संसद के शीतकालीन सत्र को लेकर संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने बड़ी जानकारी दी है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के माध्यम से संसद के शीतकालीन सत्र की तारीखों को लेकर जानकारी शेयर की है।
Winter Session Of Parliament 2022 | Tawang Clash: संसद में विपक्ष ने भाषा की सारी मर्यादा पार कर दी है। कांग्रेस अध्यक्ष Mallikarjun Kharge ने PM Modi की तुलना चूहे से की है। खरगे ने BJP के लिए बेहद ही आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया।
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विपक्षी दलों ने महंगाई, बेरोजगारी, चीन के साथ सीमा पर स्थिति, कॉलेजियम के विषय व केंद्र राज्य के संबंध जैसे मुद्दों को उठाने व चर्चा के लिये पर्याप्त समय देने की मांग की है।
Winter Session of Parliament Live: संसद का शीत सत्र आज से शुरू हो गया है। जिसमें सरकार कई बिलों को लाने की तैयारी में है। वहीं विपक्षी पार्टियां भी सरकार को तमाम मुद्दों पर घेर सकती हैं।
संसद का शीतकालीन संत्र हंगामेदार रहने के आसार हैं। हालांकि इस दौरान सरकार की योजना कई अहम बिल पेश करने की है लेकिन विपक्ष और खासतौर से कांग्रेस विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरने का पूरा प्रयास करेगी।
संसद का यह शीतकालीन सत्र 7 दिसंबर से शुरू होकर 29 दिसंबर तक चलेगा। इस दौरान दोनों सदनों में 17 बैठकें की जाएंगी। इसके साथ ही शीतकालीन सत्र मौजूदा पुराने भवन में ही आयोजित किया जाएगा।
राहुल गांधी सहित कांग्रेस के तमाम बड़े नेता इन दिनों भारत जोड़ो यात्रा में व्यस्त हैं और इसी दौरान संसद का शीतकालीन सत्र भी शुरू हो रहा है। अब ऐसे में कांग्रेस के सामने यह एक बड़ी चुनौती है कि इसे कैसे मैनेज किया जाए।
आज शनिवार को अधिसूचना जारी होने से पहले ही कल शुक्रवार को संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने ट्वीट किया था, ‘‘संसद का शीतकालीन सत्र सात दिसंबर से 29 दिसंबर तक चलेगा। 23 दिनों के इस सत्र में 17 बैठकें होंगी।’’
यह सत्र एक बार फिर सरकार और विपक्ष के बीच टकराव का गवाह बना। शीतकालीन सत्र में हंगामे की शुरुआत 12 विपक्षी सांसदों के निलंबन के बाद हुआ। इन सांसदों को मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में भारी हंगामा करने के आरोप में निलंबित किया गया।
विपक्ष ने संसद के दोनों सदन में सरकार को लखीमपुर खीरी हिंसा, किसानों के मुद्दे और 12 सदस्यों के निलंबन को लेकर जमकर घेरा है। विपक्ष केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफे की मांग पर अड़ा हुआ है।
बीजेपी के सांसदों ने विपक्षी सांसदों के हंगामे के खिलाफ आज संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया।
राज्यसभा से निलंबित सांसद रोजाना संसद भवन परिसर में गांधी प्रतिमा के पास विरोध प्रदर्शन जारी रखते हुए धरना देंगे।
मनसुख मांडविया ने मंगलवार को संसद में कहा कि अभी तक देश में कोरोना वायरस के नये स्वरूप ओमिक्रॉन का कोई मामला सामने नहीं आया है और सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठा रही है
विपक्षी पार्टियों ने संयुक्त बयान में 12 सांसदों के निलंबन के फैसले की निंदा की और इसे अलोकतांत्रिक निलंबन करार दिया है। विपक्षी पार्टियों ने 12 सांसदों के निलंबन के फैसले पर कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के दफ्तर में एलओपी पर मंगलवार (30 नवंबर) को बैठक बुलाई है।
निलंबित होने वाले सांसदों में शिवसेना से प्रियंका चतुर्वेदी तथा अनिल देसाई का नाम शामिल हैं। कांग्रेस से फूलो देवी नेतम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजामनी पटेल, सैयद नासिर हुसैन और अखिलेश प्रसाद सिंह का नाम है।
लोकसभा और उसके बाद राज्यसभा दोनों ही सदनों में तीनों कृषि कानून वापसी बिल ध्वनिमत से पास हुआ। कृषि कानून वापसी बिल को पहले लोकसभा में 12 बजे पेश किया गया, जिसे बिना चर्चा के चार मिनट के भीतर पास कर दिया गया।
लोकसभा से विधेयक पास होने के बाद इसे राज्यसभा भेजा जाएगा और वहां से पास होने पर राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद तीनों कृषि कानूनों को रद्द माना जाएगा।
राकेश टिकैत ने कहा कि MSP गारंटी कानून पर सरकार आनाकानी कर रही है अगर सरकार ने उनकी सभी मांग नहीं मानी तो फिर से ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा।
पीएम मोदी ने कहा कि संसद में सरकार की नीतियों के खिलाफ जितनी आवाज प्रखर होनी चाहिए हो, लेकिन संसद की गरिमा, स्पीकर की गरिमा के विषय में हम वो आचरण करें, जो आने वाले दिनों में देश की युवा पीढ़ी के काम आए।
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