WHO समेत चिकित्सा विशेषज्ञों ने इस स्वरूप के बारे में विस्तारपूर्वक अध्ययन किए जाने से पहले जरूरत से ज्यादा प्रतिक्रिया देने के खिलाफ आगाह किया है।
यूरोप में एक बार फिर कोरोना महामारी ने अपना कहर बरपाना शुरु कर दिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि पिछले सप्ताह यूरोप में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में 11 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
WHO ने संक्रमण से सुरक्षा के उपायों में कमी और वैक्सीन से मामूली बीमारियां सामने आने के बढ़ते साक्ष्यों का हवाला दिया है और कहा कि कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों समेत सबसे अधिक संवेदनशील आबादी को वैक्सीन की बूस्टर खुराक देने में प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि यूरोप के भीतर सबसे अधिक नए मामले रूस, जर्मनी और ब्रिटेन से आए है। साथ ही रेखांकित किया कि नॉर्वे में मौतों में 67 प्रतिशत और स्लोवाकिया में 38 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
प्लेनेट वाटर फाउंडेशन का उद्देस्य दुनिया के सबसे गरीब समुदायों में स्वछ पानी पहुंचाने पर केंद्रित हैं।
137 करोड़ हिन्दुस्तानियों के लिए आज बहुत बड़ा दिन है। शुद्ध, स्वदेशी मेड इन इंडिया वैक्सीन को दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने मंजूरी दे दी है। दिवाली से पहले ये सबसे बड़ी खुशखबरी है। और ये खुशखबरी आप सबको दीजिए। उन लोगों को भी दीजिए जो एक साल से मेड इन इंडिया वैक्सीन पर अफवाह उड़ा रहे हैं। अभी भी कुछ लोग वैक्सीन लगाने से बच रहे हैं। इसलिए ये आज की सबसे बड़ी ख़बर है।
मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी के तकनीकी सलाहकार समूह की बैठक हुई, जिसने Covaxin की आपात उपयोग सूचीबद्धता के लिए अंतिम जोखिम-लाभ आकलन करने को लेकर भारत बायोटेक से अतिरिक्त स्पष्टीकरण मांगा है।
कोवैक्सीन को विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से मंजूरी मिलने में देरी हो रही है। इस बार फिर तकनीकी सलाहकार समूह ने भारत बायोटेक से अतिरिक्त दस्वावेजों की माग की है। अब इसपर आखिरी फैसला तीन नवंबर को होगा।
योनहाप न्यूज एजेंसी ने रिपोर्ट के हवाले से कहा कि किए गए नए परीक्षणों में 113 लोगों में फ्लू जैसी तीव्र श्वसन संक्रमण बीमारी का पता चला, जबकि बाकी सभी लोग स्वस्थ थे।
भारत बायोटेक द्वारा तैयार किए कोरोना टीके कोवैक्सिन (Covaxin) को WHO से आपातकालीन उपयोग की जल्द मंजूरी मिल सकती है। इस संबंध में WHO का तकनीकी सलाहकार समूह 26 अक्टूबर को बैठक करेगा।
चीन ने कोरोना वायरस की उत्पति कि फिर से जांच करने को संभावित ‘राजनीतिक जोड़तोड़’ करार दिया।
भारत बायोटेक ने टीके के सुरक्षित होने पर और उसके क्लीनिकल परीक्षण, जोखिम प्रबंधन योजना, अन्य क्रियान्वयन विचारों पर एक प्रजेटेंशन दिया था।
कोवैक्सीन को डब्लूएचओ की मंजूरी मिलने की खबरें पहले भी आई हैं। जुलाई में ही बताया गया था कि कोवैक्सीन को अगले कुछ हफ्तों में हरी झंडी मिलने वाली है। हालांकि, तब ऐसा नहीं हुआ।
कोरोना संक्रमण ने एक बार फिर से डराना शुरू कर दिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की वीकली रिपोर्ट के मुताबिक, बीते सप्ताह दुनियाभर में कोरोना के नए मामलों में बड़ा उछाल देखने को मिला है।
WHO ने आगाह किया है कि कोविड-19 के डेल्टा स्वरूप के साथ जोड़कर देखी जा रही अधिक संक्रामकता से मामले काफी हद तक बढ़ने की और स्वास्थ्य प्रणालियों पर अधिक दबाव डालने की आशंका है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रोस अदहानोम गेब्रेयेसस ने कहा है कि कोविड-19 का नया वेरिएंट ‘डेल्टा’ विश्वभर में तेजी से फैल रहा है।
डब्ल्यूएचओ चार से छह सप्ताह के भीतर आपातकालीन उपयोग सूची में भारत बायोटेक के कोविड -19 टीका कोवैक्सिन को शामिल करने पर निर्णय ले सकता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) भारत बायोटेक के कोविड-19 रोधी टीके कोवैक्सीन को आपात उपयोग की सूची (ईयूएल) में शामिल करने पर फैसला चार से छह सप्ताह में कर सकता है।
भारत सहित दुनिया भर में तबाही मचाने वाले कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट के बाद अब कोरोना वायरस के लैम्बडा वेरिएंट को सबसे ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा है। मलेशिया के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे वेरिएंट ऑफ कंसर्न की श्रेणी में डाल दिया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुख टेड्रोस अधनोम घेब्रसेयस ने कहा है कि लगभग 100 देशों में अधिक संक्रामक डेल्टा स्वरूप की पहचान की गई है।
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