भारत ने 2020-21 में अप्रैल से दिसंबर के दौरान 1,870 करोड़ रुपये (25.2 करोड़ डॉलर)मूल्य का गेहूं निर्यात किया है, जबकि पिछले साल की इसी अवधि में गेहूं का निर्यात 336 करोड़ रुपये (480 लाख डॉलर) मूल्य का हुआ। इस प्रकार गेहूं निर्यात में रुपये के मूल्य में 456.41 फीसदी जबकि डॉलर के मूल्य में 431.10 फीसदी का इजाफा हुआ है।
कृषि मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि मुख्य रूप से राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे कुछ राज्यों में रबी बुवाई खेती के रकबे की साप्ताहिक प्रगति की समीक्षा से पता चलता है कि इन क्षेत्रों में रेपसीड और सरसों, दलहन और अन्य फसलों के खेती के रकबे में वृद्धि हुई है।
पिछले साल सरकार ने गेहूं के लिए 1925, चने के लिए 4875, जौ के लिए 1525, सरसों के लिए 4425 और मसूर के लिए 4800 रुपए प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य (MSP) घोषित किया हुआ था।
पिछले साल सरकार ने गेहूं के लिए 1925, चने के लिए 4875, जौ के लिए 1525, सरसों के लिए 4425 और मसूर के लिए 4800 रुपए प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य (MSP) घोषित किया हुआ था।
क्या सरकार के पास क्या इतना स्टॉक पड़ा भी है कि वह 5 महीने तक फ्री में 80 करोड़ लोगों को 5 किलो गेहूं या चावल के साथ एक किलो चना उपलब्ध करा सके?
मध्य प्रदेश देश के केंद्रीय अन्न भंडार में सबसे अधिक गेहूं देने वाला राज्य बना
इस साल गेहूं की कुल खरीद का रिकॉर्ड टूटने की संभावना
मुख्यमंत्री चौहान ने किसानों को आश्वासन दिया है कि ‘‘वे चिंतित ना हों। उनसे अनाज खरीद कर उसका भुगतान समय पर किया जाएगा। उपार्जित गेहूँ को सुरक्षित रखने का दायित्व सरकार का है।’’
कुल गेहूं खरीद में सबसे ज्यादा खरीद पंजाब और मध्य प्रदेश में हुई
गेंहूं और कपास का उत्पादन अब तक के सबसे ऊपरी स्तर तक पहुंचने का अनुमान
पंजाब अभी तक 104.28 लाख टन की खरीद के साथ सबसे आगे
पाकिस्तान के भ्रष्टाचार रोधी निकाय राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (नैब) ने अपनी एक रिपोर्ट में यह सनसनीखेज खुलासा किया है कि सिंध प्रांत के सरकारी गोदामों से 5 अरब 35 करोड़ 50 लाख (पाकिस्तानी) रुपये कीमत का 1 लाख 64 हजार 797 मीट्रिक टन गेहूं गायब मिला।
साल के लिए गेहूं खरीद का लक्ष्य के लिए 4.07 करोड़ टन निर्धारित किया गया है
राज्य सरकारों को एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने को कहा जो राज्य पुलिस के साथ मिलकर जरूरी कदम उठाएगा
दोनों देश एक-दूसरे की जरूरतों को पूरा कर सकते हैं और इस लिहाज से व्यापार को प्रोत्साहित करने की जरूरत है।
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) अब खुले बाजार में 110 रुपए कुंटल कम भाव पर गेहूं बेचेगा।
कृषि वैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि तमाम रबी फसलों के लिए यह पानी नहीं बल्कि सोना बरस रहा है।
केंद्रीय मंत्रीमंडल ने दालों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 325 रुपए प्रति क्विंटल की वृद्धि करने को अपनी अनुमति दे दी है।
सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिये सस्ती दरों पर 16.3 करोड़ अतिरिक्त परिवारों को एक किलो चीनी उपलब्ध कराने पर विचार कर रही है।
पंजाब में इस साल 129.93 लाख टन गेहूं का उत्पादन हुआ है, जोकि पिछले 20 साल का रिकॉर्ड स्तर है।
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