टेलिकॉम कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा ग्राहकों के लिए फायदा लेकर आता है। ऐसे में आपके लिए एक फायदे की खबर है। ग्राहकों को अब अनलिमिटेड डेटा और वॉइस कॉलिंग मिनट्स मिलेंगे वो भी कम पैसे देकर।
टेलिकाम सेक्टर में जबरदस्त कंपीटिशन देखा जा रहा है। ऐसे में इससे ग्राहकों को फायदा होता दिख रहा है। अब भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) ने जियो, वोडाफोन आईडिया, एयरटेल को टक्कर देने के लिए नया ऑफर पेश किया है।
इससे पहले सितंबर 2020 में वोडाफोन ने इनकम टैक्स विभाग के खिलाफ 22,000 करोड़ रुपये का रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स का केस जीत लिया था।
भारती एयरटेल ने 36.74 लाख नए ग्राहकों को जोड़ा है। वहीं इस दौरान रिलायंस जियो के साथ 22.28 लाख नए सब्सक्राइबर जुड़े हैं।
रिलायंस जियो का आरोप है कि यह दोनों कंपनियां अपने कर्मचारियों, एजेंट्स और रिटेलर्स के जरिए रिलायंस के विरूद्ध नेगेटिव कैम्पेन चला रही हैं। जियो ने अपना पक्ष साबित करने के लिए फोटो और वीडियो भी ट्राई को सौंपे हैं।
8.6 एमबीपीएस डाउनलोड स्पीड के साथ जियो के बाद आइडिया सेल्यूलर नेटवर्क (अब वोडाफोन आइडिया) का स्थान है।
जुलाई तक वायरलैस सब्सक्राइबर के आधार पर मार्केट में सबसे बड़ी हिस्सेदारी रिलायंस जियो की रही, बाजार के 35 फीसदी हिस्से में जियो का कब्जा है। वहीं भारती एयरटेल के पास 27.96 फीसदी और वोडाफोन आइडिया के पास 26.34 फीसदी हिस्सा है।
सरकार वोडाफोन के साथ बहुचर्चित अंतरराष्ट्रीय कर मध्यस्थता (पंचाट) मामले में लड़ाई हारने के बाद अब कानूनी विकल्प़ों पर विचार कर रही है। सिर्फ वोडाफोन ही नहीं, सरकार का केयर्न एनर्जी के साथ भी ऐसा ही मामला चल रहा है।
कंपनी ने भारत के द्वारा 7990 करोड़ रुपये के कैपिटल गेंस टैक्स की मांग को चुनौती दी थी। ये रकम ब्याज और पेनल्टी के साथ बढ़कर 22 हजार करोड़ रुपये हो गई
फिच रेटिंग्स ने कहा कि वोडाफोन आइडिया ने इक्विटी और कर्ज के रूप में धन जुटाने की योजना बनाई है। इससे कंपनी के प्रतिस्पर्धी स्थिति लौटने की संभावना नहीं है। न ही इससे कंपनी ग्राहकों की संख्या में हुए नुकसान की भरपाई कर पाएगी, क्योंकि यह राशि निवेश की दृष्टि से पर्याप्त नहीं होगी।
इस नए ब्रांड की नजर भविष्य की संभावनाओं पर टिकी होंगी और इसे उपभोक्ताओं को बेहतर सेवा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से डिजाइन किया गया है।
कंपनी के मुताबिक शुक्रवार को हुई बोर्ड बैठक में रकम जुटाने की अनुमति मिली है। कंपनी को फिलहाल करीब 50 हजार करोड़ रुपये एजीआर बकाया के रूप में चुकाने हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कंपनियों को बकाया चुकाने के लिए 10 साल का वक्त दिया है।
अगर आप Airtel, Jio या Vodafone-Idea में से किसी भी टेलीकॉम ऑपरेटर से ग्राहक है तो आपको अपने प्लान को बदलने का समय आ गया है, जो आपके लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकते हैं और हम आपके लिए विकल्प लेकर आए हैं।
ट्राई के द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक मई के महीने में कुल वायरलैस सब्सक्रिप्शन 56 लाख घटे हैं। शहरों में इनकी संख्या 62.9 करोड़ से घटकर 62 करोड़ के स्तर पर आ गई है। वहीं गांवों में इनकी संख्या में बढ़त देखने को मिली। मई के अंत में गांवों में सब्सक्राइबर की संख्या 52 करोड़ से बढ़कर 52.3 करोड़ हो गई हैं।
‘टेलीकॉम कंपनियां घटते शुल्क और बढ़ते निवेश के दोहरे जोखिम में फंसी’
मार्च अप्रैल में गिरावट के बाद जून में बेहतर हुई डेटा स्पीड
कंपनी ने अबतक एजीआर बकाये में कुल 7,854 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है
ट्राई ने वोडाफोन आइडिया को प्रीमियम प्लान पर रोक लगाने को निर्देश दिया था
वोडाफोन को AGR बकाया के रूप में करीब 53 हजार करोड़ रुपये चुकाने हैं
दिसंबर तिमाही में वोडाफोन आइडिया का घाटा बढ़कर 6439 करोड़ रुपये हो गया है
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