करीब 9 साल के बाद देश के सोने के भंडार में बढ़ोतरी देखने को मिली है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) की रिपोर्ट के मुताबिक 2018 के दौरान भारत में सोने के भंडार में 3.8 टन की बढ़ोतरी देखने को मिली है।
वैश्विक स्वर्ण बाजार पर काम करने वाले एक निकाय के अनुसार चीन और भारत की अर्थव्यवस्थाओं के विस्तार के साथ सोने में अगले तीन दशक तक चमक तुलनात्मक रूप से बनी रहेगी। चीन के 2048 तक दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने और भारत उससे ठीक पीछे रहने का अनुमान है।
WGC के मुताबिक अप्रैल अंत में वैश्विक स्तर पर सोने के ETF के पास कुल होल्डिंग 2481.01 टन दर्ज की गई है जो 5 साल से भी अधिक यानि फरवरी 2013 के बाद सबसे अधिक होल्डिंग है।
सोने की मांग 10 साल के निचले स्तर पर आ गई है, वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक 2018 की पहली तिमाही यानि जनवरी से मार्च के दौरान वैश्विक स्तर पर सोने की मांग घटकर सिर्फ 937.5 टन रह गई है जो 10 साल में पहली तिमाही में सबसे कम मांग है
भारत के पास आधिकारिक तौर पर सोने का सिर्फ 558 टन रिजर्व है और वह टॉप 10 में भी शामिल नहीं है, WGC के मुताबिक सोने के आधिकारिक रिजर्व के मामले में भारत 12वें स्थान पर है
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) के मुताबिक 2017 के दौरान दुनियाभर में सोने की मांग बढ़ी है और सप्लाई में कमी आई है। इन परिस्थितियों में सोने के भाव में इजाफा देखने को मिल सकता है
क्रिप्टोकरेंसी में निवेशकों द्वारा अपनी रुचि दिखाने के बीच वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (डब्ल्यूजीसी) ने कहा है कि बिटकॉइन जैसी डिजिटल करेंसियां निवेश उपकरण के रूप में सोने का विकल्प नहीं हैं।
WGC के मुताबिक अमेरिका के पास आधिकारिक तौर पर 8,133.5 टन सोना दर्ज किया गया है जो अमेरिका के कुल विदेशी मुद्रा भंडार का करीब 74.9 फीसदी है
WGC की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में GST लागू होने की वजह से सितंबर तिमाही के दौरान ज्वैलरी के लिए सोने की मांग में 25 फीसदी की भारी गिरावट देखने को मिली है।
WGC को लगता है कि वस्तु व सेवा कर (GST), नोटबंदी और धनशोधन रोधी (AML) कानून के प्रभाव में आने से इस बार दिवाली पर सोने की चमक फीकी रहेगी
उत्तरी कोरिया और अमेरिका के बीच तनाव ने सोने की निवेश मांग को बढ़ा दिया है। अमेरिकी डॉलर में गिरावट की वजह से भी सोने का भाव मजबूत हो रहा है
WGC की रिपोर्ट के मुताबिक जून तिमाही के दौरान देश में ज्वैलरी के लिए सोने की मांग 126.7 टन रही है जबकि पिछले साल इस दौरान 89.8 टन सोने की मांग दर्ज की गई थी
विश्व स्वर्ण परिषद (WGC) का मानना है कि वस्तु एवं सेवा कर (GST) की वजह से देश में लघु अवधि में सोने की मांग प्रभावित हो सकती है।
सोने के प्रति भारत की भूख कोई नई बात नहीं है। सवाल यह है कि भारत में आखिर यह सोना जाता कहां हैं? और सोने के आभूषण के सबसे ज्यादा कौन लोग खरीदार हैं?
मोदी सरकार के 3 साल पूरे हो गए है, लेकिन सोने में निगेटिव रिटर्न से इन्वेस्टर्स निराश हुए है। माना जा रहा है कि जुलाई तक सोने का भाव 1100 रुपए गिर सकता है।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) का कहना है कि GST लागू होने के बाद दुनिया के दूसरे सबसे बड़े गोल्ड कंज्यूमर देश भारत में सोने की मांग पर निगेटिव असर होगा।
भारत में सोने की मांग साल 2017 में भी कमजोर रहेगी। 2016 में सोने की मांग घटकर पिछले कई सालों के निम्नतम स्तर पर आ गई है।
जीएफएसएस (GFMS) के अनुमान के मुताबिक 2016 में सोने की मांग 580 टन रही जो कि 2015 के मुकाबले 34 फीसदी कम है। 13 में पहली बार इतनी कम मांग निकली है।
भारत में 2016 में सोने की मांग गिरकर 750 से 800 टन रहने की उम्मीद है जबकि पिछले साल यह 860 टन थी। WGC के मुताबिक की कीमत बढ़ने से मांग घटी है।
भारत की सोने की मांग इस साल दूसरी तिमाही में 18 फीसदी घटकर 131 टन रही। डब्ल्यूजीसी ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है जौहरियों की हड़ताल के कारण मांग घटी है।
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