हालांकि पेट्रोलियम उत्पादों के दाम बढ़ने की वजह से फ्यूल एंड पावर बास्केट की महंगाई दर फरवरी के 3.81 प्रतिशत से बढ़कर 4.70 प्रतिशत हो गई है।
थोक मूल्य आधारित (WPI) महंगाई दर के मोर्चे पर राहत की खबर है। जनवरी में सब्जियों की कीमतें बढ़ी रहने के बावजूद थोक महंगाई दर घटकर 6 महीने के सबसे कम स्तर 2.84 फीसदी पर आ गई है।
प्याज और दूसरी सब्जियों सहित खाने-पीने के सामान के दाम बढ़ने से अक्टूबर में थोक महंगाई 3.59 प्रतिशत पर पहुंच गई। यह इसका पिछले छह माह का उच्च स्तर है
थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति आगामी महीनों में और नीचे आएगी। 2018 में यह औसतन 2.8 प्रतिशत पर रहेगी। नोमूरा ने यह अनुमान जताया गया है।
नोमूरा का कहना है कि भारत में थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति अगले तीन माह तक और बढ़ेगी। वर्ष 2017 में थोक महंगाई की औसत दर 4.4 प्रतिशत रहेगी।
थोक महंगाई दर जनवरी में ढाई साल के उच्चतम स्तर 5.25 प्रतिशत पर पहुंच गई है। इसके बाद भारतीय उद्योग जगत ने ब्याज दरों को कम करने की मांग की है।
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