लखनऊ के चर्चित एप्पल एक्जिक्यूटिव विवेक तिवारी की हत्या के मामले में अपने साथी की तरफदारी दो और पुलिस कर्मियों को महंगी पड़ी।
यूपी पुलिस के बागी सिपाही सर्वेश चौधरी ने एसएसपी को अपना इस्तीफा सौंप दिया है।
क़त्ल को जायज कैसे ठहरा सकते हैं वर्दीवाले?
डीजीपी ने ऐसी घटनाओं के लिये पेशेवर प्रशिक्षण की कमी को जिम्मेदार करार देते हुए कहा कि 2013 से 2017 के बीच भर्ती किये गये सिपाहियों के लिये रीफ्रेशर कोर्स चलाने का निर्णय लिया गया है।
Vivek Tiwari murder case: लखनऊ में उस रात क्या हुआ था?
सना ने इंडिया टीवी से खास बातचीत में बताया कि वारदात के बाद पुलिसकर्मियों ने उस पर काफी मानसिक दबाव बनाया। उन्हें शक है कि तहरीर बोलकर लिखवाने वाली महिला कोई और नहीं, आरोपी सिपाही प्रशांत की पत्नी ही थी।
प्रशांत चौधरी पर उत्तर प्रदेश के सिपाहियों ने मुहिम छेड़ रखा है। टारगेट दिया गया है पांच करोड़ का। बाकायदा अकाउंट नंबर है और IFSC कोड दिया गया है। फेसबुक पर लिखा गया है कि प्रशांत चौधरी की पत्नी को केस लड़ने के लिए मदद करें।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बताया गया है कि विवेक को चेहरे के बाईं तरफ प्वॉइंट ब्लैंक रेंज से गोली मारी गई। संभवतः गाड़ी के बोनट पर चढ़कर विवेक को गोली मारी गई थी।
आप नेता ने हिन्दी और अंग्रेजी में कई ट्वीट करके इस घटना को लेकर भाजपा की निंदा की।
विवेक के परिवार की मांग है की जब तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नहीं आते परिवार विवेक का अंतिम संस्कार नहीं करेगा। उनका कहना है कि सरकार ने मांग नहीं मानी तो वो अनशन पर बैठेंगे।
घटना के वक्त विवेक के साथ गाड़ी में मौजूद सहकर्मी सना का आरोप है कि कॉन्स्टेबल ने बाइक दौड़ाकर विवेक के गले में गोली मारी। सना की शिकायत पर ही हत्या का मामला दर्ज किया गया है।
संपादक की पसंद