डीजल की कीमतों ने सोमवार को लगातार दूसरे दिन नई रिकॉर्ड ऊंचाई को छुआ है
बैंकों के कर्ज की लागत बढ़ने से भारतीय कॉरपोरेट जगत के लिए ऋण लेना महंगा हो गया है, जिससे औद्योगिक उत्पादन तथा घरेलू मांग में सुधार पर असर पड़ रहा है। एक रिपोर्ट में यह निष्कर्ष निकाला गया है।
रुपए में लगातार गिरावट से 2018-19 में देश का कच्चा तेल आयात बिल 26 अरब डॉलर तक बढ़ सकता है। डॉलर के मुकाबले रुपए की गिरावट जारी रहने से तेल आयात बिल 114 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी और घरेलू करेंसी रुपए में गिरावट की वजह से ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को दाम बढ़ाने पड़े हैं
लगभग 5 हफ्ते तक पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती या स्थिरता के बाद तेल कंपनियों ने इस हफ्ते फिर से दाम बढ़ाना शुरू किए हैं और शनिवार को लगातार तीसरे दिन दाम बढ़ाए गए हैं। लगातार 3 दिन तक पेट्रोल और डीजल की कीमतों में जो बढ़ोतरी हुई है उसके बाद दिल्ली में पेट्रोल 43 पैसे और डीजल 38 पैसे प्रति लीटर महंगा हो गया है।
डॉलर के मुकाबले भारतीय करेंसी रुपए में लगातार गिरावट के पीछे बड़ी वजह देश के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार आ रही गिरावट भी है, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के आंकड़ों के मुताबिक 15 जून को खत्म हफ्ते के दौरान देश का विदेशी मुद्रा भंडार 410.07 अरब डॉलर दर्ज किया गया है जो 2018 में सबसे कम स्तर है और रिकॉर्ड स्तर से करीब 16 अरब डॉलर कम है
कर्नाटक चुनाव की वजह से देश में 2 हफ्ते से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में किसी तरह का बदलाव नहीं हुआ है लेकिन अब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बढ़ने की वजह से ऑयल मार्केटिंग कंपनियों पर दाम बढ़ाने का दबाव बढ़ रहा है
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स 160.69 प्वाइंट की बढ़त के साथ 34101.13 पर बंद हुआ है, 28 फरवरी के बाद यह सबसे ऊपरी क्लोजिंग स्तर है
डीजल का भाव पहले ही देश में रिकॉर्ड ऊंचाई पर है और पेट्रोल की कीमतें करीब 4 साल के ऊपरी स्तर पर हैं, ऐसे में अगर भाव और बढ़ा तो उपभोक्ताओं पर खराब असर पड़ेगा
सेंसेक्स 25.36 प्वाइंट की हल्की नरमी के साथ 33819.50 और निफ्टी 14.75 प्वाइंट की नरमी के साथ 10382.70 पर बंद हुआ है।
रुपए में लगातार गिरावट जारी है, डॉलर का भाव 65 रुपए के करीब पहुंच गया है, रुपए में कमजोरी की वजह से आईटी कंपनियों को मुनाफा होने की संभावना है जिस वजह से आईटी सेक्टर में बढ़त है
डॉलर के मुकाबले रुपये का यह स्तर करीब 3 महीने में सबसे निचला स्तर है। रुपए में आई इस गिरावट की वजह से देश को फायदा होने के साथ नुकसान भी है
ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल के भाव तो घटाए हैं लेकिन कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट के बाद जिस कटौती की उम्मीद थी उसके मुकाबले भाव बहुत कम घटा है
आज 17 जनवरी को अडानी पावर और हिंदुस्तान युनिलीवर के नतीजे आएंगे, इसके बाद 18 जनवरी को अडानी पोर्ट्स, भारती एयरटेल और यश बैंक के नतीजे घोषित होंगे
सोमवार को सर्राफा बाजार में सोने की कीमतों में जो तेजी आई उसकी वजह कमजोर रुपया और विदेशी बाजार में अधिक भाव रहा। रुपए में 25 पैसे की गिरावट दर्ज की गई
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी घटकर 9,700 के भी नीचे आ गया है, 11 अगस्त के बाद पहली बार निफ्टी इस स्तर के नीचे देखा गया है।
गुरुवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 6 महीने के नए निचले स्तर तक लुढ़क गया, डॉलर का भाव बढ़कर 65.88 रुपए हो गया जो 13 मार्च के बाद सबसे अधिक भाव है
पेट्रोल और डीजल खरीदने के लिए आने वाले दिनों में आपकी जेब और खाली करनी पड़ सकती है। एक तरफ कच्चा तेल महंगा हुआ है तो दूसरी तरफ रुपया भी कमजोर है
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