कोर्ट ने आदेश में कहा कि इरादतन चूककर्ताओं को वित्तीय सेक्टर तक एक्सेस से बाहर कर दिया जाता है। इस वजह से सर्कुलर के तहत बैंकों को दिए गए विवेक का इस्तेमाल आरबीआई के नियमों के मुताबिक और सावधानी के साथ किया जाना चाहिए।
कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कई पूंजीपतियों के कर्ज बट्टे खाते में डालने से जुड़ी रिपोर्ट को लेकर गुरुवार को कहा कि आरबीआई को नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और विजय माल्या जैसे भगोड़ों से कर्ज की वसूली के लिए कदम उठाना चाहिए।
देश के बैंकों ने तकनीकी तौर पर 50 बड़े विलफुल डिफाल्टर्स के 68,607 करोड़ रुपए के कर्ज की बड़ी राशि को को बट्टा खाते में डाल दिया है।
हीरा कारोबारी नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी ने पीएनबी की दक्षिण मुंबई की ब्रैडी हाउस शाखा के जरिये 13,000 करोड़ रुपए का चूना लगाया था।
कोलकाता स्थित यूको बैंक ने रविवार को बिड़ला सूर्या लिमिटेड के निदेशक यशोवर्धन बिड़ला को विलफुल डिफॉल्टर (सुविचारित चूककर्ता) घोषित किया।
जानबूझकर कर्ज न चुकाने वालों और धोखाधड़ी करने वालों को देश से भागने से रोकने के लिए सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को और अधिकार दिए हैं।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को धोखाधड़ी करने और जानबूझकर कर्ज नहीं लौटाने वालों के खिलाफ कारगर कदम उठाने को कहा है।
पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के जान बूझकर ऋण नहीं चुकाने वाले (विलफुल डिफॉल्टर्स) बड़े कर्जदारों का बकाया जून में 0.87% कम हुआ है । यह 30 जून तक घटकर 15,354.52 करोड़ रुपए रह गया। बैंक के आंकड़ों के अनुसार मई अंत तक यह बकाया 15,490 करोड़ रुपए था।
पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के बड़े कर्जदारों द्वारा जानबूझ कर नहीं चुकाए जाने वाले बड़े कर्जदारों की राशि अप्रैल अंत में बढ़कर 15,199.57 करोड़ रुपए हो गई।
घोटाले की मार झेल रहे पंजाब नेशनल बैंक (PNB) का जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वाले बड़े चूककर्ताओं (डिफॉल्टर्स) की देनदारी इस वर्ष मार्च में बढ़कर 15,171.91 करोड़ रुपए हो गयी है, जो कि पिछले महीने से 1.8 प्रतिशत अधिक है। इसमें नाफेड (Nafed) का नाम भी शामिल है।
जानबूझकर बैंकों का कर्ज न लौटाने वालों के खिलाफ शिकंजा कसते हुए सरकार ने सार्वजनिक बैंकों से ऐसे कर्जदारों के नाम और उनकी तस्वीर सार्वजनिक करने को कहा है।
PNB के आंकड़े के अनुसार बैंक से 25 लाख रुपये से अधिक का कर्ज ले चुके कर्जदारों पर 31 जनवरी 2018 तक कुल 14,593.16 करोड़ रुपये बकाया था।
अरुण जेटली ने कहा कि इनसोल्वेंसी और बैंकरप्सी कोड के लिए लाए गए अध्यादेश की वकालत करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य एक साफ और प्रभावी सिस्टम तैयार करना है।
बैंकों और दूसरे वित्तीय संस्थानों से कर्ज लेकर मनमर्जी से कंगाल यानि विलफुल डिफॉल्टर्स होने वालों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है।
देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने 1,444 ऐसे डिफॉल्टरों पर कार्रवाई की है। इन पर 20,943 करोड़ रुपए का कर्ज बकाया है।
सार्वजनिक बैंकों का कहना है कि जानबूझ कर कर्ज नहीं चुकाने वालों कर्जदारों (विलफुल डिफॉल्टरों) पर उनके बकाया कर्ज में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है!
विजय माल्या के किंगफिशर हाउस की चौथी और किंगफिशर विला को नीलाम करने की तीसरी कोशिश भी नाकाम रही। रिजर्व प्राइस की कमी के बाद भी नहीं मिले खरीदार।
सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों से सौ करोड़ रुपए से अधिक का ऋण लेने वाले विलफुल डिफॉल्टर्स की संख्या 129 थी, जिन्होंने 28,525 करोड़ रुपए का कर्ज लिया है।
भारतीय स्टेट बैंक ने अपने टॉप 100 विलफुल डिफॉल्टर्स (जानबूझकर लोन न चुकाने वाले) में से 63 डिफॉल्टर्स पर बकाया 7,016 करोड़ रुपए राइट ऑफ कर दिया है।
बैंकों का कर्ज लेकर नहीं लौटाने वाले केवल 57 कर्जदारों पर ही 85,000 करोड़ रुपए का बकाया है। कोर्ट ने आरबीआई से पूछा नाम सार्वजनिक क्यों नहीं किया जाए।
संपादक की पसंद