अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप को अचानक यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने फोन लगा दिया। उन्होंने ट्रंप को रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनने पर बधाई दी। साथ ही पिछले हफ्ते हुए जानलेवा हमले की निंदा की। ट्रंप ने कहाकि वह रूस-यूक्रेन युद्ध खत्म करने के लिए जेलेंस्की की पूरी मदद करेंगे।
अगर अमेरिका यूक्रेन को सहयोग करना बंद कर दे तो कीव का क्या होगा, क्या जेलेंस्की तब रूस से मोर्चा ले पाएंगे, क्या यूक्रेन रूस के सामने जंग में फिर लंबे समय तक टिक पाएगा?...इन सभी सवालों को लेकर अमेरिकी रक्षामंत्री एंटनी ब्लिंकन ने बड़ा बयान दिया है कि अमेरिका यूक्रेन को मदद रोक भी दे तो वह अपने पैरों पर खड़ा होगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की जुबान इस बीच लगातार फिसल रही है। इससे राष्ट्रपति चुनाव से पहले उनकी बौद्धिक क्षमता और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं। वैसे भी उनकी 81 वर्षीय उम्र को लेकर शुरू से सवाल उठ रहे हैं। मगर अब उन्होंने जेलेंस्की को पुतिन के नाम से संबोधित करके बवाल बढ़ा दिया है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की अब रूस के आंतिरक सैन्य ठिकानों पर हमला करने के फिराक में हैं। जेलेंस्की को लगता है कि रूस के आंतरिक सैन्य ठिकानों को ध्वस्त किए बगैर यूक्रेन रूस के खिलाफ युद्ध को नहीं जीत सकता। इसलिए उन्होंने अमेरिका से रूसी ठिकानों पर अमेरिकी हथियारों से हमले पर लगी रोक हटाने को कहा है।
जिस नाटो संगठन का सदस्य बनने के लिए यूक्रेन ने खुद को बर्बादी के बारूद पर रख दिया, अब वह उसका सदस्य नहीं बन पाएगा। यूक्रेन के सबसे बड़े मददगार अमेरिका ने ही कह दिया है कि रूस से युद्ध समाप्त होने के पहले यूक्रेन को इस संगठन का सदस्य नहीं बनाया जाएगा।
यूक्रेन में शांति को लेकर स्विट्जरलैंड में चल रहे सम्मेलन से पहले पुतिन ने एक और बयान दिया है। रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि यदि यूक्रेन मॉस्को के लिए अपनी और अधिक जमीन छोड़ने को तैयार हो और वह नाटो में शामिल होने की जिद छोड़ दे तो युद्ध खत्म हो सकता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने जी7 से इतर इटली में यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने यूक्रेन युद्ध को लेकर फिर एक बड़ा बयान जारी किया। पीएम मोदी के बयान पर पूरी दुनिया की नजर बनी हुई थी। मोदी ने कहा कि शांति का मार्ग "संवाद और कूटनीति" से होकर गुजरता है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने यूक्रेन के प्रेसिडेंट व्लादिमिर जेलेंस्की से माफी मांगी है। पेरिस के एक सम्मेलन के बाद बाइडेन ने जेलेंस्की से माफी मांगी। उन्होंने कहा कि यह माफी वह यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति में अमेरिका की तरफ से हुई देरी के लिए मांग रहे।
यूक्रेन युद्ध रोकवाने के लिए राष्ट्रपति जेलेंस्की को अभी भी भारत से बड़ी उम्मीद है। जेलेंस्की ने इसके लिए पीएम मोदी से फोन पर बात की और उनसे स्विट्जरलैंड में यूक्रेन शांति वार्ता में शामिल होने की अपील की। इसके साथ ही यूक्रेन आने के लिए आमंत्रित किया।
अमेरिका इजरायल के बाद अब यूक्रेन पर भी रहम दिल दिखा रहा है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिकंन ने अपने कीव दौरे के दौरान यूक्रेन को 2 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक के हथियार यूक्रेन को देने के सौदे को मंजूरी दी है। वहीं यूक्रेन युद्ध में अपने 16 पूर्व सैनिकों के मारे जाने से श्रीलंका परेशान है।
रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच क्या 2 वर्षों की जंग के बाद अब निर्णायक मोड़ आ चुका है। अमेरिका और रूस के नेताओं की ओर से तो कुछ ऐसे ही संकेत मिल रहे हैं। यूक्रेन युद्ध के बीच अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन कीव पहुंच गए हैं। जवाब में पुतिन ने चीन यात्रा का ऐलान कर दिया है।
रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच दुनिया को चौंका देने वाली खबर सामने आ रही है। यूक्रेनी खुफिया एजेंसियों का दावा है कि जिस वक्त रूस में पुतिन का शपथ ग्रहण समारोह चल रहा था, ठीक उसी वक्त जेलेंस्की की हत्या होने वाली थी। यह साजिश रूस ने रची थी। मगर इसे यूक्रेन ने नाकाम करने का दावा किया है। मामले में दो कर्नल गिरफ्तार हुए हैं।
यूक्रेन और स्विट्जरलैंड के अधिकारियों ने कहा है कि प्रस्तावित सम्मेलन के संबंध में कई देशों के साथ विचार-विमर्श किया गया है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि जब तक रूस के लक्ष्य पूरे नहीं हो जाते, यूक्रेन में शांति कायम नहीं होगी।
यूक्रेन ने रूस पर अब तक का सबसे बड़ा हमला किया है। रूस में राष्ट्रपति चुनाव के बाद व्लादिमिर पुतिन के हाथ में दोबारा सत्ता आते ही रूसी सेना ने यूक्रेन पर हमला तेज कर दिया था, मगर अब जेलेंस्की की सेना ने रूस पर कर दिया सबसे बड़ा पलटवार। हालांकि रूस को इससे कितना नुकसान हुआ है, इस बारे में अभी कोई सटीक जानकारी नहीं है।
रूस ने यूक्रेन को बड़ी चेतावनी देते हुए उसके सुरक्षा प्रमुख और अन्य को मॉस्को के हवाले करने के लिए कहा है। पुतिन की सेना ने जेलेंस्की को साफ कह दिया है कि रूस पर आतंकी हमले के आरोपियों को उनके हवाले कर दिया जाए। बता दें कि कुछ दिनों पहले ही रूस के कॉन्सर्ट हाल में हुए हमले में करीब 143 लोग मारे गए थे।
यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमिर जेलेंस्की फोन पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत करने के बाद काफी खुश नजर आए। उन्होंने भारत के साथ यूक्रेन के द्विपक्षीय संबंधों को कृषि, फॉर्मास्यूटिकल, औद्योगिक और विमानन क्षेत्र में मजबूत करने की इच्छा जताई। यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता के समर्थन पर भारत का धन्यवाद किया।
भारत की कूटनीति का पूरी दुनिया में डंका बज रहा है। रूस में चुनाव के बाद एक बार फिर पुतिन के राष्ट्रपति निर्वाचित होने के बाद पीएम मोदी ने उनसे फोन पर बात की। इसके बाद प्रधानमंत्री ने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से भी फोन पर वार्ता की। इस दौरान रूस-यूक्रेन संघर्ष समाप्त करने का रास्ता खोजने पर चर्चा हुई।
दो साल से भी ज्यादा समय से चली आ रही रूस और यूक्रेन जंग से यूक्रेन थक चुका है। इसी बीच यूक्रेन के विदेश मंत्री भारत की यात्रा पर आ रहे हैं। यूक्रेन को भारत से बहुत उम्मीद है कि भारत इस जंग का कोई समाधान निकाल सकता है।
मुख्य समस्या यह है कि यूक्रेन को समर्थन देने की महज बयानबाजी न केवल निरर्थक है, बल्कि प्रतिकूल भी है। वे आवश्यक क्षमताएं प्रदान किए बिना युद्ध के जीतने योग्य होने की मृगतृष्णा को कायम रखते हैं। जैसा कि यूक्रेनी राष्ट्रपति व्लादिमीर ज़ेलेंस्की ने 17 फरवरी को म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में भी कहा था।
रूस-यूक्रेन युद्ध के मैदान से इस वक्त की सबसे बड़ी खबर सामने आ रही है। युद्ध के 2 वर्ष पूरे होने से पहले रूसी सेना ने यूक्रेन के एक और शहर पर कब्जा कर लिया है। यूक्रेन ने अवदिव्का से अपनी सेना को पीछे हटा लिया है। हथियारों और गोला-बारूद की कमी के चलते यूक्रेनी सेना को पीछे हटने के लिए मजबूर होना पड़ा।
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