पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा को लेकर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC)ने अपनी रिपोर्ट कोलकाता उच्च न्यायाल को सौंप दी है। रिपोर्ट में हिंसा की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से कराने का प्रस्ताव दिया गया है।
चुनाव बाद हिंसा पर ममता सरकार के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ ने राज्य सरकार को चुनाव के बाद की हिंसा के संबंध में सभी शिकायतों को प्राथमिकी के रूप में मानने और उन सभी व्यक्तियों को राशन और चिकित्सा उपचार की व्यवस्था करने का निर्देश दिया, जो घायल हो गए थे।
पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र, बंगाल सरकार और चुनाव आयोग को नोटिस भेजा है। कोर्ट में चुनाव के बाद बिगड़ती कानून-व्यवस्था के मद्देनजर राष्ट्रपति शासन लगाने के लिए निर्देश देने की मांग को लेकर एक याचिका दायर की गई थी।
बता दें कि पश्चिम बंगाल में 8 चरणों में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान जमकर राजनीतिक हिंसा हुई थी। 2 मई को नतीजे आने के बाद भी हिंसा का दौर नहीं थमा।
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी लगातार हिंसा की शिकायतें कर रही हैं। राज्य में लगातार बीजेपी नेताओं पर हमले के आरोप लगे रहे हैं। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य के सभी नवनिर्वाचित विधायकों को केंद्रीय सुरक्षा देने का निर्णय किया है।
पश्चिम बंगाल विधानसभा में शुभेंदु अधिकारी को विपक्ष का नेता चुना गया है, जबकि पूर्व विधायक दल के नेता मनोज टिग्गा को उपनेता चुना गया है।
एक तरफ जहां राज्यपाल जगदी धनखड़ का कहना है कि चुनाव के बाद जिन स्थानों पर हिंसा हुई है, वहां स्थिति बेहद चिंताजनक है तो वहीं लगातार तीसरी बार सूबे की कमान हाथ में ले चुकी ममता बनर्जी का कहना है कि पश्चिम बंगाल में शांति है, कहीं पर भी हिंसा नहीं हो रही।
तृणमूल कांग्रेस के अमित मित्रा, ब्रत्य बासु और रतिन घोष को डिजिटल तरीके से शपथ दिलाई गई। मित्रा इस समय अस्वस्थ हैं और बासु तथा घोष कोविड-19 से उबर रहे हैं। इनके अलावा पार्थ चटर्जी, सुब्रत मुखर्जी, फरहाद हकीम और साधन पांडेय ने समारोह में पद की शपथ ली।
सांप्रदायिक उकसावे वाली गतिविधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी देते हुए मुख्यमंत्री ने दावा किया कि भाजपा चुनाव जीतने में नाकाम रहने के बाद हिंसा भड़का रही थी।
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में टीएमसी के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बेशक ममता को फिर से सत्ता में वापसी कराने में कामयाबी हासिल की हो लेकिन उत्तर बंगाल में उनकी रणनीति फेल हो गई, यहाँ पर केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल 42 विधानसभा के प्रभारी थे, जिनमें से 25 सीटों पर शानदार जीत हासिल हुई है।
कपिल सिब्बल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा था कि वो पश्चिम बंगाल जीतेंगे। इसी तरह, प्रधानमंत्री और हम सब को कहना चाहिए कि हम कोरोना महामारी के खिलाफ जारी इस संघर्ष को जीतेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की शानदार जीत के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बधाई दी और आश्वासन दिया कि लोगों की आकांक्षाओं की पूर्ति और कोविड-19 महामारी से जीत में केंद्र की ओर से राज्य सरकार को हरसंभव सहयोग जारी रहेगा।
तृणमूल कांग्रेस (TMC) प्रमुख ममता बनर्जी तीसरी बार पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के रूप में 5 मई को सुबह 10:45 बजे राज भवन में शपथ लेंगी।
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के परिणाम आने के बाद से ही राज्य में राजनीतिक हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। बंगाल में खून खराबा जारी है।
संबित पात्रा ने कहा कि अजीत सरकार ने मरने से पहले बताया कि उनके घर के साथ क्या किया, उनके घर टीएमसी के गुंडे घुस आए, इन्होंने अपने घर के कुत्ते पाले हुए थे, वे आवारा कुत्तों को मानवता के आधार पर घर लाकर उनकी सेवा करते थे, अजीत सरकार ने लिखा है कि उनके घर पर टीएमसी के गुंडे घुस आए और मैने जो कुत्ते पाल रखे थे उन्होंने छोटे छोटे बच्चे दिए हुए थे, उन कुत्तों के छोटे बच्चों तक को काट कर मार दिया।
केंद्र सरकार ने राज्य में चुनाव परिणाम के बाद विपक्षी कार्यकर्ताओं को निशाना बनाकर की गई हिंसा को लेकर सोमवार को पश्चिम बंगाल सरकार से रिपोर्ट तलब की।
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की प्रमुख और राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सनसनीखेज दावा किया है। ममता बनर्जी ने कहा है कि मुझे नंदीग्राम के निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि फिर से मतगणना का आदेश उनकी जिंदगी को खतरे में डाल सकता है।
आजादी के बाद ऐसा पहली बार हुआ है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा में लेफ्ट फ्रंट का एक भी नुमाइंदा नहीं पहुंच पाया है। यह वही फ्रंट है, जिसने तकरीबन साढ़े तीन दशक तक प्रदेश पर राज किया था।
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की शानदार जीत के बाद पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी सोमवार शाम सात बजे राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मुलाकात कर सरकार गठन का दावा पेश करेंगी।
सबसे कड़ा और नजदीकी मुकाबला कूचबिहार के दिनहाटा विधानसभा क्षेत्र में हुआ जहां मुकाबला भाजपा के सांसद निषिथ पारामाणिक और तृणमूल कांग्रेस के उदयन गुहा के बीच था। इस मुकाबले में बाजी पारामाणिक के हाथ लगी। उन्होंने गुहा को 57 मतों के अंतर से पराजित किया। इस मुकाबले में पारामाणिक को 1,16,035 मत मिले जबकि गुहा को 1,15,978 मत मिले।
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