उत्तर भारत के राज्यों में सोमवार को अधिकतम तापमान में थोड़ी बढ़ोतरी हुई लेकिन क्षेत्र में कुछ स्थानों पर वर्षा होने से यह साल के इस समय के लिए सामान्य सीमा से नीचे बना रहा।
मौसम विभाग ने शुक्रवार को उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में कुछेक जगहों पर भारी बरसात और पहाड़ी राज्यों में भारी बर्फबारी की चेतावनी जारी की है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने गर्मियों को लेकर अपने पूर्वानुमान में शुक्रवार को कहा कि पश्चिमोत्तर, पश्चिम, मध्य और दक्षिण भारत के कुछ इलाकों में मार्च, अप्रैल और मई के महीनों में “सामान्य से ज्यादा गर्मी रहने की उम्मीद” है।
मैदानी क्षेत्रों की बात करें तो 12 और 13 दिसंबर को दिल्ली, चंडीगढ़, हरियाणा, पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कुछेक क्षेत्रों में बरसात या ओलावृष्टि होने का अनुमान है।
मौसम विभाग के ताजा पूर्वानुमान के मुताबिक मॉनसून में और देरी हो गई है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार मानसून (Monsoon) की शुरुआत में एक हफ्ते की देरी हो सकती है और अब इसके 8 जून तक केरल में दस्तक देने की संभावना है।
देश के अधिकांश हिस्सों में मंगलवार को भी लू का प्रकोप रहा। राजस्थान में चूरू में अधिकतम तापमान 48 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हालांकि , कुछ क्षेत्रों में बारिश से लोगों को थोड़ी राहत मिली है।
बुधवार का दिन इस मौसम का सबसे गर्म दिन रहा जब शहर के कुछ हिस्सों में तापमान 43 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया।
उत्तर भारत के कई हिस्सों में मंगलवार को बारिश और बर्फबारी हुई। जम्मू कश्मीर में हिमस्खलन में दो लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
पंजाब, हरियाणा और दिल्ली एनसीआर सहित अन्य मैदानी इलाकों में अगले दो दिन तक न्यूनतम तापमान में इजाफे के कारण सर्दी से हल्की राहत रहेगी।
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में बुधवार की सुबह मौसम की पहली बर्फबारी हुई जिसने पर्यटकों और स्थानीय होटल कारोबारियों के चेहरे पर चमक ला दी।
केरल और तमिलनाडू के लिए मौसम विभाग ने 4, 5 और 8 अक्तूबर के लिए नारंगी चेतावनी भी जारी की गई है
इस बार मानसून सीजन यानि जून से सितंबर के दौरान सामान्य के मुकाबले 91 प्रतिशत बारिश रिकॉर्ड की गई है
मौसम विभाग के मुताबिक 15 अगस्त को देश के ज्यादातर हिस्सों में बरसात होने की संभावना है
पूरे मानसून सीजन यानि जून से सितंबर के दौरान अगर बारिश की कमी 10 प्रतिशत या इससे ज्यादा हो तो सीजन को सूखा घोषित कर दिया जाता है।
देश में मानसून सीजन आधा खत्म हो चुका है और अबतक बीते मानसून सीजन के दौरान देशभर में सामान्य के मुकाबले 6 प्रतिशत कम बरसात दर्ज की गई है
भारतीय मौसम विभाग ने मध्य भारत में भारी बरसात के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। सोमवार को मौसम विभाग की तरफ से जारी किए गए रेड अलर्ट के मुताबिक 23 जुलाई को पूर्वी राजस्थान, पूर्वी और पश्चिमी मध्य प्रदेश और विदर्भ में कुछेक जगहों पर बहुत भारी से अत्याधिक बरसात होने की आशंका है। पूर्वी राजस्थान और पश्चिमी मध्य प्रदेश में इस तरह के हालात 24 जुलाई को भी रह सकते हैं।
देश में मानसून सीजन को शुरू हुए लगभग डेढ़ महीना हो चुका है. लेकिन इसके बावजूद देख के कई हिस्से ऐसे हैं जहां अब भी बारिश का इंतजार हो रहा है। भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक देशभर में 103 जिले ऐसे हैं जहां अबतक बीते मानसून सीजन यानि पहली जून से लेकर 14 जुलाई के दौरान बारिश की कमी 50 प्रतिशत या इससे ज्यादा दर्ज की गई है
देश की राजधानी दिल्ली में बुधवार को लंबे समय के बाद हल्की बारिश हुई है और इस हफ्ते के अंत तक और भी जोरदार बरसात की संभावना है क्योंकि अगले 24-48 घंटे में मानसून दिल्ली पहुंच सकता है। मौसम का आंकलन करने वाली निजी संस्था स्काइमेट के प्रधान मौसम वैज्ञानिक महेश पलावत ने बताया कि थमने के बाद अब फिर से मानसून बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है और 28 या 29 जून को दिल्ली में दाखिल हो जाएगा।
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने इस साल देश में सामान्य मानसून की भविष्यवाणी की है लेकिन मानसून सीजन के पहले 20 दिन यानि पहली से 20 जून तक देशभर में औसत के मुकाबले 7 प्रतिशत कम बरसात दर्ज की गई है। मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 20 जून तक देशभर में औसतन 84.5 मिलीमीटर बरसात दर्ज की गई है जबकि सामान्य तौर पर इस दौरान देश में 90.6 मिलीमीटर बरसात होती है।
अबतक बीते मानसून सीजन के दौरान देशभर में भले ही सामान्य बरसात हुई हो लेकिन मानसून के रुकने की वजह से कुछेक राज्यों में बारिश की भारी कमी देखी जा रही है जिस वजह से उन राज्यों में खरीफ की बुआई बुरी तरह से प्रभावित हो रही है। भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक अबतक बीते मानसून सीजन के दौरान गुजरात, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में बारिश की भारी कमी देखी जा रही है
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