विश्व आर्थिक मंच यानी WEF की शुरुआत हो गई है। दिग्गज फुटबॉलर डेविड बेकहम और दो अन्य को प्रतिष्ठित ‘क्रिस्टल पुरस्कार’ से सम्मानित करके इस सम्मेलन की शुरुआत हुई।
वैष्णव के साथ चार केंद्रीय मंत्री- सी आर पाटिल, चिराग पासवान, जयंत चौधरी और के राम मोहन नायडू भी बैठक में शामिल होंगे। कई राज्यों के मंत्रियों के साथ ही करीब 100 मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO), शामिल होंगे।
अमेरिकी अर्थव्यवस्था से 2025 में मजबूत वृद्धि की उम्मीद है, और दक्षिण एशिया, विशेष रूप से भारत में भी मजबूत वृद्धि बनाए रखने की उम्मीद है। दक्षिण एशिया में स्थिति बेहतर बनी हुई है, जहां 61 प्रतिशत मुख्य अर्थशास्त्रियों ने 2025 में मजबूत या बहुत मजबूत विकास की उम्मीद जताई है।
बैठक में भाग लेने वाले अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों में विश्व व्यापार संगठन के नगोजी ओकोन्जो-इवेला, अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष की क्रिस्टलीना जॉर्जीवा, नाटो के मार्क रुट, डब्ल्यूएचओ (विश्व स्वास्थ्य संगठन) के टेड्रोस एडनोम गेब्रेयसुस और यूएनडीपी (संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम) के अचीम स्टीनर शामिल होंगे।
नर्सिंग पेशेवरों, और शिक्षा भूमिकाओं, जैसे कि माध्यमिक विद्यालय के शिक्षकों के लिए भी महत्वपूर्ण वृद्धि का अनुमान है, जिसमें जनसांख्यिकीय रुझान आवश्यक क्षेत्रों में मांग में वृद्धि को बढ़ावा दे रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी पहले इस बैठक में शामिल हो चुके हैं, लेकिन इस बार उनकी भागीदारी के बारे में अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
सरकारी नेताओं और नागरिक समाज के सदस्यों के अलावा, भारत से रिलायंस, टाटा, अदाणी, बिड़ला, भारती, महिंद्रा, गोदरेज, जिंदल, बजाज और वेदांता जैसे व्यापारिक समूहों के शीर्ष अधिकारी शामिल होंगे।
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की सालाना बैठक में यूपी डेलिगेशन ने बडवाइजर और कार्ल्सबर्ग के सीईओ के साथ चर्चा की है। इसके अलावा आईनॉक्स एयर प्रोडक्ट्स ने महाराष्ट्र सरकार के साथ डील की है।
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की मीटिंग में पेमेंट करने वाले सदस्यों और चयनित आमंत्रित होने वाले सहित लगभग 3,000 प्रतिभागी एक साथ आते हैं।
मीटिंग में जलवायु परिवर्तन, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से खतरे, आर्थिक मुद्दे और दुनिया भर में मौजूद तमाम समस्याओं पर चर्चा की जा रही है। यूक्रेन युद्ध, इजराइल-हमास युद्ध जैसे चल रहे संघर्ष भी एजेंडे का हिस्सा होंगे।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल में तीन केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, अश्विनी वैष्णव और हरदीप सिंह पुरी के साथ-साथ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया शामिल होंगे।
सोमवार को डब्ल्यूईएफ के मुख्य अर्थशास्त्री पूर्वानुमान सर्वेक्षण में कहा कि 2023 में वैश्विक मंदी आने की आशंका है। हालांकि, इस दौरान खाद्य, ऊर्जा और मुद्रास्फीति का दबाव चरम पर पहुंच सकता है।
10 में से 7 से ज्यादा लोगों को इस बात की आशंका है कि अगले 10 वर्षों में उनके क्षेत्रों में जलवायु परिवर्तन का गंभीर प्रभाव पड़ेगा।
अडाणी ने कहा कि दावोस में भारत की भागीदारी ने दिखाया कि देश अब वैश्विक क्षेत्र में खुद को मुखर करने से नहीं कतराता है।
स्विटजरलैंड के दावोस में विश्व आर्थिक मंच यानी वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) की 50वीं सालाना बैठक होगी। 21 से 24 जनवरी 2020 तक वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की बैठक चलेगी।
प्रतिस्पर्धिता की रैंकिंग में भारत के बाद श्रीलंका 84वें, बांग्लादेश 105वें, नेपाल 108वें और पाकिस्तान 110वें स्थान पर रहा। अध्ययन में कहा गया कि वैश्विक अर्थव्यवस्था आर्थिक नरमी के लिए तैयार नहीं है।
भारत एक युवा अर्थव्यवस्था है और इसमें काफी क्षमताएं हैं। वैश्विक आर्थिक नरमी के बावजूद इसने उल्लेखनीय मजबूती और लचीलापन दिखाया है। यह बात विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) के अध्यक्ष बॉर्ज ब्रेनडे बुधवार को कही।
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) ने प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्थाओं वाली 2018 की लिस्ट जारी कर दी है। लिस्ट में पहले स्थान पर सबसे प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्था की जगह अमेरिका को मिली है।
राहुल ने पूछा, भारत के युवा इस बात पर हैरत जता रहे हैं कि क्या आप अपने विमान में कुछ वापस लाए हैं?’’
राहुल ने प्रधानमंत्री को संबोधित करते हुए यह बात एक ट्वीट के जरिए कही। इसमें उन्होंने एक खबर को भी टैग किया है, जिसमें आक्सफैम सर्वेक्षण के हवाले से कहा गया है कि...
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