कलकत्ता हाई कोर्ट ने ममता सरकार को निर्देश दिए हैं कि चुनाव के दौरान हुई हिंसा के दौरान विस्थापित हुए लोगों की वापसी को फिर से सुनिश्चित किया जाए। बता दें कि चुनाव के दौरान कई जगहों पर हिंसा के मामले सामने आए। इसी को लेकर एक मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ये निर्देश दिए।
खबर सामने आई थी कि कांग्रेस के दिग्गज नेता अधीर रंजन चौधरी ने पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि, अब उन्होंने खुद इस मामले पर जवाब दिया है।
ममता ने कहा कि ये तीनों विधेयक लोकसभा में ऐसे समय में पारित हुए, जब 146 सांसद सदन से निलंबित थे। ममता ने कहा, ''आपकी पिछली सरकार ने इन तीन महत्वपूर्ण विधेयकों को एकतरफा और बिना किसी बहस के पारित कर दिया था। उस दिन, लोकसभा के लगभग 100 सदस्यों को निलंबित कर दिया गया था और दोनों सदनों के कुल 146 सांसद बाहर थे।''
बंगाल स्थापना दिवस मनाने को लेकर राजभवन और ममता सरकार के बीच एक बार फिर से तकरार उभकर सामने आई। राजभवन में पश्चिम बंगाल स्थापना दिवस समारोह का आयोजन किया गया लेकिन राज्य मंत्रिमंडल के सदस्य कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए।
कंचनजंघा एक्सप्रेस को एक मालगाड़ी ने पीछे से टक्कर मार दी। इस हादसे में यात्री ट्रेन के गार्ड और मालगाड़ी के पायलट सहित 10 लोगों की मौत हो गई। इस ट्रेन हादसे की जांच के लिए छह वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम गठित की गई है, जिसकी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सामने आई है।
राज्यपाल सीवी बोस ने हाल ही में पुलिसकर्मियों को राजभवन परिसर खाली करने का आदेश दिया था, जिसके कुछ दिनों बाद यह बयान आया है। हालांकि, पुलिसकर्मी अभी भी राज्यपाल भवन में तैनात हैं।
प्रसिद्ध होलोंग बंगले में लगी आग की जांच के आदेश दिए गए हैं। वन मंत्री बीरबाहा हंसदा ने कहा कि लकड़ी का यह बंगला राज्य के लिए एक संपत्ति है और लोगों की इससे काफी भावनाएं और पुरानी यादें जुड़ी हुई हैं।
सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में कुछ लोग एक कार को रोक कर शीशा तोड़ने की कोशिश करते नजर आ रहे हैं। वायरल वीडियो में इसके पश्चिम बंगाल के होने का दावा किया जा रहा है। आइये जानते हैं इसका पूरा सच क्या है?
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ग्रेटर कूच बिहार पीपुल्स एसोसिएशन के नेता और भाजपा सांसद नागेंद्र रे उर्फ अनंत महाराज से मुलाकात की।
पश्चिम बंगाल का ये ट्रेन हादसा इतना भीषण था कि माल गाड़ी की टक्कर लगने के बाद कंचनजंगा एक्सप्रेस की बोगियां एक-दूसरे के ऊपर चढ़ गईं। कई बोगियां पटरी से भी उतर गईं। इस ट्रेन हादसे में 10 लोगों की जान चली गई और 60 से ज्यादा घायल हो गए।
पश्चिम बंगाल में हुए हादसे के चलते सोमवार को कई ट्रेनों को रद्द किया गया था। वहीं, मंगलवार को भी कई ट्रेनों को रद्द किया गया है। कई ट्रेनों का रूट डायवर्ट किया गया है। रेलवे ने कहा कि रूट के सुचारु रूप से शुरू हो जाने के बाद ट्रेनों की सेवा फिर से शुरू कर दी जाएगी।
वैसे तो इस रेल एक्सीडेंट के पीछे मालगाड़ी के ड्राइवर की लापरवाही को वजह बताया जा रहा है। रेल मंत्रालय ने एक्सीडेंट की जांच के लिए एक टीम बना दी है लेकिन इस मामले पर अब सियासत भी शुरू हो गई है।
पश्चिम बंगाल के रानीपतरा रेलवे स्टेशन और चतर हाट जंक्शन के बीच ट्रेन हादसा देखने को मिला। इसके बाद से ही रेलवे सेवाएं इस रूट पर बाधित थी। अबतक इस रूट पर फिर से ट्रेन सेवाओं को शुरू कर दिया गया है।
पश्चिम बंगाल में सोमवार को भीषण ट्रेन हादसा देखने को मिला। इस हादसे में कुल 9 लोगों की मौत हो गई है और दर्जन भर से अधिक लोग घायल हो गए हैं। इस बीच यह जानकारी सामने आई है कि मालगाड़ी चालक की कोई गलती नहीं थी।
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन के दुर्घटनास्थल पर ताजा हालात की समीक्षा करने के लिए बाइक से पहुंचे हैं। उन्होंने हादसे वाले स्थल का दौरा किया है।
कई राज्यों में होने वाले विधानसभा के उपचुनाव के लिए बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा की है। बीजेपी ने पश्चिम बंगाल की मानिकतला विधानसभा सीट से कल्याण चौबे को टिकट दिया है।
रेल हादसे के बाद कई ट्रेनों का रूट बदला गया है और गुवाहाटी जाने वाली कई ट्रेनों को कैंसिल कर दिया गया है। इस स्टेशन पर जल्द मरम्मत करके ट्रेनों का संचालन जरूरी है। यह उत्तर-पूर्वी राज्यों को बाकी देश से जोड़ने वाला रेल मार्ग है।
कंचनजंगा एक्सप्रेस से पहले भी कई ट्रेनें हादसे का शिकार हो चुकी है। पिछले साल ओडिशा में तीन ट्रेनें हादसे का शिकार हुई थीं, जिसमें 233 लोगों की मौत हो गई थी। इसके अलावा भी दो हादसों में 12 लोगों की मौत हुई थी।
कंचनजंगा एक्सप्रेस के हादसे के बाद विपक्ष रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव से उनके इस्तीफे की मांग कर रहा है। उनका कहना है कि पहले के रेल मंत्री ऐसे हादसों के बाद अपनी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे देते थे।
जलपाईगुड़ी ट्रेन हादसे में दोनों ट्रेनों के बीच टक्कर इतनी तेज थी कि कंचनजंगा एक्सप्रेस का आखिरी कोच हवा में उठ गया। पीछे का कोच कागज की तरह मुड़ गया और मालगाड़ी भी बेपटरी हो गई।
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