कृषि कानूनों की वापसी के बाद सरकार बैकफुट पर है और आज पहले ही दिन तीनों कृषि कानूनों की वापसी का विधेयक संसद में पेश हो गया है। इसपर सत्तापत्र और विपक्ष के बीच भारी हंगामे के आसार जताए जा रहे हैं
पीएम मोदी ने कहा कि संसद में सरकार की नीतियों के खिलाफ जितनी आवाज प्रखर होनी चाहिए हो, लेकिन संसद की गरिमा, स्पीकर की गरिमा के विषय में हम वो आचरण करें, जो आने वाले दिनों में देश की युवा पीढ़ी के काम आए।
23 दिसंबर तक चलने वाले इस शीतकालीन सत्र में सरकार की ओर से कुल 36 बिल पेश किए जाएंगे। कृषि कानूनों की वापसी पर सरकार जरूर झुक चुकी है, अब विपक्ष सदन में एमएसपी का मुद्दा उठाने जा रहा है। इसके अलावा कोरोना मृतकों को मुआवजा और महंगाई के मुद्दे पर भी सरकार घेरने की तैयारी है।
आज से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने जा रहा है। और आज ही सरकार तीनों कृषि कृषि कानूनों की वापसी के लिए बिल पेश करेगी। हालांकि सदन में MSP को लेकर विपक्ष सरकार को घेरने की पूरी कोशिश करेगी।
कल से शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए बिल पेश होगा। पीएम मोदी ने किसानों से बिल वापसी का वादा किया था, इसलिए कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर तीन कानूनों को निरस्त करने का बिल सदन में पेश करेंगे। लेकिन क्या इससे बॉर्डर पर डटे किसान घर वापस जाएंगे?
सर्वदलीय बैठक में सरकार ने सत्र के दौरान पेश होने वाले बिल के बारे में जानकारी दी तो विपक्ष ने सत्र में उठाने वाले मुद्दों की चर्चा की। सरकार की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल मौजूद थे।
संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा, ‘सरकार विपक्ष के मुद्दों पर नियमों के तहत चर्चा कराने को तैयार है। हम विपक्ष से सहयोग की अपेक्षा करते हैं।’
बैठक में केंद्र सरकार विपक्षी दलों के साथ सत्र में होने वाले महत्वपूर्ण कामकाजों और अपने एजेंडे पर चर्चा करेगी। बैठक के दौरान संसद के दोनों सदनों के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए राजनीतिक दलों से सहयोग करने की अपील की जाएगी।
सोनिया गांधी की अगुवाई में हुई इस बैठक में इस बात पर जोर दिया कि तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने संबंधी विधेयक सत्र के पहले ही दिन लाया जाए।
29 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन मोदी सरकार ने तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने वाले बिल को पारित कराने की तैयारी की है। बीजेपी ने अपने राज्यसभा सांसदों को तीन लाइन का व्हिप जारी करते हुए 29 नवंबर (सोमवार) को सदन में मौजूद रहने को कहा है।
सूत्रों ने बताया कि संसद के दोनों सदनों में सभी राजनीतिक दलों के सदन के नेताओं को बैठक में आमंत्रित किया गया है। बैठक में मोदी के अलावा, वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह और अमित शाह के साथ ही संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी भी भाग लेंगे।
यह सत्र इसलिए भी मायने रखता है कि इसका आयोजन राजनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण माने जाने वाले उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले हो रहा है।
सर्दियों में खजूर का सेवन सेहत के लिए बेहद उपयोगी है। ये कई तरह के पोषक तत्वों से भरपूर होता है, जो बीमारियों को दूर रखने में मदद कर सकते हैं।
सूत्रों ने बताया कि शीतकालीन सत्र में, परिसर और मुख्य संसद भवन में प्रवेश करने वालों को हर समय मास्क पहनना होगा और उन्हें कोविड जांच से गुजरना पड़ सकता है। इस बार शीतकालीन सत्र का कुछ खास महत्व है क्योंकि यह राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों से कुछ महीने पहले होगा।
सूत्रों ने बताया कि इन कानूनों के जरिये दो चरणों में बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया था। अब बैंकों के निजीकरण के लिए इन कानूनों के प्रावधानों में बदलाव करने की जरूरत होगी। संसद का एक माह का शीतकालीन सत्र अगले महीने के आखिर में शुरू होने की उम्मीद है।
शीतकालीन सत्र में, परिसर और मुख्य संसद भवन में प्रवेश करने वालों को हर समय मास्क पहनना होगा और उन्हें कोविड जांच से गुजरना पड़ सकता है।
कोविड-19 की मौजूदा स्थिति के चलते 28 दिसंबर से शुरू होने वाले मध्यप्रदेश विधानसभा के तीन दिवसीय शीतकालीन सत्र को स्थगित कर दिया गया है।
कोरोना वायरस महामारी के कारण सरकार ने इस वर्ष संसद का शीतकालीन सत्र न बुलाने का फैसला किया है। इस बात को लेकर विपक्ष द्वारा भी विरोध किया गया। कांग्रेस ने सरकार के इस कदम की आलोचना करते हुए इसे संसदीय लोकतंत्र को नष्ट करने का कार्य करार दिया।
महाराष्ट्र विधानसभा में मंगलवार को हंगामा हुआ और विपक्षी भाजपा तथा सत्तारूढ़ शिवसेना के विधायकों के बीच आरोप प्रत्यारोपों के साथ साथ धक्का-मुक्की भी हुई जिसकी वजह से विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शुक्रवार को बताया कि निचले सदन में 115 प्रतिशत कामकाज हुआ और इस दौरान 130 घंटे 45 मिनट की कार्यवाही के दौरान 14 विधेयक पारित हुए एवं औसतन प्रतिदिन 20.42 अनुपूरक प्रश्नों के उत्तर दिये गए।
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