यूरोप में एक बार फिर कोरोना महामारी ने अपना कहर बरपाना शुरु कर दिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि पिछले सप्ताह यूरोप में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में 11 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
WHO ने संक्रमण से सुरक्षा के उपायों में कमी और वैक्सीन से मामूली बीमारियां सामने आने के बढ़ते साक्ष्यों का हवाला दिया है और कहा कि कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों समेत सबसे अधिक संवेदनशील आबादी को वैक्सीन की बूस्टर खुराक देने में प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि यूरोप के भीतर सबसे अधिक नए मामले रूस, जर्मनी और ब्रिटेन से आए है। साथ ही रेखांकित किया कि नॉर्वे में मौतों में 67 प्रतिशत और स्लोवाकिया में 38 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
समीक्षा बैठक के दौरान फैसला किया गया था कि टीके के वैश्विक उपयोग के मद्देनजर अंतिम लाभ-जोखिम मूल्यांकन के लिए निर्माता से अतिरिक्त स्पष्टीकरण मांगे जाने की जरूरत है।
इस बीच दुनियाभर में कोविड महामारी के कारण हर हफ्ते हो रही मौतों के आंकड़ों में लगातार गिरावट आने लगी है और अब साप्ताहिक कोरोना मृत्यु दर करीब एक वर्षों के न्यूनतम स्तर पर पहुंच चुकी है।
डब्ल्यूएचओ का यह ट्वीट उसकी मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन के यह कहने के एक दिन बाद आया है कि एजेंसी का तकनीकी सलाहकार समूह 26 अक्टूबर को भारत के कोवैक्सीन को आपातकालीन उपयोग सूची में सूचीबद्ध करने पर विचार करने के लिए बैठक करेगा।
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि 700 से ज्यादा आवेदनों में से चयन किए गए समूह के 26 प्रस्तावित सदस्यों के पास महामारी विज्ञान से लेकर जैव सुरक्षा तक कई क्षेत्रों में विशेषज्ञता है।
कोवैक्सीन को डब्लूएचओ की मंजूरी मिलने की खबरें पहले भी आई हैं। जुलाई में ही बताया गया था कि कोवैक्सीन को अगले कुछ हफ्तों में हरी झंडी मिलने वाली है। हालांकि, तब ऐसा नहीं हुआ।
यूएई के इस फैसले से भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका, वियतनाम, नामीबिया, जाम्बिया, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो, युगांडा, सिएरा लियोन, लाइबेरिया, दक्षिण अफ्रीका, नाइजीरिया और अफगानिस्तान से आने वाले यात्रियों को राहत मिलेगी।
बता दें कि अमेरिका में कोरोना बेकाबू होता जा रहा है। यहां मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। यहां कोरोना से बचने के लिए अब जनता को बूस्टर डोज दिया जा रहा है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा कि कोविशील्ड के नकली वर्जन की पहचान की गई है।जुलाई और अगस्त के बीच भारत और अफ्रीका में अधिकारियों ने खुराक को जब्त कर लिया है।
कोरोना वायरस से होने वाली मौत और संक्रमण के मामलों की संख्या एक फिर दुनिया भर में बढ़ रही है जिससे पाबंदियों का एक और दौर शुरू हो रहा है तथा जनजीवन के सामान्य होने की उम्मीद कमजोर होती जा रही हैं।
कोरोना संक्रमण ने एक बार फिर से डराना शुरू कर दिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की वीकली रिपोर्ट के मुताबिक, बीते सप्ताह दुनियाभर में कोरोना के नए मामलों में बड़ा उछाल देखने को मिला है।
भारत सहित दुनिया भर में तबाही मचाने वाले कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट के बाद अब कोरोना वायरस के लैम्बडा वेरिएंट को सबसे ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा है। मलेशिया के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे वेरिएंट ऑफ कंसर्न की श्रेणी में डाल दिया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस अदहानोम गेब्रेयेसस ने आगाह किया कि दुनिया कोविड-19 महामारी के बेहद ‘‘खतरनाक दौर’’ में है जिसके डेल्टा जैसे स्वरूप अधिक संक्रामक हैं और वक्त के साथ लगातार बदल रहे हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुख ने कहा है कि कोरोना वायरस का भारत में पहली बार पाया गया ‘डेल्टा’ स्वरूप अब तक का सबसे संक्रामक प्रकार है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक वरिष्ठ सलाहकार ने कहा कि अब तक विश्व भर में वितरित किए गए कोविड-19 रोधी दो अरब टीकों में से करीब 60 प्रतिशत टीके महज तीन देशों चीन, अमेरिका और भारत को मिले हैं।
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ विनोद के पॉल ने गुरुवार को भारत के कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम पर मिथकों को साफ़ किया। उन्होंने कहा कि ये मिथक विकृत बयानों, अर्धसत्य और खुले झूठ के कारण पैदा हो रहे हैं। भारत वैक्सीन के जल्द से जल्द आयात के लिए फाइजर और मॉडेर्ना के साथ बातचीत कर रहा है।
हैदराबाद स्थित भारत बायोटक इंटरनेशनल लिमिटेड (बीबीआईएल) ने सरकार से कहा है कि उसने कोवैक्सिन टीके को आपात उपयोग सूची (ईयूएल) में शामिल कराने के लिए डब्ल्यूएचओ को 90 प्रतिशत दस्तावेज जमा कर दिये हैं।
यूरोप में पिछले एक महीने में नए कोरोनावायरस संक्रमणों में 60 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी देते हुए कहा कि इसमें सावधानी बरतने की जरूरत है अन्यथा मामले नाजुक हो सकते हैं।
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