भारत और भारतीय सिर्फ अपने देश के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए भरोसा बन गए हैं। इसे इस बात से भी समझा जा सकता है कि एक तरफ जहां पड़ोसी पाकिस्तान कंगाल है और उसके सारे बैंक कर्ज में डूब रहे हैं, जो उससे संभल नहीं रहे। वहीं दूसरी तरफ भारतीय मूल के एक सज्जन विश्व बैंक की कमान संभालने जा रहे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया कि चालू खाता घाटा 2023-24 में कम होकर 2.1 प्रतिशत पर आ सकता है, जो तीन प्रतिशत था।
चीन का कहना है कि इस तरह का कोई भी कर्ज अंतरराष्ट्रीय नियमों के तहत दिया जाता है। विकासशील देश अक्सर अन्य देशों या बहुपक्षीय निकायों से वित्तीय क्षेत्रों के लिए पैसा उधार लेते हैं, जो बुनियादी ढांचे, शिक्षा और कृषि जैसे उनकी अर्थव्यवस्थाओं को विकसित करेंगे।
वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट में यह चिंता व्यक्त की गई है बीते 30 साल के दौरान दुनिया की कई बड़ी अर्थव्यवस्थाएं कमजोर हुई हैं, जिसका असर मौजूदा दशक में दिशाई देगा।
भारत में, बंगा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, विदेशी मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात करेंगे। ये चर्चाएं भारत की विकास प्राथमिकताओं, विश्व बैंक और वैश्विक आर्थिक वृद्धि के लिए चुनौतियों पर केंद्रित होंगी।
अजय फिलहाल दुनिया की सबसे बड़ी प्राइवेट इक्विटी फर्मों में से एक जनरल अटलांटिक के वाइस-चेयरमैन है। इससे पहले वह दिग्गज क्रेडिट कार्ड कंपनी मास्टरकार्ड के एग्जिक्यूटिव चेयरमैन और सीईओ थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वैसे तो पूरे विश्व में भारत का डंका बज रहा है और यह भी शानदार संयोग ही है कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने मास्टरकार्ड के पूर्व सीईओ और भारतीय मूल के अजय बंगा को विश्व बैंक का अध्यक्ष नामित किया है। इस पद पर नामित होने वाले बंगा पहले भारतीय हैं।
World Bank David Malpass: डेविड मलपास ने घोषणा की है कि वह अपने पद से इस्तीफा दे रहे हैं। उन्होंने इसके पीछे की वजह भी बताई है। बता दें कि उन्होंने पहले विश्व में मंदी को लेकर आशंका व्यक्त की थी।
पूरी दुनिया में मंदी आने जा रही है। विश्व बैंक ने अपनी सालाना रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। इस साल उसने विश्व की ग्रोथ रेट भी घटा दी है।
एक तरफ पूरी दुनिया मंदी की संकट को लेकर चिंतित है तो दूसरी तरफ विश्व की निगाहें भारत के विकास पर टिकी हुई है। कुछ लोग इस बात को लेकर कंफ्यूज हैं कि क्या भारत भी मंदी के चपेट में आने जा रहा है?
सीतारमण ने आईएमएफ की ताजा बैठक में कहा, आर्थिक बुनियादी पहलुओं और सरकार के संरचनात्मक सुधारों के आधार पर भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए दृष्टिकोण आशावादी बना हुआ है।
Global Recession 2022: विश्व बैंक के अध्यक्ष ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था खतरनाक रूप से मंदी की ओर बढ़ रही है। वैश्विक मंदी कुछ परिस्थितियों के अंतर्गत हो सकती है।’’
Congress Attacks BJP: कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि देश में ग़रीबी भयावह रूप ले रही है और सरकार बेख़बर है। कल शाम विश्व बैंक ने इस साल तीसरी बार हमारी अनुमानित जीडीपी वृद्धि दर को घटा कर 7.5 प्रतिशत से 6.5 प्रतिशत कर दिया।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और विश्व बैंक की वार्षिक बैठक से पहले यहां एक प्रमुख नीतिगत भाषण में आईएमएफ की प्रबंध निदेशक जॉर्जिवा ने बृहस्पतिवार को कहा कि अगले सप्ताह जारी होने वाले विश्व आर्थिक परिदृश्य में वैश्विक वृद्धि अनुमानों को और घटाया जाएगा।
नकद हस्तांतरण पर 60 फीसदी से अधिक खर्च निम्न वर्ग के 40 फीसदी लोगों तक पहुंचता है। सब्सिडी के बजाए नकद हस्तांतरण का आय वृद्धि पर अधिक बड़ा प्रभाव है।
विश्व बैंक (World Bank) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि मौद्रिक नीति के कड़े होने के बीच दुनिया को 2023 में मंदी का सामना करना पड़ सकता है।
बयान में कहा गया कि भारतीय रेलवे की क्षमता की कमी ने माल ले जाने की मात्रा को सीमित करने के साथ लदान की गति और विश्वसनीयता को कम कर दिया है।
विश्व बैंक में अपने कार्यकाल के दौरान यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना करने वाले अर्थशास्त्री 'रॉड्रिगो चावेस' ने कोस्टा रिका के राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतकर कई लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया है। अर्थशास्त्री रॉड्रिगो चावेस आठ मई को मध्य अमेरिकी देश के राष्ट्रपति पद का कार्यभार संभालेंगे।
यात्रा के तहत, वित्त मंत्री बड़े पेंशन फंड और निजी इक्विटी कंपनियों सहित निवेशकों को भी संबोधित करेंगी, 13 अक्टूबर को निर्धारित एफएमसीबीजी में हिस्सा लेंगी, जिसमें वैश्विक कर सौदे को मंजूरी मिलने की उम्मीद है।
वर्ष 2017 में चीन की रैंकिंग बढ़ाने के लिए बैंक के शीर्ष अधिकारियों पर दबाव की वजह से आंकड़ों में अनियमितता का मामला सामने आने के बाद यह कदम उठाया गया है।
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