी महीने में थोक महंगाई दर (WPI) सात महीने के न्यूनतम स्तर पर पहंच गई। फरवरी में थोक महंगाई दर 2.48 फीसदी रही।
इस हफ्ते महंगाई दर, औद्योगिक उत्पादन और विदेश व्यापार के आंकड़े जारी होने हैं जो शेयर बाजार की चाल को प्रभावित कर सकते हैं
जनवरी में खुदरा मुद्रास्फीति घटकर 5.07% रह गई थी, जबकि थोक मुद्रास्फीति 2.84% थी जो छह महीने का निचला स्तर था
थोक मूल्य आधारित (WPI) महंगाई दर के मोर्चे पर राहत की खबर है। जनवरी में सब्जियों की कीमतें बढ़ी रहने के बावजूद थोक महंगाई दर घटकर 6 महीने के सबसे कम स्तर 2.84 फीसदी पर आ गई है।
थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई नवंबर में बढ़कर 3.93 प्रतिशत पर पहुंच गई है। प्याज और अन्य सब्जियों के दाम बढ़ने से महंगाई में इजाफा हुआ है।
प्याज और दूसरी सब्जियों सहित खाने-पीने के सामान के दाम बढ़ने से अक्टूबर में थोक महंगाई 3.59 प्रतिशत पर पहुंच गई। यह इसका पिछले छह माह का उच्च स्तर है
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