संसद का अगले सप्ताह शुरू होने वाला शीतकालीन सत्र हंगामेदार रहने के आसार हैं। सत्र के दौरान सरकार तीन तलाक, उपभोक्ता संरक्षण, चिट फंड, डीएनए, गैर कानूनी गतिविधियां रोकथाम जैसे विधेयकों सहित करीब तीन दर्जन विधेयक पारित कराना चाहती है।
संसदीय कार्य राज्य मंत्री विजय गोयल ने इस बात की पुष्टि की है कि सत्र 11 दिसम्बर से लेकर 8 जनवरी तक चलेगा और इसमें 20 कार्य दिवस होंगे।
उपभोक्ताओँ के हितों के सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण उपभोक्ता संरक्षण विधेयक संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में पारित कर लिया जाएगा।
सत्र के दौरान पारित होने वाले महत्वपूर्ण विधेयकों में केंद्रीय सड़क निधि संशोधन विधेयक 2017, स्थावर संपत्ति अधिग्रहण और अर्जन संशोधन विधेयक 2017, दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्य क्षेत्र विधियां विशेष उपबंध दूसरा संशोधन विधेयक 2017, माल एवं सेवाकर राज्
भाजपा ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह साजिश कर रही है। कांग्रेस बिल लटकाने के लिए नए-नए बहाने ढूंढ रही है। मतलब साफ है कि मुस्लिम महिलाओं को इंसाफ दिलाने के लिए कांग्रेस की मंशा नहीं है जबकि बिल पास कराने पर कांग्रेस को सहयोग करना चाहिए।
Union Parliamentary Affairs Minister Ananth Kumar said that the bill on triple talaq will be tabled in the Parliament on Friday.
उल्लेखनीय है कि सत्र के दौरान 25 लंबित विधेयक और 14 नये विधेयक पेश किये जाने की उम्मीद है जिसमें तीन तलाक से संबंधित एक विधेयक भी शामिल हैं। मोदी ने कहा कि आमतौर पर दिवाली के साथ-साथ ठंड का मौसम भी प्रारंभ हो जाता है। लेकिन ग्लोबल वार्मिंग, जलवायु पर
शीतकालीन सत्र में सरकार करीब 25 नए और 14 पुराने विधेयक पेश कर सकती है। तीन तलाक़ के अलावा जीएसटी पर अध्यादेश की जगह विधेयक, पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिलाने वाला विधेयक, नागरिकता संशोधन विधेयक 2016, मोटरवाहन संशोधन विधेयक 2016 और ट्रांसजेंड
संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने गुरुवार को कहा कि सरकार विपक्ष की ओर से उठाए जाने वाले मामलों समेत सभी मसलों पर संसद में विचार-विमर्श करने को तैयार है।
गुजरात में विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष राहुल गांधी जीएसटी को ‘गब्बर सिंह टैक्स’ बताते रहे है । राहुल नोटबंदी को लेकर भी मोदी सरकार को निशाने पर लेते रहे हैं। ऐसे में शीतकालीन सत्र में राजग सरकार को कांग्रेस का विरोध
सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में एक नीति जारी करेगी। इससे पेट्रोल को सस्ता करने और प्रदूषण घटाने में मदद मिलेगी।
सरकार संसद के शीतकालीन सत्र को तय समय से पखवाड़ा भर पहले ही बुला सकती है ताकि जीएसटी से जुड़े विभिन्न समर्थनकारी कानूनों को पारित करवाया जा सके।
वित्त मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) पर मॉडल कानून के ड्राफ्ट को एक महीने में अंतिम रूप दे दिया जाएगा।
सरकार मिड-ईयर इकनॉमिक रिव्यु 18 दिसंबर को संसद में पेश करेगी, जिसमें वह चालू वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) ग्रोथ रेट के अनुमान को घटा सकती है।
सरकार शीतकालीन सत्र के आखिरी सप्ताह में जीएसटी और रियल एस्टेट से जुड़े महत्वपूर्ण बिलों को पारित कराने के लिए नए सिरे से प्रयास करेगी।
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