हरियाणा सरकार ने रबी सत्र 2021-22 के दौरान राज्य की 396 मंडियों या खरीद केंद्रों से एक अप्रैल से 15 मई तक करीब 85 लाख टन गेहूं की खरीद की है।
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने चालू सीजन में 53.80 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदकर गेहूं खरीद का अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया है। 2018-2019 में गेहूं की खरीद में यह अब तक का सर्वाधिक 52.92 लाख मीट्रिक टन है।
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने चालू सीजन में 53.80 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदकर गेहूं खरीद का अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया है।
केंद्र ने बुधवार को कहा कि उसने अप्रैल में शुरू हुए मौजूदा विपणन वर्ष में अब तक रिकॉर्ड 418.47 लाख टन गेहूं खरीदा है जिसपर 82,648 करोड़ रुपए खर्च हुये हैं।
बिस्कुट, स्नैक्स और कन्फेक्शनरी निर्माता, पारले प्रोडक्ट्स, 'पारले जी चक्की आटा' के लॉन्च के साथ आटा श्रेणी में प्रवेश करके अपने पोर्टफोलियो का विस्तार कर रहा है।
सरकार की ओर से होने वाली धान और गेहूं की खरीद अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। इस स्थिति के चलते सरकार चालू विपणन वर्ष के लिये तय लक्ष्य को आराम से हासिल कर लेगी।
गेहूं की खरीद 27 मई तक 400.45 लाख टन की हो चुकी है, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में 353.09 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी।
बिहार, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल में 98 प्रतिशत तक कटाई पूरी हुई है। वहीं उत्तर प्रदेश में यह 84 प्रतिशत पूरी हुई है।
निर्यात में महत्वपूर्ण सकारात्मक वृद्धि दर्शाने वाली वस्तुओं में गेहूं,अन्य अनाज, चावल( गैर बासमती), सोया मील, मसाले,चीनी, कपास, ताजा सब्ज़ियां, प्रसंस्कृत सब्ज़ियां शामिल हैं
चालू रबी मार्केटिंग सीजन में 64.79 लाख टन गेहूं की खरीद पूरी हो चुकी है और अनुमान लगाया जा रहा है कि इस साल गेहू की खरीद का एक नया रिकॉर्ड बनेगा।
फसल वर्ष 2020-21 (जुलाई-जून) के दूसरे अग्रिम उत्पादन अनुमान के अनुसार देश में चाावल और गेहूं के रिकॉर्ड उत्पादन के साथ खाद्यान का कुल उत्पादन 30.33 करोड़ टन रह सकता है
उत्तर प्रदेश सरकार गेंहू खरीद में पारदर्शिता लाने के लिए अब ई-पॉप मशीनो का इस्तेमाल करेगी। इससे गेहूं खरीद में धांधली और गड़बड़ी की आशंका समाप्त हो जाएगी। किसानों के अनाज के हर दाने का भुगतान उनके खातों में होगा।
केंद्र सरकार का कहना है कि एमएसपी पर फसलों की खरीद में किसानों की जमीन का रिकॉर्ड दाखिल करने और ऑनलाइन भुगतान होने से पारदर्शिता आएगी और असली किसानों को फायदा मिलेगा। लेकिन पंजाब सरकार आगामी रबी सीजन में जमीन के रिकॉर्ड दाखिल करने की अनिवार्यता लागू करने को तैयार नहीं है।
अधिकारी बताते हैं कि इससे असली किसानों की पहचान आसान होने के साथ-साथ MSP पर खरीद की व्यवस्था में पारदर्शिता आई है। केंद्र सरकार में खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने बताया कि MSP पर खरीद के लिए किसानों की बायोमेट्रिक पहचान उत्तर प्रदेश, ओडिशा, बिहार और राजस्थान में शुरू की गई है।
पाकिस्तान ने बीते 8 महीने में 33 लाख टन गेहूं का आयात किया है, जिसका बिल 91 करोड़ डॉलर है। खास बात ये ही कि बीते साल की इसी अवधि में गेहूं का कोई आयात नहीं किया गया था। वहीं चीनी के आयात में बीते साल के मुकाबले 6000 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़त रही है।
इस वर्ष गेहूं का समर्थन मूल्य 1,975 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। गेहूं की बिक्री के लिए किसानों को खाद्य एवं रसद विभाग की वेबसाइट पर पंजीकरण कराना अनिवार्य है जिसकी शुरुआत कर दी गई है।
प्रदेश सरकार के मुताबिक राज्य के कम से कम 7.25 लाख किसानों ने गेहूं की बिक्री के लिए 'मेरी फसल मेरा ब्योरा' पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराया है। साथ ही, पड़ोसी राज्यों के 1.03 लाख किसानों ने भी इस पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराया है।
उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हरियाणा देश का एकमात्र राज्य है, जहां छह फसलें - गेहूं, सरसों, दालें, चना, सूरजमुखी और जौ - न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदी जाती हैं। पहली बार, एमएसपी पर जौ की फसल की खरीद की जाएगी और इसके लिए सात 'मंडियों' की स्थापना की गई है।
इस साल देश में 1092.4 लाख टन गेहूं उत्पादन का अनुमान है, यानि इस साल पैदा होने वाले कुल गेहूं का लगभग 39 प्रतिशत सरकार खरीदने जा रही है। पिछले साल देशभर में किसानों से 389.93 लाख टन गेहूं की खरीद की थी
गेहूं की बुवाई सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में 99 लाख हेक्टेयर से अधिक हुई है जबकि दूसरे नंबर पर मध्य प्रदेश है जहां गेहूं का रकबा इस साल पिछले साल से 8.30 लाख हेक्टेयर बढ़कर करीब 88 लाख हेक्टेयर हो गया है।
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