कुछ राज्यों में MNREGA की दैनिक मजदूरी में मामूली बढोतरी के बीच केंद्र इस योजना के तहत दी जाने वाली मजूदरी के आधार पर फिर से काम करेगी।
बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि सरकार रोजगार सृजन की दिशा में आगे बढ़ी है। श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा और अच्छा मेहनताना उनकी प्राथमिकता है।
डीजीएफटी अपने आप को नए स्वरूप में ढालने की संभावना पर गौर कर रहा है। क्योंकि उसका बहुत सारा वर्तमान कामकाज डिजिटलीकरण के कारण ऑनलाइन होने जा रहा है।
चीन ने 2017 की पहली तिमाही में 33.4 लाख नए रोजगार पैदा किए हैं। नेशनल ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स के मुताबिक यह पिछले साल के मुकाबले 1,60,000 अधिक है।
वार्षिक रोजगार एवं बेरोजगारी रिपोर्ट (2013-14) के मुताबिक देश में 16.5 फीसदी से अधिक मजदूरों को नियमित वेतन या पारिश्रमिक नहीं मिलता।
भारतीय स्टेट बैंकने मंगलवार को अपने कर्मचारियों के लिए एक नई सुविधा घर से काम (Work From Home) शुरू करने की घोषणा की है।
बाजार को लेकर निवेशकों के उत्साह को देखते हुए 36 स्मल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (SME) अपने-अपने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) लाने की योजना बना रहे हैं।
2017 की शुरुआत WhatsApp यूजर्स के लिए अच्छी नहीं है। व्हाट्सएप ने कहा कि कि उसने कुछ पुराने आईफोन और एंड्रॉयड स्मार्टफोन को सपोर्ट करना बंद कर दिया है।
आपने दुकानदारों के यहां पेट्रोल पंप पर स्वाइप मशीन जरूर देखी होगा। इसे प्वाइंट ऑफ सेल यानी PoS डिवाइस के तौर पर जाना जाता है। माइक्रो ATM ऐसे ही होते हैं।
नौकरीपेशा लोगों को CBDT एक नई सुविधा उपलब्ध दी है। उनकी सैलरी से एंप्लॉयर ने कितनी TDS काटी है, इसकी जानकारी अब SMS से उन्हें हर तिमाही मिलेगी।
सोशल मीडिया के असीमित इस्तेमाल से वर्कप्लेस पर कर्मचारियों की उत्पादकता पर नकारात्मक असर पड़ रहा है, क्योंकि वह हर दिन 32% समय इस पर खर्च करते हैं।
बड़ी और मशहूर कंपनी रेमंड्स अगले तीन साल में अपने मैन्युफैक्चरिंग सेंटर्स में काम कर रहे 10 हजार लोगों को नौकरियों से हटाकर रोबोट्स को ला सकते है।
कर्मचारी अपनी प्राथमिकताओं का नए सिरे से आकलन कर रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार ज्यादातर कर्मचारियों के लिए वेतन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा टेक होम होता है।
एशिया-प्रशांत में कामकाजी लोगों में ग्रोथ से अग्रणी बन जाएगा। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक एक अरब लोग रोजगार बाजार में प्रवेश के लिए तैयार होंगे।
सरकार का दावा है कि भारत के कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले अकुशल और कुशल कामगारों के लिए जल्द ही अच्छे दिन आने वाले हैं।
केंद्र सरकार अनुबंध पर काम करने वाले श्रमिकों के लिए 10,000 रुपए प्रति माह के न्यूनतम मजदूरी सुनिश्चित करने के लिए एक सरकारी आदेश जारी करेगी।
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