पश्चिमी एशिया में मची उथल-पुथल से भारत चिंतित हो गया है। इजरायल से लेकर फिलिस्तीन तक और ईरान से सीरिया तक लगातार युद्ध और हमले का गढ़ बन गए हैं। इससे पश्चिम एशिया का तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है। हाल में इजरायली हमले में सीरिया में ईरानी दूतावास के कई कर्मचारी मारे गए हैं।
ईरान के उपग्रह प्रक्षेपण पर अमेरिकी सेना और विदेश मंत्रालय ने टिप्पणी के अनुरोधों का तुरंत जवाब नहीं दिया। अमेरिकी सेना ने देश के अर्द्धसैनिक रिवोल्यूशनरी गार्ड द्वारा 20 जनवरी को किए गए सफल ईरानी उपग्रह प्रक्षेपण को दबे स्वर में स्वीकार किया है।
रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने लगातार दूसरे दिन भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत की सराहना की है। उन्होंने पश्चिमी देशों पर निशाना साधते हुए कहा कि वे हर उस व्यक्ति को दुश्मन की तरह पेश करने की कोशिश करते हैं, जो उनकी बात नहीं मानता। एक समय में भारत के साथ भी उन्होंने, ऐसा प्रयास किया था। मगर भारत स्वनिर्देशित है।
रूस-यूक्रेन युद्ध लंबा खिंचने से पश्चमी देशों में हताशा हावी होने लगी है। यूक्रेन की मदद करते-करते वह सभी कंगाल हो रहे हैं। अब वह और अधिक सहायता कर पाने में समर्थ नहीं हैं। मगर यूक्रेन को रूस से जंग जारी रखने के लिए अभी लगातार मदद की जरूरत है। इसलिए जेलेंस्की फिर समर्थन जुटा रहे हैं।
चीन ने अपने राष्ट्रीय सुरक्षा, विकास और संप्रभुता का हवाला देते हुए नया विदेशी कानून पेश किया है। इससे पश्चिमी देश भी परेशान हो गए हैं। राष्ट्रपति शी जिनपिंग द्वारा यह कानून लाए जाने का एजेंडा ताईवान और दूसरे देशों द्वारा प्रतिबंधों के दौरान अपने देश का बचाव करने का उपाय प्रतीत हो रहा है।
रूस-यूक्रेन युद्ध के मसले पर पश्चिमी देशों का दोहरा रवैया सामने आया है। द वर्ल्ड पॉलिसी फोरम (ग्लोबल सॉल्यूशंस) के कार्यक्रम में जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज ने रियलिटी चेक के तौर पर भारत का उदाहर दिया है। शोल्ज ने कहा कि रूस को यूक्रेन में अपना सैन्य अभियान शुरू किए हुए एक साल से अधिक हो गया है।
ईरान ने ओएनजीसी विदेश लिमिटेड (ओवीएल) को फर्जाद-बी प्राकृतिक गैस-ब्लॉक आवंटित करने के लिए नई शर्त लगाई है। ईरान बाजार की तीन गुणा दर लगाना चाहता है।
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