मौसम विभाग ने बताया कि ‘गाजा’ आज शाम या रात को पम्बान और कुड्डलूर के बीच तटीय क्षेत्र को पार कर सकता है। इस दौरान 100 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं।
मंगलवार को हुई बारिश के कारण विजिबिलिटी साफ हो गई। मौसम साफ हो जाने से लोगों ने राहत की सांस ली। मंगलवार को दिल्ली की हवा की गुणवत्ता 'गंभीर' स्तर पर थी।
शहर और उसके आस-पास के सटे इलाकों में वायु गुणवत्ता 'अति खराब' बनी हुई है, जिसमें आनंद विहार, अशोक विहार, बवाना, बुराड़ी और द्वारका शामिल हैं। वहीं मेजर ध्यानचंद स्टेडियम, आईटीओ, जवाहर लाल नेहरू और लोधी कॉलोनी में वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' है।
वायु गुणवत्ता और मौसम पूवार्नुमान और शोध (सफर) के मुताबिक, यह स्थिति दिवाली तक रहेगी।
तमाम शंकाओं और आशंकाओं के बीच यह खतरनाक तूफान गुरुवार सुबह ओडिशा के तट से टकरा गया।
आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को आपदा प्रबंधन की तैयारी की समीक्षा करते हुए संबंधित अधिकारियों को अनुमान को ध्यान में रखकर बांधों में पानी के स्तर की निगरानी करने को कहा।
मौसम विभाग के निदेशक जेपी गुप्ता के अनुसार पिछले 48 घंटों से रुक-रुककर बारिश हो रही है। इस सप्ताह के अंत तक अभी मौसम का यही रूख बरकरार रहने की संभावना हैं।
एक अधिकारी ने बताया कि अधिकारियों से निचले इलाकों, नदियों के किनारे और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में सतर्कता बढ़ाने के लिए कहा गया है।
इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोंडा, बहराइच और बलरामपुर में बाढ़ की स्थितियों को लेकर अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
गुरूवार को राजस्थान के दौसा में इतनी बारिश हुई कि सड़कों पर पानी में एक स्कूल बस फंस गई। 28 बच्चों से भरी ये बस सड़क पर आए सैलाब में ऐसे फंसी की पानी में डूबती चली गई।
अधिकारी ने कहा कि देहरादून और उत्तरकाशी और उधम सिंह नगर के जिलों में पिछले 24 घंटों में भारी बारिश हो रही है, जिससे जिला प्रशासन सतर्क हो गया है। उधम सिंह नगर जिले के बाजपुर क्षेत्र में बाढ़ जैसी स्थिति का सामना करना पड़ रहा है।
मौसम विभाग के मुताबिक 15 अगस्त को देश के ज्यादातर हिस्सों में बरसात होने की संभावना है
पूरे मानसून सीजन यानि जून से सितंबर के दौरान अगर बारिश की कमी 10 प्रतिशत या इससे ज्यादा हो तो सीजन को सूखा घोषित कर दिया जाता है।
उप्र मौसम विभाग के निदेशक जे.पी गुप्ता के अनुसार, दिन में रुक-रुककर बारिश होती रहेगी और तापमान में तीन से चार डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट आएगी। इस सप्ताह के अंत तक बारिश का दौर जारी रहेगा। इसके बाद हल्की बारिश होने का अनुमान है।
देश में मानसून सीजन आधा खत्म हो चुका है और अबतक बीते मानसून सीजन के दौरान देशभर में सामान्य के मुकाबले 6 प्रतिशत कम बरसात दर्ज की गई है
स्काइमेट के अनुसार, पिछले 24 घंटों के दौरान, पूर्वी राजस्थान और मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश हुई। विदर्भ, छत्तीसगढ़, झारखंड ओडिशा, पश्चिम बंगाल, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में बारिश हल्की से माध्यम के बीच थी।
शिमला में 21.8 मिलीमीटर बारिश हुई, जहां का तापमान 17.4 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज किया गया। मनाली में न्यूनतम तापमान 13.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो राज्य में सबसे कम है।
भारी बारिश और बाढ़ से बर्बादी सिर्फ गुजरात तक नहीं है। मध्य प्रदेश में भी ये सैलाब लोगों के लिए काल का दूसरा नाम बनता जा रहा है। मध्य प्रदेश के कई ज़िले पानी पानी है और इन्हीं उफनती लहरों में कई लोग ज़िंदगी की जंग लड़ते दिखे तो कुछ ज़िंदगी की ये लड़ाई हार भी गए।
हालत से निपटने के लिये कई जगह एनडीआरएफ की टीमें तैनात की गई हैं। बचाव और राहत का काम जारी है लेकिन पहाड़ से लेकर मैदान तक बारिश की मार पड़ रही है। लोगों की परेशानियां बढ़ती ही जा रही हैं।
देश में मानसून सीजन को शुरू हुए लगभग डेढ़ महीना हो चुका है. लेकिन इसके बावजूद देख के कई हिस्से ऐसे हैं जहां अब भी बारिश का इंतजार हो रहा है। भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक देशभर में 103 जिले ऐसे हैं जहां अबतक बीते मानसून सीजन यानि पहली जून से लेकर 14 जुलाई के दौरान बारिश की कमी 50 प्रतिशत या इससे ज्यादा दर्ज की गई है
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