वेम्बू ने कहा, और फिर एक दूसरा कारक है। हम विभिन्न स्थानों, छोटे शहरों से युवाओं को बड़े शहरों में ला रहे हैं। और पहली समस्या, निश्चित रूप से, अकेलापन है। वे कार्यबल में अकेले आते हैं। और हम इस समस्या को स्वयं में देखते हैं।
मृत्यु से पहले एना सेबेस्टियन चार महीने तक ईवाई पुणे कार्यालय में काम कर रही थीं। उनकी मां ने इसी महीने ईवाई इंडिया के चेयरमैन राजीव मेमानी को पत्र लिखकर कंपनी में अत्यधिक काम के ‘महिमामंडन’ पर चिंता जताई थी।
देश में ऑफिस स्पेस की मांग तेजी से बढ़ रही है। भारत में 2023 में ऑफशोरिंग इंडस्ट्री में 27.3 मिलियन वर्ग फीट (वर्ग फीट) की कुल लीजिंग वॉल्यूम देखी गई थी।
रिपोर्ट में दुनियाभर के 11,080 प्रतिभागियों में भारत से 1,000 प्रतिक्रियाएं आई हैं। ज्यादातर श्रमिक या कर्मचारी सकारात्मक संगठनात्मक संस्कृति को अपनी प्रतिबद्धता के लिए प्राथमिक कारक मानते हैं ।
सर्वे में शामिल अधिकांश लोगों ने यह भी कहा कि वे ज्यादा सैलरी वाली नौकरी की तुलना में मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देंगे और यहां तक कि इसके लिए अपनी तनख्वाह में कटौती भी कर सकते हैं।
कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न झेलने वाली पीड़िताओं में से 68.7 प्रतिशत ने लिखित या मौखिक शिकायत दर्ज नहीं कराई। वुमेंस इंडियन चैंबर ऑफ कमर्स एंड इंडस्ट्री (विक्की) के एक सर्वे में यह खुलासा हुआ है।
लिंक्डइन द्वारा जारी वक्तव्य में कहा गया है कि सर्वे में यह सामने आया है कि परिवहन एवं लॉजिस्टिक्स और मीडिया तथा दूरसंचार क्षेत्र के पेशेवर अपने कार्यस्थल पर लौटने को लेकर ज्यादा सहज नहीं दिखते हैं।
कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच राजस्थान सरकार ने इससे जुड़े नियमों का कड़ाई से पालन कराने की तैयारी की है और सार्वजनिक स्थलों पर मास्क नहीं लगाने वालों पर 200 रुपये का जुर्माना तय किया है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प जहां एक ओर लोगों से कार्यस्थल पर लौटने और अर्थव्यवस्था को बहाल करने की अपील कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कार्य से जुड़े कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों ने चिंता बढ़ा दी है।
आज के भागदौड़ भरे जीवन तथा प्रतिस्पर्धा की आपाधापी में पेशेवर लोग अक्सर कामकाज में अधिक संलिप्त हो जाते हैं, इसके कारण पेशेवरों के जीवन के हिस्से का प्रेम प्रभावित हो जाता है।
जब आपसे कोई महत्वपूर्ण निर्णय, जिसका असर दूसरों पर भी पड़ता हो, लेने के लिए कहा जाता है तो क्या आप घबरा जाते हैं या यह सोचते हैं कि आपकी तरफ से अन्य कोई व्यक्ति यह निर्णय ले, तो आप अच्छे नेतृत्वकर्ता नहीं बन सकते।
देश में हर साल करीब 48,000 लोग अपनी नौकरी या कार्यस्थल पर होने वाली दुर्घटनाओं की वजह से मौत के मुंह में चले जाते हैं।
सोशल मीडिया के असीमित इस्तेमाल से वर्कप्लेस पर कर्मचारियों की उत्पादकता पर नकारात्मक असर पड़ रहा है, क्योंकि वह हर दिन 32% समय इस पर खर्च करते हैं।
संपादक की पसंद
लेटेस्ट न्यूज़