23 दिसंबर तक चलने वाले इस शीतकालीन सत्र में सरकार की ओर से कुल 36 बिल पेश किए जाएंगे। कृषि कानूनों की वापसी पर सरकार जरूर झुक चुकी है, अब विपक्ष सदन में एमएसपी का मुद्दा उठाने जा रहा है। इसके अलावा कोरोना मृतकों को मुआवजा और महंगाई के मुद्दे पर भी सरकार घेरने की तैयारी है।
सर्वदलीय बैठक में सरकार ने सत्र के दौरान पेश होने वाले बिल के बारे में जानकारी दी तो विपक्ष ने सत्र में उठाने वाले मुद्दों की चर्चा की। सरकार की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल मौजूद थे।
संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा, ‘सरकार विपक्ष के मुद्दों पर नियमों के तहत चर्चा कराने को तैयार है। हम विपक्ष से सहयोग की अपेक्षा करते हैं।’
बैठक में केंद्र सरकार विपक्षी दलों के साथ सत्र में होने वाले महत्वपूर्ण कामकाजों और अपने एजेंडे पर चर्चा करेगी। बैठक के दौरान संसद के दोनों सदनों के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए राजनीतिक दलों से सहयोग करने की अपील की जाएगी।
सोनिया गांधी की अगुवाई में हुई इस बैठक में इस बात पर जोर दिया कि तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने संबंधी विधेयक सत्र के पहले ही दिन लाया जाए।
29 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन मोदी सरकार ने तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने वाले बिल को पारित कराने की तैयारी की है। बीजेपी ने अपने राज्यसभा सांसदों को तीन लाइन का व्हिप जारी करते हुए 29 नवंबर (सोमवार) को सदन में मौजूद रहने को कहा है।
सूत्रों ने बताया कि संसद के दोनों सदनों में सभी राजनीतिक दलों के सदन के नेताओं को बैठक में आमंत्रित किया गया है। बैठक में मोदी के अलावा, वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह और अमित शाह के साथ ही संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी भी भाग लेंगे।
यह सत्र इसलिए भी मायने रखता है कि इसका आयोजन राजनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण माने जाने वाले उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले हो रहा है।
सूत्रों ने बताया कि शीतकालीन सत्र में, परिसर और मुख्य संसद भवन में प्रवेश करने वालों को हर समय मास्क पहनना होगा और उन्हें कोविड जांच से गुजरना पड़ सकता है। इस बार शीतकालीन सत्र का कुछ खास महत्व है क्योंकि यह राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों से कुछ महीने पहले होगा।
शीतकालीन सत्र में, परिसर और मुख्य संसद भवन में प्रवेश करने वालों को हर समय मास्क पहनना होगा और उन्हें कोविड जांच से गुजरना पड़ सकता है।
कोरोना वायरस महामारी के कारण सरकार ने इस वर्ष संसद का शीतकालीन सत्र न बुलाने का फैसला किया है। इस बात को लेकर विपक्ष द्वारा भी विरोध किया गया। कांग्रेस ने सरकार के इस कदम की आलोचना करते हुए इसे संसदीय लोकतंत्र को नष्ट करने का कार्य करार दिया।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शुक्रवार को बताया कि निचले सदन में 115 प्रतिशत कामकाज हुआ और इस दौरान 130 घंटे 45 मिनट की कार्यवाही के दौरान 14 विधेयक पारित हुए एवं औसतन प्रतिदिन 20.42 अनुपूरक प्रश्नों के उत्तर दिये गए।
संसद के शीतकालीन सत्र में मंगलवार को लोकसभा में कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने गांधी परिवार और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की एसपीजी सुरक्षा वापस लिए जाने के मुद्दे पर प्रदर्शन किया।
सरकार संसद के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन सोमवार (18 नवंबर) को चिटफंड (संशोधन) विधेयक 2019 को पारित करवाने की कोशिश करेगी।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) की महिला शाखा ने तीन तलाक से संबंधित विधेयक के महिला विरोधी होने का आरोप लगाया और राज्यसभा सदस्यों से इसे कानूनी जांच के लिए प्रवर समिति को भेजने को आह्वान किया।
मुस्लिम समाज से जुड़ी प्रथा एक बार में तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) पर रोक लगाने के मकसद से लाए गए विधेयक को लोकसभा में पास कर दिया गया है
सुमित्रा ने कहा कि मैं समझ सकती हूं कि यह वर्तमान लोकसभा का आखिरी पूर्ण सत्र है और आप लोगों के अपने अपने मुद्दे हैं। संसद चर्चा के लिए है और सरकार चर्चा के लिए तैयार है। लेकिन शोरगुल सही तरीका नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर आपके मुद्दे हैं तो मैं खुद सरकार से कहूंगी कि चर्चा कराई जाए।
शोरगुल के बीच लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने जरूरी दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। सुमित्रा महाजन ने सदस्यों से सदन में व्यवस्था बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि संसद चर्चा के लिए है और सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है।
लगभग एक महीने तक चलने वाला संसद का शीतकालीन सत्र मंगलवार को शुरु हो जायेगा लेकिन सत्र के दौरान दोनों सदनों की कार्यवाही के सुचारू रूप से चलने का दारोमदार पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के परिणाम पर निर्भर करेगा।
ओडिशा में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल ने संसद में लंबित महिला आरक्षण विधेयक पर सर्वसम्मति बनाने के लिए कांग्रेस और भाजपा समेत 22 राजनीतिक दलों के साथ बातचीत करने का फैसला किया है।
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