मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार हमास ने धमकी देते हुए कहा है कि अगर इजरायल बिना किसी वार्निंग के गाजा पर एयर स्ट्राइक करता रहा तो वह बंदी बनाए हुए 150 लोगों को मार देगा।
अगर हमास के साथ उसका सपोर्टर ईरान युद्ध में शामिल हो जाता है तो स्थिति बदल जाएगी।
शनिवार को इजराइल और हमास के बीच जंग की शुरूआत हुई, जो अभी भी जारी है। इस युद्ध का आज तीसरा दिन है जिसमें अब तक दोनों पक्षों के करीब 1,100 से अधिक लोगों की जान चली गई है। जानें पल-पल के अपडेट्स-
इजरायल और फिलिस्तीनी आतंकवादी संगठन हमास के बीच युद्ध की शुरुआत हो चुकी है। लेकिन क्या आपको पता है कि अपने अस्तित्व में आने के साथ ही इजरायल अबतक कई लड़ाईयों को लड़ चुका है। इस लेख में जानें अबतक इजरायल ने कितनी लड़ाईयों का सामना किया है।
इजराइल और हमास के बीच युद्ध जारी है। एक तरफ इजराइल की सेना गाजा पट्टी पर अटैक कर रही है, तो दूसरी तरफ हमास ने इजराइल में विदेशियों को भी नहीं छोड़ा।
हमास ने इजरायल पर अब तक का सबसे बड़ा हमला बोला है। इसके बाद इजरायल की सेना ने भी हमास के खिलाफ व्यापक सैन्य अभियान शुरू कर दिया है। इजरायल की सेना ने कहा है कि हमास के लिए यह युद्ध भारी पड़ेगा। इजरायल ने कहा कि हमास ने यह युद्ध छेड़ा है, मगर जीत हमारी होगी। इजरायल ने हमास पर भीषण पलटवार करना शुरू कर दिया है।
रूस-यूक्रेन के बाद अब हमास और इजरायल में भी युद्ध शुरू हो गया है। वैसे इजरायल और फिलिस्तीन की दुश्मनी बेहद पुरानी है। गाजा पट्टी को लेकर दोनों देशों के बीच एक बार फिर से युद्ध छिड़ गया है। हमास के उग्रवादियों ने इजरायल पर 5000 रॉकेट एक साथ दागने के साथ घुसपैठ की है। इधर इजरायल ने कहा जंग में हम जीतेंगे।
सूडान में खूनी संघर्ष थमने का नाम नहीं ले रहा है। फिर से शुरू हुई जंग में गोलीबारी के दौरान 11 लोगों की मौत हो गई है और 90 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। कई घायलों की हालत काफी गंभीर बताई जा रही है।
सीरिया के सैन्य ठिकाने पर अज्ञात लोगों द्वारा किए गए भीषण ड्रोन हमले में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। मरने वालों में 10 नागरिक भी शामिल बताए जा रहे हैं। घटना एक स्नातक समारोह के दौरान हुई। अचानक समारोह में बमों की बारिश होने लगी और लाशें बिछने लगीं। अभी तक किसी समूह ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।
आर्मीनिया और अजरबैजान के बीच वर्षों से चल रहे युद्ध में आखिरकार अजरबैजान की जीत हुई है। करीब 30 वर्षों बाद अजरबैजान ने फिर से नागोर्नो-काराबाख को जीत लिया है। अब यहां अलगाववादी सरकार भंग करने की तैयारी है। पहले यह शहर आर्मीनिया शासन के अधीन था।
आर्मीनिया और अजरबैजान युद्ध में हजारों परिवारों की जिंदगी नर्क बन चुकी है। वह सभी भुखमरी और बेरोजगारी और बीमारी से त्रस्त हैं। खासकर विवादित नागोर्नो-काराबाख के लोगों को नारकीय जिंदगी जीने को मजबूर होना पड़ा है। ऐसे में इस क्षेत्र के लोगों को रेड क्रॉस सोसायटी ने बड़ी मानवीय मदद मुहैया कराई है।
आर्मेनिया और अजरबैजान फिर से युद्ध के मुहाने पर खड़े हैं। अभी एक वर्ष पहले दोनों देशों के बीच हुए संघर्ष में 300 सैनिकों की दोनों ओर से मौत हुई थी। अब ताजा संघर्ष में दोनों देशों ने अपने-अपने सैनिकों के हताहत होने की जानकारी दी है। इससे यह संघर्ष और अधिक बढ़ने की आशंका है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की रूस से युद्ध के बीच स्वीडन पहुंच गए हैं। वहां वह युद्ध के लिए समर्थन जुटाने पहुंचे हैं। यूक्रेन को रूस से मुकाबले के लिए अभी भी भारी संख्या में हथियारों और फाइटर प्लेन की जरूरत है।
भारत में अभी तक जितने भी युद्ध लड़े गए। उन सबका अपना-अपना महत्व और कारण था। लेकिन भारत के इतिहास में एक बार ऐसा भी हो चुका है जब दो रियासतों ने सिर्फ एक तरबूज के लिए युद्ध कर लिया।
आर्मेनिया और अजरबैजान में लंबे अर्से से युद्ध चला आ रहा है। विवाद की मुख्य वजह नागोर्नो काराबाख है। दोनों ही देश इस पर अपना दावा करते हैं। इसी को लेकर संघर्ष चल रहा है।
सूडान की सेना और अर्धसैनिक बल फिर से आमने-सामने हैं। सूडान के शीर्ष सैन्य जनरल ने अर्धसैनिक बलों पर युद्ध अपराध करने का आरोप लगाया है। इससे दोनों सुरक्षा बलों के बीच गहरे मतभेद पैदा हो गए हैं। ऐसी स्थिति में सूडान में गृह युद्ध छिड़ने की आशंका जाहिर की जा रही है।
नाइजर और अफ्रीकी देशों में तनाव युद्ध की दहलीज तक पहुंच चुका है। नाइजर सरकार का तख्तापलट करने वाली सेना अब आरपार के मूड में हैं। नाइजर ने दक्षिण अफ्रीकी देशों से साफ कह दिया है कि उसके देश में यदि किसी भी देश ने अपने सैनिक भेजे तो उन सभी को मार दिया जाएगा। साथ ही नजरबंद राष्ट्रपति को भी।
नाइजर के जनरल अब्दौराहमाने त्चियानी ने देश की सरकार का तख्तापलट करने के बाद आक्रामक रुख अपना लिया है। इधर अफ्रीकी देशों की उस चेतावनी को भी जुंटा मिलिट्री ने मानने से इनकार कर दिया, जिसमें अपदस्थ राष्ट्रपति राष्ट्रपति मोहम्मद बजौम को बहाल करने के लिए कहा गया था।
दक्षिण चीन सागर में अपनी दादागिरी के लिए जाना जाने वाला चीन समुद्र में फिलीपींस से भिड़ गया है। दरअसल चीनी तटरक्षकों ने फिलीपींस के कब्जे वाले इलाके में जा रही उसकी नौका और सैनिकों को रोक दिया। चीनी तटरक्षकों ने उन पर वाटर कैनन से बौछार कर दिया। फिलीपींस और अमेरिका ने इसका कड़ा विरोध किया है।
फिलिस्तीनी में राष्ट्रपति के फतेह ग्रुप और इस्लामिक धड़े में 3 दिनों से भीषण संघर्ष चल रहा है। इसमें अब तक 6 लोगों की मौत हो गई है। हालांकि अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक मरने वालों की संख्या इससे भी अधिकि है।
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