आपको यह सुनकर बेहद हैरानी हो रही होगी कि फ्रिज में रखा आटा कैसे आपका दुश्मन बन सकता है क्योंकि आप तो ऐसा सालों से ऐसा करते आ रहे हैं। आइए जानते हैं फ्रिज में रखे आटे को इस्तेमाल करने से होने वाले नुकसान के बारे में।
सरकारी एजेंसियों ने चालू रबी विपणन वर्ष (2019-20) में देशभर के किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 323 लाख टन से ज्यादा गेहूं की खरीद कर ली है।
किसानों द्वारा आंदोलन खत्म करने के कुछ घंटों बाद ही मोदी सरकार ने रबि फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि करने की घोषणा की है।
इस संबंध में स्वत: संज्ञान लेते हुए संबंधित विभाग के अधिकारियों को नोटिस जारी किया गया है, और जांच के आदेश भी दिए गए हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी...
भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को चुनौती देते हुए कहा कि यदि वह गेहूं, धान, ज्वार, के पौधों को पहचान लें तो वह भाजपा किसान मोर्चा अध्यक्ष होने के नाते उनके कार्यालय जाकर उनका स्वागत करेंगे...
सरकारी एजेंसियों ने चालू रबी विपणन वर्ष 2018-19 में देश के प्रमुख गेहूं उत्पादक प्रदेशों में कुल 355 लाख टन से ज्यादा गेहूं की खरीद की है, जो केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य 320 लाख टन से 35 लाख टन ज्यादा है। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) की वेबसाइट पर उपलब्ध शुक्रवार को गेहूं की खरीद के ताजा आंकड़ों के अनुसार, पंजाब में सबसे ज्यादा 126.91 लाख टन गेहूं की खरीद हुई है।
केंद्र सरकार ने इस साल गेहूं की रिकॉर्ड 3.5 करोड़ टन से अधिक की खरीद की है। अब सरकार उत्तर और मध्य भारत में मानसून आने से पहले अनाज के उचित भंडारण के लिए अतिरिक्त भंडारण सुविधा किराये पर लेने की योजना बना रही है।
देश में इस साल गेहूं की सरकारी खरीद 5 साल के ऊपरी स्तर पर पहुंच गई है। भारतीय खाद्य निगम की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक सरकारी एजेंसियों ने 7 जून तक देशभर में कुल 3.508 करोड़ टन गेहूं की खरीद कर ली है जो किसी भी रबी मार्केटिंग सीजन में अबतक हुई दूसरी सबसे अधिक खरीद है, इससे पहले रबी मार्केटिंग सीजन 2012-13 के दौरान देश में 3.81 करोड़ टन गेहूं खरीदा गया था जो अबक का रिकॉर्ड है।
सरकार ने विपणन वर्ष 2018-19 में किसानों से अब तक 3.40 करोड़ टन गेहूं खरीदा है, जो कि उसके द्वारा निर्धारित लक्ष्य से 6.25 प्रतिशत अधिक है। उत्तर प्रदेश में खरीद बढ़ने से इसमें और तेजी आने की उम्मीद है।
किसानों से गेहूं की भारी खरीद के बाद अब सरकार ने गेहूं पर आयात शुल्क बढ़ाने का फैसला किया जिससे विदेशी गेहूं महंगा हो जाएगा और देश में पैदा हुए गेहूं की मांग बढ़ सकती है। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) की तरफ से जारी की गई अधिसूचना के मुताबिक गेहूं पर आयात शुल्क बढ़ाकर 30 प्रतिशत किया जा रहा है, पहले आयात शुल्क 20 प्रतिशत था
देश में इस साल जितना गेहूं पैदा हुआ है उसका एक तिहाई से ज्यादा सरकार ने खरीद लिया है। भारतीय खाद्य निगम (FCI) की तरफ से जारी आंकड़ों से यह जानकारी निकलकर सामने आयी है। सरकार ने इस साल (रबी मार्केटिंग सीजन 2018-19) देशभर में किसानों से जितनी गेहूं खरीदने का लक्ष्य निर्धारित किया हुआ था, 21 मई तक उस लक्ष्य से ज्यादा गेहूं खरीदा जा चुका है। देश के 3 प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों में लक्ष्य से ज्यादा खरीद हुई है
देश में इस साल भी गेहूं और चावल उत्पादन का रिकॉर्ड टूटा है, बुधवार को केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने फसल वर्ष 2017-18 के लिए तीसरा अग्रिम अनुमान जारी किया है जिसके मुताबिक इस साल देश में रिकॉर्ड खाद्यान्न उत्पादन हुआ है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, चालू विपणन वर्ष में अभी तक गेहूं की खरीद 16 प्रतिशत बढ़कर तीन करोड़ 18.7 लाख टन हो गई है और इसके सरकार द्वारा तय 3.2 करोड़ टन के खरीद लक्ष्य को पार करने की संभावना है।
सरकार ने इस साल किसानों से गेहूं की खरीद का जो लक्ष्य निर्धारित किया हुआ है वह 95.32 प्रतिशत पूरा हो चुका है। भारतीय खाद्य निगम के मुताबिक 9 मई तक देशभर में कुल 3.05 करोड़ टन गेहूं की खरीद हो चुकी है और कई राज्यों में किसानों से अब भी गेहूं खरीदा जा रहा है। किसानों से यह खरीद 1735 रुपए प्रति क्विंटल के समर्थन मूल्य पर हो रही है
सरकार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़ा वर्गों के विद्यार्थियों के छात्रावासों को बीपीएल दर पर प्रति छात्र 15 किलो गेहूं अथवा चावल प्रति माह उपलब्ध कराएगी। यह योजना ऐसे छात्रावासों में भी लागू की जाएगी जहां कम से कम दो-तिहाई छात्र इन वर्गो के हों।
18 अप्रैल तक सरकारी एजेंसियों ने देशभर से कुल 107.48 लाख टन गेहूं की खरीद कर ली है। इस साल पूरे सीजन के दौरान सरकार ने 320 लाख टन गेहूं खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया हुआ है। यानि 18 अप्रैल तक सराकरी एजेंसियों ने गेहूं खरीद का लक्ष्य एक तिहाई पूरा कर लिया है
देश में इस साल रिकार्ड 10 करोड़ टन गेहूं की पैदावार होने की संभावना है, जबकि पिछले साल के मुकाबले गेहूं का रकबा इस साल 4.27 फीसदी कम है।
गेहूं के कम उत्पादन की वजह से उपभोक्तों को आने वाले दिनों में गेहूं से बनने वाले उत्पादों के लिए ज्यादा कीमत चुकानी पड़ सकती है। गेहूं से प्रमुख तौर पर ब्रेड, बिस्कुट, आटा, मैदा और सूजी जैसे उत्पाद बनते हैं
देश में गेहूं उत्पादन फसल वर्ष 2017-18 में 2.31 प्रतिशत घटकर 9.61 करोड़ टन रह सकता है।
चालू रबी सीजन में जहां गेहूं और तिलहनों की बुआई में देश के किसानों ने थोड़ी उदासीनता दिखाई है वहीं दलहन की खेती के प्रति उनकी दिलचस्पी काफी रही है।
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