बांग्लादेश की राजधानी ढाका समेत कई शहर हिंसा की आग में झुलसे हुए हैं। ढाका समेत कई शहरों में अनिश्चितकालीन राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू लगाया गया है। प्रदर्शनकारी पीएम शेख हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।
ब्रिटेन में 3 बच्चियों की चाकू मार कर हत्या किए जाने के बाद विरोध प्रदर्शनों ने जोर पकड़ लिया है। पूरे ब्रिटेन में हिंसा हो रही है। इस दौरान आज 87 लोगों की गिरफ्तारी की गई है।
मणिपुर में शांति समझौते के हुए अभी 24 घंटे भी नहीं बीते थे कि एक बार फिर से हिंसा भड़क उठी है। जिरिबाम में एक मेइती समुदाय की बस्ती में खाली पड़े एक घर को आग के हवाले कर दिया गया है, वहीं फायरिंग की भी खबर है।
कांग्रेस की त्रिपुरा इकाई ने गंडतविसा में छात्र की मौत और उसके बाद भड़की भारी हिंसा की न्यायिक जांच कराने और घटना में प्रभावित लोगों को उचित मुआवजा देने की मांग की है।
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री कई मामलों में बरी होने और 9 मई की हिंसा में रिमांड खारिज होने के बाद फिर से अपने तेवर बदलने लगे हैं। इमरान की पार्टी पीटीआई ने अपने सभी नेताओं को जेल से छुड़ाने के लिए देशव्यापी आंदोलन का ऐलान कर दिया है।
बांग्लादेश में हुए देशव्यापी हिंसक प्रदर्शन में कई लोगों की मौत हो गई है। अब शेख हसीना सरकार ने इस पूरे मामले पर बड़ा कदम उठाया है। अवामी लीग के महासचिव ओबैदुल कादर ने कहा है कि सरकार अपनी जिम्मेदारी पूरी करेगी।
बांग्लादेश से भारत वापस लौटे मेडिकल स्टूडेंट्स ने नाम ना बताने की शर्त पर बताया कि किस तरह वह डर के साये में जी रहे थे और वहां से भारत वापस लौटने की कोशिश में लगे थे।
कांग्रेस ने बालौदाबाजार हिंसा को लेकर स्थगन प्रस्ताव पेश किया जिसे विधानसभाध्यक्ष ने अस्वीकार कर दिया। इसके बाद सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए विपक्षी सदस्य आसन के सामने आ गए, जिसके कारण उन्हें निलंबित कर दिया गया।
यूपी के 2021 लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे को बड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा को जमानत दे दी है।
बांग्लादेश में हिंसा को देखते हुए भारत सरकार पूरी तरह से सतर्क है। इस बीच विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि अब तक 4,500 से ज्यादा भारतीय छात्र बांग्लादेश से भारत वापस लौट आएं हैं। उच्चायोग भारतीय नागरिकों की सुरक्षित यात्रा की व्यवस्था में लगा है।
बांग्लादेश में जारी हिंसा के बीच सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले ने सरकार के चारों खाने चित्त कर दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार द्वारा लागू किए गए आरक्षण की सीमा को रद्द करते हुए नया फैसला सुनाया है। इससे आंदोलनकारियों की मौज हो गई है। साथ ही अब आंदोलन थमने की उम्मीद की जा सकती है।
अब तक, 778 भारतीय छात्र विभिन्न भूमि बंदरगाहों के माध्यम से भारत लौट आए हैं। इसके अलावा, लगभग 200 छात्र ढाका और चटगांव हवाई अड्डों के माध्यम से नियमित उड़ान सेवाओं द्वारा घर लौट आए हैं।
बांग्लादेश में आरक्षण को लेकर हो रहे हिंसक विरोध प्रदर्शन से हालात बेकाबू हो गए हैं। ऐसे में भारतीय दूतावास भी सतर्क हो गया है। भारत की ओर से बांग्लादेश में रह रहे विशेषकर छात्रों अपने नागरिकों के लिए खास एडवाइजरी और आपातकालीन स्थितियों में मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया है।
बांग्लादेश में आरक्षण को लेकर हिंसक प्रदर्शनों का दौर शुरू हो गया है। कई जगहों पर हिंसक झड़पों की खबर सामने आई है, जिसमें कम से कम 6 लोग मारे गए हैं और काफी संख्या में घायल भी हुए हैं। प्रदर्शनकारियों में ज्यादातर छात्र हैं। ऐसे में सरकार ने सभी विश्वविद्यालयों को बंद करने का आदेश दिया है।
मंत्री टिंकू रॉय ने धलाई जिले के हिंसाग्रस्त गंडाट्विजा इलाके का दौरा किया। इस दौरान उन्हें गुस्साई भीड़ की नाराजगी झेलनी पड़ी। दो गुटों की झड़प में घायल 19 वर्षीय युवक की मौत के बाद 12 जुलाई को हिंसा भड़क गई थी।
पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘जवान के सिर में गोली लगी थी और अस्पताल ले जाने पर उसे मृत घोषित कर दिया गया। घायल पुलिसकर्मी का इलाज जारी है, लेकिन वह खतरे से बाहर है।’’
'आज भी प्रदेश दो टुकड़ों में बंटा हुआ है। घर जल रहे हैं, मासूम ज़िंदगियां खतरे में हैं और हज़ारों परिवार राहत शिविरों में जीवन काटने पर मजबूर हैं।'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में मणिपुर हिंसा पर भी बात रखी। उन्होंने कहा कि 11 हजार से ज्यादा एफआईआर दर्ज किए गए जबकि 500 से ज्यादा गिरफ्तारी हुई है।
सूडान में सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच संघर्ष फिर तेज हो गया है। अर्धसैनिक बलों ने सैन्य नियंत्रण वाले एक शहर पर घातक हमला किया है। हालांकि हमले में जान-माल का कितना नुकसान हुआ है, इसका अभी तक कोई ब्यौरा नहीं मिल सका है।
हैती में हिंसा ने हाहाकार मचा दिया है। मार्च से लगातार हिंसा बढ़ती ही जा रही है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार बढ़ती हिंसा और हमलों के बीच अब तक 5.80 लाख लोग सुरक्षित ठिकानों की ओर विस्थापित हुए हैं।
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