देश में 25 अप्रैल से 1 मई के बीच ही 22 हजार से ज्यादा नए केसेस सामने आए। वहीं इससे पहले के हफ्ते में 15 हजार केसेस आए थे। इस हिसाब से यह केस एक सप्ताह में 41 फीसदी ज्यादा हैं।
WHO का अनुमान है कि दुनिया में पिछले 2 वर्षों में लगभग 1.5 करोड़ लोगों ने या तो कोरोना वायरस से या स्वास्थ्य प्रणालियों पर पड़े इसके प्रभाव के कारण जान गंवाई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि यहां WHO वैश्विक पारंपरिक चिकित्सा केंद्र (जीसीटीएम) की स्थापना से विश्व में पारंपरिक चिकित्सा के युग की शुरुआत होगी।
कोरोना वायरस के मामले एक बार फिर बढ़ रहे हैं। चीन में कोरोना के मामले डरा रहे हैं। वहीं भारत में भी नए मामले सामने आ रहे हैं। इस बीच भारत ने कोविड संक्रमण से होने वाली मौत की गिनती के तरीक़े को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन पर सवाल उठाए हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसकी शुरुआत 7 अप्रैल 1948 को की थी। 1950 से हर साल विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाने लगा। इसमें दुनियाभर के 195 देश शामिल हैं।
WHO प्रमुख ने कहा, आप जहां रहते हैं, उसके आधार पर, ऐसा महसूस हो सकता है कि कोविड महामारी लगभग खत्म हो गई है या ऐसा महसूस हो सकता है कि यह सबसे खराब स्थिति में है। गेब्रेयेसुस ने आगे कहा, “लेकिन आप जहां भी रहते हैं, कोविड अभी भी खत्म नहीं हुआ है।”
WHO चीफ ने कहा कि वैश्विक स्तर पर वायरस के और स्वरूप आने से इंकार नहीं कर सकते हैं।’’ हालांकि, घेब्रेयियस ने जोर देकर कहा, ‘हम कोविड-19 महामारी को दिए गए वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल के दर्जे को खत्म कर सकते हैं और यह हम इसी साल कर सकते हैं।’’
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक ट्रेडोस एडनॉम घेबरियसस ने कहा कि नया ओमिक्रॉन वेरिएंट डेल्टा वेरिएंट से अधिक गंभीर नहीं है, लेकिन संभवत: अधिक संक्रामक और टीकों के लिए प्रतिरोधी है।
अदार पूनावाला ने कोवोवैक्स को WHO की मंजूरी पर खुशी जाहिर करते हुए कहा, यह अभी तक कोविड-19 के खिलाफ हमारी लड़ाई में एक और मील का पत्थर है।
WHO ने कहा कि हमें यह समझ में नही आ रहा है कि आखिर यह इतनी तेजी से फैल कैसे रहा है। WHO ने बताया कि 9 दिसंबर तक 63 देशों में कोरोना के नए संक्रमण ओमिक्रॉन के मामले सामने आए हैं। मिले आंकड़ों के अनुसार अंदाजा लगा जा रहा है कि यह कुछ ही समय में यह डेल्टा वेरिएंट को पीछे छोड़ देगा।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के आपात निदेशक माइकल रयान ने में बताया कि हां यह पिछले स्वरूप की जगह ज्यादा संक्रामक है, लेकिन प्रारंभिक डाटा यह संकेत नहीं देते हैं कि यह अधिक घातक है।
दक्षिण अफ्रीका में पहली बार मिलने के बाद ओमिक्रॉन अब दुनिया के कम से कम 23 देशों में फैल चुका है।
WHO समेत चिकित्सा विशेषज्ञों ने इस स्वरूप के बारे में विस्तारपूर्वक अध्ययन किए जाने से पहले जरूरत से ज्यादा प्रतिक्रिया देने के खिलाफ आगाह किया है।
यूरोप में एक बार फिर कोरोना महामारी ने अपना कहर बरपाना शुरु कर दिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि पिछले सप्ताह यूरोप में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में 11 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
WHO ने संक्रमण से सुरक्षा के उपायों में कमी और वैक्सीन से मामूली बीमारियां सामने आने के बढ़ते साक्ष्यों का हवाला दिया है और कहा कि कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों समेत सबसे अधिक संवेदनशील आबादी को वैक्सीन की बूस्टर खुराक देने में प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि यूरोप के भीतर सबसे अधिक नए मामले रूस, जर्मनी और ब्रिटेन से आए है। साथ ही रेखांकित किया कि नॉर्वे में मौतों में 67 प्रतिशत और स्लोवाकिया में 38 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
प्लेनेट वाटर फाउंडेशन का उद्देस्य दुनिया के सबसे गरीब समुदायों में स्वछ पानी पहुंचाने पर केंद्रित हैं।
मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी के तकनीकी सलाहकार समूह की बैठक हुई, जिसने Covaxin की आपात उपयोग सूचीबद्धता के लिए अंतिम जोखिम-लाभ आकलन करने को लेकर भारत बायोटेक से अतिरिक्त स्पष्टीकरण मांगा है।
कोवैक्सीन को विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से मंजूरी मिलने में देरी हो रही है। इस बार फिर तकनीकी सलाहकार समूह ने भारत बायोटेक से अतिरिक्त दस्वावेजों की माग की है। अब इसपर आखिरी फैसला तीन नवंबर को होगा।
योनहाप न्यूज एजेंसी ने रिपोर्ट के हवाले से कहा कि किए गए नए परीक्षणों में 113 लोगों में फ्लू जैसी तीव्र श्वसन संक्रमण बीमारी का पता चला, जबकि बाकी सभी लोग स्वस्थ थे।
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