भारत की सेना अमेरिका, रूस और चीन के बाद दुनिया की चौथी सबसे बड़ी सेना है। भारत के पास कई ऐसे घातक हथियार और फाइटर जेट्स हैं जो पल भर में दुश्मन को धूल चटा सकते हैं।
यूक्रेन से युद्ध में रूस की मदद करने के आरोप में अमेरिका ने 398 कंपनियों पर बैन लगा दिया है। ये सभी कंपनियां चीन, रूस समेत 15 अन्य देशों की हैं।
जम्मू-कश्मीर के अखनूर इलाके में मारे गए तीनों पाकिस्तानी आतंकी बड़े हमले को अंजाम देने के इरादे से आए थे। हथियारों के साथ सामान का इतना जखीरा मिलने से स्पष्ट है कि ये आतंकी लंबे समय तक जंग के इरादे से बड़ी साजिश के तहत आए थे।
अमेरिका ने चीन से तनावों के बीच उसके कड़े प्रतिद्वंदी ताइवान को 2 अरब डॉलर का हथियार देना का ऐलान करके बीजिंग में हलचल पैदा कर दी है। बता दें कि चीन ताइवान को अपना हिस्सा बताता है और वह उस पर कब्जा करना चाहता है।
हैती के राष्ट्रपति जोवेनेल मोइसे की 2021 में हत्या किए जाने के बाद से इस कैरेबियाई देश में गिरोह और ताकतवर हो गए हैं। ऐसा अनुमान है कि वे राजधानी पोर्ट-ऑ-प्रिंस के 80 प्रतिशत हिस्से पर कब्जा कर चुके हैं।
बुधवार को इंफाल पूर्व जिले के चम्फाई पहाड़ी पर एक अभियान में सुरक्षा बलों ने एक एम-16 राइफल, एक .22 राइफल, दो एसएलआर, एक देसी स्टेन गन, दो कार्बाइन, नौ एमएम की आठ देसी पिस्तौल, तीस मैगजीन तथा दो इंच के 12 मोर्टार जब्त किए।
गाजा में इजरायल की ओर से किए जा रहे हथियारों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने का आह्वान करने वाले फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और अन्य पश्चिमी नेताओं को नेतन्याहू के कड़े तेवर के बाद बैकफुट पर आना पड़ गया है। अब मैक्रों ने इजरायल के साथ खड़े रहने की प्रतिबद्धता दोहराई है।
भारत और रूस की दोस्ती में दरार पैदा करने के लिए की गई विदेशी मीडिया की रिपोर्टिंग पर भारत बिफर गया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने यूक्रेन युद्ध के मैदान में भारतीय हथियारों के पहुंचने की खबर को अटकलबाजी और भ्रामक बताते हुए इस खबर का पूर्ण खंडन किया है।
असम रायफल, पुलिस, BSF और सेना के संयुक्त अभियान में हथियारों का जखीरा पकड़ा गया है। अराजक तत्वों ने पुलिस स्टेशन से ही हथियार लूट लिए थे। इसके बाद यह ऑपरेशन शुरू किया।
मध्य प्रदेश के जेल विभाग ने अपराधियों को काम करने की प्रेरणा देने के लिए हिंदुस्तान पेट्रोलियम को पेट्रोल पंप बनाने की अनुमति दी है। इस पेट्रोल पंप पर हर शिफ्ट में 9 कैदी काम करेंगे।
भारत और अमेरिकी की रणनीतिक साझेदारी अब व्यापक वैश्विक ग्लोबल स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप में बदलने जा रही है। इसके तहत दोनों देश मिलकर मेक इन इंडिया के तहत भारत में ही बड़े पैमाने पर रक्षा उत्पादन करेंगे। भारत में बने हथियार अब पूरी दुनिया पर राज करेंगे। अमेरिका भारत का साथ पाकर चीन को काउंटर करने में भी सक्षम होगा।
हरियाणा विधानसभा की 90 सीटों के लिए एक अक्टूबर को मतदान होगा। नतीजे 4 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे। इसके लिए नामांकन प्रक्रिया 5 सितंबर से शुरू होगी।
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने हिंसा रोकने के लिए बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने प्रदर्शनकारियों से सात दिन के अंदर सभी अवैध हथियार सौंपने के लिए कहा है।
पाकिस्तान को तालिबान के हथियारों से डर लग रहा है। पाकिस्तान का कहना है कि इतने खतरनाक हथियार तालिबान कैसे और कहां से हासिल कर रहा है। टीटीपी से घबराए पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र से इसके खिलाफ विशेष अभियान चलाने की अपील की है।
रूसी राष्ट्रपति पुतिन जल्द ही उत्तर कोरिया के दौरे पर जाने वाले हैं। माना जा रहा है कि वह किम जोंग उन के साथ हथियारों की डील कर सकते हैं। किम ने पुतिन के आने की सूचना पाकर उनका पहले से ही स्वागत किया है।
गाजा युद्ध में इजरायल नीति पर बाइडेन अपने ही बुने जाल में फंस गए हैं। अमेरिकी सदन के प्रतिनिधियों ने इजरायल को हथियार न देने के बाइडेन के फैसले के खिलाफ वोट किया है। साथ ही बाइडेन को अब इजरायल को हथियार देने को बाध्य करने वाला बिल पारित किया है।
अमेरिका इजरायल के बाद अब यूक्रेन पर भी रहम दिल दिखा रहा है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिकंन ने अपने कीव दौरे के दौरान यूक्रेन को 2 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक के हथियार यूक्रेन को देने के सौदे को मंजूरी दी है। वहीं यूक्रेन युद्ध में अपने 16 पूर्व सैनिकों के मारे जाने से श्रीलंका परेशान है।
लाल सागर में वाणिज्यिक जहाजों को लगातार निशाना बना रहे यमन के हूतियों को लेकर अमेरिका बिफर पड़ा है। अमेरिका ने हूतियों को हथियार उपलब्ध करा रहे ईरान को बड़ी चेतावनी दी है। बाइडेन प्रशासन का कहना है कि ईरान तत्काल यमन के हूतियों को हथियार देना बंद करे।
गाजा युद्ध मामले में जो बाइडेन ने अपने पूर्व फैसले से पलटी मार दी है। इजरायली सेना को रफाह पर हमले करने पर हथियारों की सप्लाई बंद करने की धमकी देने वाले बाइडेन प्रशासन ने अब 1 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक कीमत के हथियार तेल अवीव भेजन का फैसला लिया है।
तीसरे विश्वयुद्ध के लगातार बढ़ रहे खतरे और अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा के चलते कई ताकतवरों देशों की ओर से अंतरिक्ष में हथियारों की तैनाती की जाने लगी है। यह पूरी दुनिया के लिए अच्छा संकेत नहीं है। ऐसे में रूस ने इस पर रोक लगाने के लिए संयुक्त राष्ट्र का दरवाजा खटखटाया है।
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