महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा दिए गए आंकड़ों के मुताबिक सूबे में 18-19 आयुवर्ग के मतदाताओं की संख्या 22,22,704 है जिनमें 5,00,22,739 पुरुष, 4,69,96,279 महिलाएं और 6,101 तृतीय लिंग के मतदाता हैं।
जिस जम्मू कश्मीर में चुनाव का नाम सुनते ही लोग डर जाते थे, घरों से नहीं निकलते थे। उसी नए जम्मू कश्मीर में आज वोटरों की लंबी-लंबी कतारें लगी हुई थी। बडगाम जिले का सोइबुघ आतंकी सैयद सलाहुद्दीन का इलाका है, वहां भी लोग आज खुलकर वोट डालने पहुंचे थे।
जिस जम्मू कश्मीर में चुनाव का नाम सुनते ही लोग डर जाते थे, घरों से नहीं निकलते थे। उसी नए जम्मू कश्मीर में सुबह से ही वोटरों की लंबी-लंबी कतारें लगी हुई हैं। जो अनंतनाग पहले बंदूकों के साये में रहता था वहां आज वोटिंग हो रही है।
ब्रिटेन में 4 जुलाई को होने वाले संसदीय चुनाव से पहले हिंदू वोटरों को लुभाने का प्रयास शुरू हो गया है। प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के अलावा लेबर पार्टी के नेता कीर स्टार्मर ने भी स्वामी नारायण मंदिर में पहुंचकर पूजा-अर्चना की। इसके बाद उन्होंने हिंदुओं के साथ भेद-भाव नहीं होने देने का वादा किया।
बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने कहा कि हम बांग्लादेशी क्षेत्र के वोट बैंक से हार गए। वहीं, संजय शिरसाट ने कहा कि वह देश में आते हैं, ताकि कोई दल उनका समर्थन करें। अवैध बांग्लादेशियों ने मतदान किया, इसका लाभ विपक्षी दलों ने लिया।
लोकसभा चुनाव खत्म हो चुका है। एनडीए की सरकार बनने जा रही है और पीएम नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। इस बीच हम आपको बताने वाले हैं कि आखिर किस राज्य में कितनी संख्या में पुरुषों और महिलाओं ने मतदान किया है।
चुनाव आयोग ने वोटर्स डेटा को लेकर चल रही चर्चा के बीच अभी तक संपन्न पांच चरणों के चुनाव का आंकड़ा जारी किया और कहा कि इसमें किसी तरह की हेरफेर नहीं की जा सकती है। एक-एक वोट का हिसाब है।
पीएम मोदी ने संपूर्णानंद संस्कृत महाविद्यालय में नारी शक्ति संवाद कार्यक्रम में करीब 25 हजार महिलाओं को संबोधित किया। इस कार्यक्रम की खास बात ये थी कि इसमें पूर्वी उत्तर प्रदेश की महिलाएं ही मौजूद थीं। मंच का संचालन भी महिलाओं ने किया।
Lok Sabha Elections 2024: 5वें चरण के मतदान में बिहार की 5 सीटों पर वोटिंग चल रही है। ये सीटें सारण, हाजीपुर, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी और मधुबनी हैं। हाजीपुर सीट से चुनावी मैदान में चिराग पासवान हैं जिनका मुकाबला राजद के शिवचंद राम कर रहे हैं।
ब्रिटेन में होने वाले आम चुनावों से पहले प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की चिंताएं जीत को लेकर बढ़ गई हैं। हाल ही में ब्रिटेन में हुए उपचुनाव और स्थानीय चुनाव में सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था।
भारत में जिन लोगों की नागरिकता संदेह के घेरे में है, उन्हें डी वोटर यानी डाउटफुल (संदिग्ध) वोटर कहा जाता है। ये लोग रह तो भारत में रहे हैं लेकिन इनके पास वोट डालने का हक नहीं है।
दिल्ली में 2,627 स्थानों पर 13,637 और 4 सहायक (2,891 महत्वपूर्ण) मतदान केंद्रों के साथ 70 गुलाबी बूथ भी स्थापित किए जाएंगे, जिन्हें केवल महिला अधिकारी ही संभालेंगी। इसके साथ ही इसी तरह 70 मॉडल मतदान केंद्र भी बनाए जाएंगे।
लोकसभा चुनाव 2019 में लोकसभा की 11 ऐसी सीटें थीं, जहां दो उम्मीदवारों के हार और जीत के बीच वोटों का मार्जिन 4 हजार से लेकर 96 हजार तक था। एक सीट पर तो दो उम्मीदवारों के हार और जीत के बीच वोटों का अंतर 4,492 था।
लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में जारी मतदान के बीच भीलवाड़ा में एक बुजुर्ग की पोलिंग बूथ पर ही मौत हो गई। वह मतदान के लिए लाइन में खड़े थे तभी अचानक उनकी तबियत बिगड़ गई।
यूपी के नोएडा की गिनती हाईटेक शहरों में होती है इसके बावजूद यहां का शहरी इलाका वोटिंग के मामले काफी पीछे है। इस बार मतदान प्रतिशत को बढ़ाने के लिए लाने के लिए नोएडा की हाईराइज सोसायटी में 52 और ग्रेटर नोएडा की हाईराइज सोसायटी में 48 बूथ बनाए गए हैं।
देशभर में लोकसभा चुनाव का इंतजार अब खत्म होने वाला है। 19 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग होगी। वहीं, ओडिशा में 21 लोकसभा सीटों के लिए चार चरणों में लोकसभा चुनाव का आयोजन होगा।
राजस्थान में पहले चरण के 12 लोकसभा क्षेत्रों में सर्वाधिक मतदाता जयपुर में 22,87,350 हैं, जबकि दौसा लोकसभा क्षेत्र में सबसे कम 18,99,304 मतदाता हैं। पहले चरण में 19 अप्रैल को 12 सीटों- गंगानगर, बीकानेर, चूरू, झुंझुनू, सीकर, जयपुर ग्रामीण, जयपुर, अलवर, भरतपुर, करौली-धौलपुर, दौसा और नागौर में मतदान होगा।
राजस्थान में लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के लिए नामांकन पूरे हो चुके हैं। राज्या में दो चरणों में 19 और 26 अप्रैल को चुनाव होंगे। पहले चरण में 19 अप्रैल को 12 सीटों- गंगानगर, बीकानेर, चूरू, झुंझुनू, सीकर, जयपुर ग्रामीण, जयपुर, अलवर, भरतपुर, करौली-धौलपुर, दौसा और नागौर में मतदान होगा।
कोई मतदाता मतदान केंद्र पर पहुंचने के बाद भी मतदान से दूरी बना सकता है। ‘नोटा’ विकल्प मतदाताओं को किसी भी प्रत्याशी में विश्वास नहीं जताने का अवसर देता है, वहीं ‘मतदान से इनकार’ का विकल्प उसे मतदान प्रक्रिया से ही दूर रहने का मौका देता है।
भारत के 1950 में गणतंत्र बनने से एक दिन पहले अस्तित्व में आए निर्वाचन आयोग ने 17 आम चुनाव कराए हैं। लेकिन पहले आम चुनाव कराने में उसे देश के भूगोल और जनसांख्यिकी दोनों से जुड़ी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिसका बड़ा तबका तब अशिक्षित था।
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