दिल्ली जलबोर्ड ने बताया कि एमएस जल लाइन और एमबी रोड पर मदनगरी टी-पॉइंट को ईएसआई यूजीआर/बीपीएस से निकलने वाली मौजूदा 1200/900/600 मिमी व्यास की संगम विहार मुख्य लाइन के साथ इंटर कनेक्शन करने के कारण आज कई जगहों पर पानी की आपूर्ति प्रभावित रहेगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में पानी की कमी बढ़ती जा रही है, क्योंकि तेज आर्थिक वृद्धि और जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों के कारण लगातार बढ़ती प्राकृतिक आपदाओं के बीच पानी की खपत बढ़ रही है।
दिल्ली में पानी के संकट का समाधान निकालने के लिए आम आदमी पार्टी के नेताओं ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना से मुलाकात की। आम आदमी पार्टी के विधायक राजेश गुप्ता ने कहा कि एलजी वीके सक्सेना ने कहा कि दिल्ली में पानी के समस्या का हल निकालना बेहद जरूरी है।
दिल्ली में पानी की किल्लत को लेकर आम आदमी पार्टी और बीजेपी के नेता आमने-सामने हैं। बीजेपी नेता सड़क पर उतर कर दिल्ली सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं, आम आदमी पार्टी के नेता बीजेपी के आरोपों से पल्ला झाड़ रहे हैं।
दिल्ली में लंबे समय से पानी की समस्या बनी हुई है, लेकिन अब तक प्रशासन इसका समाधान नहीं ढूंढ़ पाया है। आम आदमी पार्टी और बीजेपी के नेता पानी की समस्या के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
भीषण गर्मी के बीच दिल्ली के कुछ इलाकों में पानी की दिक्कत शुरू हुई तो जनता भड़क गई। टैंकर से पानी भरते लोगों का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए दिल्ली की सरकार को लोग ट्रोल कर रहे हैं।
Ground Water Crisis: भारत में पिछले कई दशकों से लगातार वर्षा में गिरावट दर्ज की जा रही है। इससे भूमिगत जल का स्तर भी घटता जा रहा है। जबकि देश में पानी की खपत बहुत अधिक है। अंतरराष्ट्रीय सर्वे रिपोर्टों के मुताबिक चीन और अमेरिका मिलकर जितने पानी का इस्तेमाल करते हैं।
Water Pollution: जल के बिना जीवन संभव नहीं है, एक कहावत है ना जल ही जीवन है। यानी धरती पर जीवन को संचालित करने के लिए जल अत्यंत आवश्यक है। दुनिया भर के वैज्ञानिक धरती के अलावा अन्य ग्रह पर जल ढूंढने की प्रयास में लगे हैं इसे आप समझ सकते हैं कि जल हमारे जीवन में कितना अधिक महत्व रखता है।
दिल्ली जल बोर्ड (DJB) के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने शनिवार को हरियाणा सरकार पर दिल्ली के लिए कम जलापूर्ति करने का आरोप लगाया और कहा कि इस वजह से राष्ट्रीय राजधानी में पानी का गंभीर संकट पैदा हो गया है।
नाले-नालियों में मौजूद प्लास्टिक के छोटे टुकड़े जल शोधन प्रक्रिया के दौरान और भी छोटे टुकड़ों में तब्दील हो जाते हैं, जिसका मानव स्वास्थ्य और हमारी जलीय प्रणाली पर विनाशकारी प्रभाव पड़ता है। एक अध्ययन में यह दावा किया गया है।
महाराष्ट्र के औरंगाबाद से सांसद इम्तियाज जलील ने निचले सदन में शून्यकाल के दौरान जल संकट की समस्या पर चर्चा के लिए कम से आठ दिनों का विशेष सत्र बुलाने या इसी सत्र में इसके लिए दो-चार दिन तय किए जाने का अनुरोध किया।
भारत में जल-संकट की भयावहता को नहीं समझा जा रहा है, जबकि 2030 तक देश के 10 बड़े नगरों में भारी जल संकट छाने वाला है।
वडोदरा में पानी के लिए अफसर के पैरों में आ गिरी जनता
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