रूस और यूक्रेन के युद्ध को 22 दिन हो चुके हैं। दोनो देशों की तरफ से दावा किया जा रहा कि इस युद्ध में वो भारी पड़ रहा है। इसी बीच अमेरिका की तरफ से दावा किया गया कि इस युद्ध में 7000 से ज्यादा रूसी सैनिक अपनी जान गंवा चुकें हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी एक खबर में दावा किया गया है कि रूसी सैनिकों का मनोबल लगातार टूट रहा है।
कनाडा के परिवहन मंत्री उमर अलघाबरा ने ट्वीट कर बताया- 'हम यूक्रेन में रूस की अकारण आक्रामकता के समर्थन के जवाब में बेलारूसी विमानों को कनाडा के हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने से रोक रहे हैं।'
नाटो महासचिव जेन्स स्टोल्टेनबर्ग की बढ़ी चिंता, यूक्रेन में मॉस्को द्वारा रासायनिक हथियारों के साथ एक झूठा अभियान चलाने की आशंका
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि गंभीर संघर्ष से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद हमने सुनिश्चित किया कि लगभग 22,500 भारतीय नागरिक सुरक्षित भारत लौट पाएं।
अमेरिका ने यूक्रेन के सैन्य ठिकाने पर रूसी मिसाइल हमले की निंदा करते हुए कहा है कि- यह क्रूरता बंद होनी चाहिए
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा- ' G7 देश रूस को अलग-थलग करने के लिए अधिक कार्रवाई करेंगे'
भारत द्वारा यूक्रेन के सूमी शहर से निकालने गए 17 विदेशी नागरिकों में एक पाकिस्तानी नागरिक भी शामिल है। रूस के लगातार हमलों के कारण ये लोग करीब एक पखवाड़े से सूमी में फंसे हुए थे।
जंग के 13वें दिन भी रूसी सेना के हमले कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। भारत ने भी यूक्रेन के लिए राहत सामग्री भेजना शुरू कर दिया है। रूस को जंग में कड़ी टक्कर देने में जुटे यूक्रेन ने दुश्मन देश के मेजर जनरल विटाली गेरासिमोव को मार डाला है।
अतुल ने यूक्रेन की फौज पर भी कमेंट किया। उन्होंने कहा कि यूक्रेन की फौज उनके काफिले को कहीं भी रोक देती थी।
रूस लगातार यूक्रेन की राजधानी कीव में एंट्री करने की कोशिश कर रहा है। दूसरी तरफ, यूक्रेन की सेना भी उसे रोकने का प्रयास कर रही है। इस समय सबसे बड़ा सवाल यही है कि इस युद्ध के नतीजे क्या होंगे?
भारत के 70 फीसदी सैन्य हार्डवेयर रूस में बने हुए हैं। ऐसे में इनकी मरम्मत के लिए समय-समय पर रूस से स्पेयर पार्ट्स खरीदे जाते हैं। अब ऐसे में कई तरह के सवाल उठते हैं। क्या रूस से हथियार खरीदने के बाद हमारे अमेरिका से रिश्ते खराब होंगे?
कुल 141 सदस्यों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया जबकि पांच ने इसका विरोध किया। भारत उन 35 देशों में शामिल था, जिन्होंने परहेज किया। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल के जरिए इस वोटिंग प्रक्रिया में भारत के न होने पर पक्ष रखा है।
वह यूक्रेन में इवोना शहर के एक विश्वविद्यालय के छात्रावास में रहती थीं। संस्कृति ने कहा कि रूस के हमले का इनोवा में ज्यादा असर नहीं हुआ था, लेकिन हवाई अड्डा बंद कर दिया गया था और छात्रावास के भोजनालय में खाना बनना बंद हो गया था।
रूस के रक्षा मंत्री ने बताया, यूक्रेन में रूस के 498 सैनिक मार गए हैं और 1,597 सैनिक घायल हो गए थे। रूस के खिलाफ लामबंद होते हुए बुधवार को संयुक्त राष्ट्र में अधिकतर देशों ने उससे यूक्रेन से बाहर निकलने की मांग की।
अलीपोव ने कहा कि जहां तक संपूर्ण व्यापार और आर्थिक सहयोग का संबंध है, तो हम देखेंगे कि जो कठोर प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं, उनका आखिरकार क्या असर पड़ेगा।
रूस और यूक्रेन के बीच तनाव थमने का नाम नहीं ले रहा है। भारत सरकार यूक्रेन में फंसे छात्रों को निकालने के लिए प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसले के बाद 4 मंत्री यूक्रेन के पड़ोसी देशों में पहुंच चुके हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रोमानिया में रोमानिया पहुंचे भारतीय छात्रों से मुलाकात की और उन्हें यकीन दिलाया कि भारत सरकार सभी छात्रों को सुरक्षित देश लेकर जाएगी।
पुतिन ने जैसे ही यूक्रेन पर हमले का ऐलान किया तो बेलारूस ने उसके लिए अपने बॉर्डर खोल दिए थे। इस पूरे तनाव में बेलारूस हर जगह रूस के साथ खड़ा नज़र आया है। इस बीच बेलारूस के राष्ट्रपति का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है।
यूक्रेन को अमेरिका लगातार समर्थन कर रहा था। एक्सपर्ट्स की मानें तो पुतिन को 1991 में सोवियत संघ के टूटने के बाद से रूस की शक्ति और प्रभाव के नुकसान से गहरी शिकायत है। यूक्रेन पहले सोवियत संघ का हिस्सा था, लेकिन 1991 में उसने अपनी स्वतंत्रता की घोषणा की।
यूक्रेन में भारतीय छात्रों की हालत काफी खराब है। जान बचाने के लिए छात्र खारकीव में बेसमेंट और अंडरग्राउंट शेल्टर्स में छिप गए थे। यहां तब से भारतीय छात्र छिपे हुए हैं जब से युद्ध शुरू हुआ था
होशियारपुर से सांसद प्रकाश ने चिंतित परिजनों को यूक्रेन में फंसे छात्रों या किसी और के बारे में एक फॉर्म में आवश्यक सूचना देने का अनुरोध किया है। इसमें उनके मोबाइल नंबर, पासपोर्ट नंबर और यूक्रेन में उस इलाके की जानकारी होनी चाहिए जहां वे रहते थे।
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