World No Tobacco Day: 41 हजार यंगस्टर और करीब 400 बच्चे अपनी जान महज इसलिए गवां देते हैं, क्योंकि उनके घर, सगे या दोस्त में से किसी को सिगरेट पीने की बुरी आदत है और वो अनजाने में इसके संपर्क में आते हैं।
इस बार वर्ल्ड नो टोबेको डे (विश्व तंबाकू निषेध दिवस) की थीम 'युवाओं को तंबाकू इंडस्ट्री के हथकंडे से बचाना और उन्हें तंबाकू और निकोटिन के इस्तेमाल से रोकना" रखा गया है।
हम आपको बताना चाह रहे हैं कि जिस सिगरेट पर आप पैसा और स्वास्थ्य दोनों लगा रहे हैं, उसे अगर न पीते तो आप उसके बदले, एक सुंदर सा मकान, एक शानदार कार या बाइक के मालिक बन सकते थे।
लगातार तंबाकू का सेवन करने से हमारा शरीर जल्द ही खोखला हो जाता है। अगर एक बार ये लत लग जाए तो फिर इसे छोड़ना बेहद मुश्किल हो जाता है। लेकिन आयुर्वेद में ऐसे कुछ उपाय है जिनकी मदद से तंबकू सेवन की आदत से छुटकारा मिल सकता है।
भारत में हर साल तंबाकू के सेवन के कारण 10 लाख से अधिक लोगों की मृत्यु हो जाती है। चौंका देने वाले आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि भारत में 16 साल से कम उम्र के 24 फीसदी बच्चों ने पिछले कुछ समय में तंबाकू का इस्तेमाल किया है
World No Tobacco Day 2019: हर साल दुनियाभर में 31 मई को 'विश्व तंबाकू निषेध दिवस' मनाया जाता है। इसे मनाने का मुख्य कारण है स्मोकिंग करने से होने वाली बीमारियों को लेकर जागरुकता फैलाना।
World No Tobacco Day: हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है। सिगरेट ही नहीं उसकी राख और बट में बी पाए जाते है खतरनाक केमिकल।
सर्वेक्षण से पता चला है कि व्यक्ति की भावनात्मक सोच अभी भी धूम्रपान का मुख्य कारक बनी हुई है। युवा समूह तनाव से निजात पाने के लिए धूम्रपान करते हैं, जबकि 35-50 वर्ष के व्यक्ति कार्य के दबाव को इसके लिए जिम्मेवार ठहराते हैं।
पूरी दुनिया गुरुवार (31 मई) को विश्व तंबाकू निषेध दिवस के रूप में मनाएगी और इससे दूर रहने की जगह-जगह नसीहत दी जाएगी, क्योंकि तंबाकू बीमारियों की जड़ है। मध्य प्रदेश में हर रोज 348 लोग तंबाकू जनित बीमारियों से अपनी जिंदगी गंवा देते हैं।
World No Tobacco Day 2018: गैर सरकारी संस्था फाउन्डेशन फॉर स्मोक फ्री वर्ल्ड द्वारा जारी आंकड़ों में खुलासा हुआ है कि देश में धूम्रपान करने वाले प्रत्येक 10 में से सात लोग धूम्रपान को सेहत के लिए खतरा मानते हैं और 53 फीसदी लोग धूम्रपान छोड़ने की कोशिशों में नाकाम साबित हुए हैं।
World No Tobacco Day 2018: धूम्रपान दुनिया के सबसे बड़े सार्वजनिक स्वास्थ्य संकटों में से एक है। भारत में तम्बाकू का इस्तेमाल निवारक रोगों और मृत्यु का प्रमुख कारण है। धूम्रपान करने वालों पर 7,000 से अधिक रसायनों का असर होता है, जिनमें करीब 250 रसायन प्रामाणिक तौर हानिकारक और और करीब 69 रसायन कैंसरकारी होते हैं।
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