शेट्टी ने कहा कि डेलॉयट में काम के दबाव को संभालने और एक ओपन वर्क कल्चर रखने के लिए एक चीफ वेलबींग ऑफिसर मौजूद है। इसके अलावा कंपनी में किसी भी तरह के खराब व्यवहार पर सख्त कार्रवाई का भी प्रावधान है।
जनवरी से मार्च 2024 के बीच श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर) बढ़कर 50.2 प्रतिशत हो गई है, जो कि पिछले वर्ष 48.5 प्रतिशत थी। महिला श्रम बल भागीदारी दर 2024 की मार्च तिमाही में बढ़कर 25.6 प्रतिशत हो गई है।
रिपोर्ट के अनुसार, लगभग आठ प्रतिशत भारतीय सीईओ (मुख्य कार्यकारी अधिकारी) महिलाएं हैं। हमारे निष्कर्षों से पता चलता है कि 2023 में भारतीय कंपनियों में महिला कार्यबल में 5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जिसके परिणामस्वरूप 89 प्रतिशत महिलाएं अपनी भूमिकाओं से मजबूत प्रतिबद्धता प्रदर्शित करती हैं।
यूपीएसआरटीसी ने बड़ी खुशखबरी दी है। निगम ने लखनऊ के लिए 100 इलेक्ट्रिक बसें चलाने का फैसला किया है तो वहीं महिला कर्मचारियों के लिए मातृत्व सुविधा देने की भी बात कही है।
Women Employment & Pig farming : अब महिलाओं को रोजगार देने के लिए एक नई योजना अमल में लाई जा रही है। इसके लिए तेजी से काम किया जा रहा है। महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए यह विशेष योजना लाई जा रही है। इसके तहत बेरोजगार महिलाओं को सुअर पालने का मौका दिया जाएगा।
वैश्विक स्तर पर कोविड-19 महामारी के बीच बड़ी संख्या में कर्मचारियों के नौकरी छोड़ने के मामले सामने आ रहे हैं। विशेष रूप से महिला कर्मचारियों द्वारा लगातार नौकरी छोड़ने का सिलसिला जारी है।
पीड़ित पर्ल थॉमस ने मुकदमे में आरोप लगाया कि उनको अपने बॉस की नस्लवादी टिप्पणियों के बारे में शिकायत करने के बाद प्रदर्शन सुधार योजना पर रखा गया था।
गोवा विधानसभा ने मंगलवार को औद्योगिक क्षेत्रों में महिलाओं को रात्रि पाली में कार्य करने की अनुमति देने वाला विधेयक पारित किया।
ये महिला कर्मचारी वेतन सहित 26 सप्ताह (लगभग 180 दिन) का मातृत्व अवकाश प्राप्त कर सकती हैं...
बाबा साहब अंबेडकर यूनिवर्सिटी ने अपनी महिला कर्मचारियों को शाम 6 बजे के बाद परिसर में काम न करने का आदेश दिया है।
सरकार अब असंगठित क्षेत्र में काम करने वाली करीब 10 करोड़ महिलाओं के लिए भी अंशदान आधारित मातृत्व लाभ योजना शुरू करने पर विचार कर रही है।
मातृत्व लाभ कानून में एक संशोधन से सभी माताओं के लिए 26 सप्ताह का मातृत्व अवकाश उपलब्ध कराया जाएगा।
भारत में महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले 27% तक कम वेतन मिलता है। पुरुषों का औसत वेतन जहां 288.68 रुपए प्रति घंटा है वहीं महिलाओं की आय 207.85 रुपए है।
केंद्र सरकार अनुबंध पर काम करने वाले श्रमिकों के लिए 10,000 रुपए प्रति माह के न्यूनतम मजदूरी सुनिश्चित करने के लिए एक सरकारी आदेश जारी करेगी।
वोडाफोन अपने कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की संभावना तलाश रही है। 2018 तक अपने कुल स्टाफ में महिलाओं की संख्या 33 फीसदी पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।
संपादक की पसंद
लेटेस्ट न्यूज़